गुमलाः जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है. एक नवजात बच्चे को किसी ने जंगल में लावारिस छोड़ दिया. गुरुवार को उसके रोने की आवाज सुनकर एक ग्रामीण महिला उसे उठाकर अस्पताल ले गयी. लेकिन गुमला सदर अस्पताल में इलाज के क्रम में नवजात शिशु की मौत हो गयी.
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घटना को लेकर बताया जा रहा है कि रायडीह थाना क्षेत्र के सिलम पाकरटोली पहाड़ के जंगल में एक स्थानीय शिक्षिका लीलावती देवी लकड़ी तोड़ने के लिए गयी थी. इसी बीच उसे घने जंगल के बीच से किसी बच्चे की आवाज सुनाई पड़ी. उसके बाद शिक्षिका आवाज सुनकर बच्चे की तरफ जाने लगी. वहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि एक नवजात वहां लावारिस हालत में रो रहा है. उसे चीटियों ने घर रखा तो कई चीटियां नवजात के शरीर रेंग रही थीं. यह दृश्य देखकर लीलावती की रूह कांप गया.
किसी प्रकार से लीलावती ने नवजात के शरीर से चीटियों को हटाकर उसे अपनी गोद में उठा लिया. इसके बाद उन्होंने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय मुखिया के साथ साथ पुलिस को दी. मामले की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने नवजात शिशु को तत्काल इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई. सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने हरसंभव नवजात को बचाने का प्रयास किया.
इस मामले की छानबीन के लिए पुलिस एक बार फिर से जंगल पहुंची और मौके का मुआयना कर आसपास के लोगों से पूछताछ की. लेकिन अब तक पुलिस को किसी प्रकार की जानकारी हासिल नहीं हो सकी है. फिलहाल रायडीह पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच में जुट गयी है. लेकिन अब तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि नवजात को किसने जंगल में फेंका और शिशु के माता-पिता कौन हैं.