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गुमला सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, एंबुलेंस की आस में महिला की रुकी सांस

गुमला सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण सुधइन नाम की एक महिला मरीज की जान चली गई. दरअसल महिला को रांची रेफर किया गया था, पर उसे एंबुलेंस नहीं मिला और इंतजार में महिला ने दम तोड़ दिया.

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महिला का शव
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Published : Feb 8, 2020, 6:39 AM IST

Updated : Feb 8, 2020, 7:11 AM IST

गुमला: सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण सुधइन नाम की एक महिला मरीज की जान चली गई. दरअसल, सुधइन देवी नाम की महिला पिछ्ले एक सप्ताह से सदर अस्पताल में भर्ती थी. उसे इलाज के दौरान डॉक्टरों ने खून की कमी बताया था. जिसके बाद परिजनों ने खून का इंतजाम करा महिला को दो युनिट खून चढ़वाया.

गंभीर होने पर किया गया रेफर
इसके बाद भी महिला की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो शुक्रवार को करीब 03:00 बजे डॉक्टरों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. जिसके बाद महिला के परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया तो उन्हे बताया गया कि गुमला सदर अस्पताल में दो ही एंबुलेंस है और दोनों मरीज को लेकर रांची गया हुआ है.

ये भी पढ़ें- मुकेश जालान हत्याकांड: हत्यारों का सुराग नहीं, एसआईटी गठित

एंबुलेंस की आस में महिला ने तोड़ा दम
अब यहां सवाल उठता है कि जब जीपीएस टेक्नोलॉजी से लैस 108 एंबुलेंस में जो नजदीक होता है उसे ही भेजने का प्रावधान है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके अलावा सदर अस्पताल में करीब छह से अधिक चालकों का नंबर बोर्ड में चिपकाया गया है जो अस्पताल में मौजूद एंबुलेंस के हैं. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने यहां से भी महिला को रिम्स ले जाने के लिए परिजनों को एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया. जिसके बाद शाम में करीब छह बजे एंबुलेंस की आस में महिला ने दम तोड़ दिया.

किसी ने नहीं ली सुध
बाद में परिजन रोते बिलखते शव घर ले जाने के लिए वाहन देने को विनय करते रहे, लेकिन किसी ने सुध तक नहीं ली. जब काफी देर हो गई तो परिजनों ने नाराजगी जताना शुरु किया जिसे देख हॉस्पिटल मैनेजर पहुंचे तो जरूर, लेकिन उल्टे परिजनों पर आरोप मढ़ते निकल लिए.

ये भी पढ़ें- रांची के कई इलाकों में आज नहीं रहेगी बिजली, जानें कौन से इलाके में रहेगी बत्ती गुल

देर शाम भेजा गया शव
हालांकि, मामला तूल पकड़ता देख सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी और टाउन थाना पुलिस पहुंची और शव वाहन मंगा कर शव को देर शाम करीब सात बजे घर भेजा गया.

गुमला: सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण सुधइन नाम की एक महिला मरीज की जान चली गई. दरअसल, सुधइन देवी नाम की महिला पिछ्ले एक सप्ताह से सदर अस्पताल में भर्ती थी. उसे इलाज के दौरान डॉक्टरों ने खून की कमी बताया था. जिसके बाद परिजनों ने खून का इंतजाम करा महिला को दो युनिट खून चढ़वाया.

गंभीर होने पर किया गया रेफर
इसके बाद भी महिला की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो शुक्रवार को करीब 03:00 बजे डॉक्टरों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. जिसके बाद महिला के परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया तो उन्हे बताया गया कि गुमला सदर अस्पताल में दो ही एंबुलेंस है और दोनों मरीज को लेकर रांची गया हुआ है.

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एंबुलेंस की आस में महिला ने तोड़ा दम
अब यहां सवाल उठता है कि जब जीपीएस टेक्नोलॉजी से लैस 108 एंबुलेंस में जो नजदीक होता है उसे ही भेजने का प्रावधान है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके अलावा सदर अस्पताल में करीब छह से अधिक चालकों का नंबर बोर्ड में चिपकाया गया है जो अस्पताल में मौजूद एंबुलेंस के हैं. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने यहां से भी महिला को रिम्स ले जाने के लिए परिजनों को एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया. जिसके बाद शाम में करीब छह बजे एंबुलेंस की आस में महिला ने दम तोड़ दिया.

किसी ने नहीं ली सुध
बाद में परिजन रोते बिलखते शव घर ले जाने के लिए वाहन देने को विनय करते रहे, लेकिन किसी ने सुध तक नहीं ली. जब काफी देर हो गई तो परिजनों ने नाराजगी जताना शुरु किया जिसे देख हॉस्पिटल मैनेजर पहुंचे तो जरूर, लेकिन उल्टे परिजनों पर आरोप मढ़ते निकल लिए.

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देर शाम भेजा गया शव
हालांकि, मामला तूल पकड़ता देख सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी और टाउन थाना पुलिस पहुंची और शव वाहन मंगा कर शव को देर शाम करीब सात बजे घर भेजा गया.

Intro:गुमला : सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण सुधईन नामक एक महिला की जान चली गयी । दरअसल सुधईन देवी नामक महिला पिछ्ले एक सप्ताह से सदर अस्पताल में भर्ती थी । उसे ईलाज के दौरान चिकित्सकों ने खुन की कमी बताया था । जिसके बाद परिजनों ने खुन का ब्यवस्था करा सुधईन देवी को दो युनिट खुन चढ़वाया था । इसके बाद भी महिला की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो शुक्रवार को करीब 03:00 बजे चिकित्सकों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया । जिसके बाद महिला के परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया तो उन्हे बताया गया कि गुमला सदर अस्पताल में दो ही एम्बुलेंस है और दोनों मरीज को लेकर राँची गया हुआ है ।

Body:अब यहां सवाल उठता है कि जब जीपीएस टेक्नोलॉजी से लैस 108 एम्बुलेंस में जो नजदीक होता है उसे ही भेजने का प्रावधान है,किंतु ऐसा नही हुआ । इसके अलावा सदर अस्पताल में करीब छह से अधिक चालकों का नम्बर बोर्ड में चिपकाया गया है जो अस्पताल मे मौजूद एम्बुलेंस के हैं । बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने यहां से भी महिला को रिम्स ले जाने के लिए परिजनों को एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया । जिसके बाद शाम में करीब छह बजे एम्बुलेंस की आस में सुधैन दम तोड़ देती है ।

Conclusion: बाद में परिजन रोते बिलखते शव घर ले जाने के लिए वाहन देने को अनुनय विनय करते रहे । मगर किसी ने सुध तक नही लिया। जब काफ़ी देर हो गयी तो परिजनों ने नाराजगी जताना शुरु किया जिसे देख हॉस्पिटल मैनेजर पहुंचे तो जरूर लेकिन उल्टे परिजनो पर आरोप मढ़ते निकल लिए। हालांकि मामला तूल पकड़ता देख सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी और टाउन थाना पुलिस पहुंची और शव वाहन मंगा कर शव को देर शाम करीब सात बजे महिला का घर भेजा ।
Last Updated : Feb 8, 2020, 7:11 AM IST
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