गुमला: जिले का रायडीह प्रखंड मुख्यालय में तीन क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इन सेंटरों में196 प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है की कई ऐसे प्रवासी मजदूर हैं जिनका 14 दिनों का क्वॉरेंटाइन किए जाने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. इसके बावजूद उन्हें घर नहीं भेजा जा रहा है. वहीं दूसरी और कुछ ऐसे भी प्रवासी मजदूर हैं जिनका मेडिकल चेकअप नहीं किया गया है तो कुछ ऐसे भी प्रवासी मजदूर हैं जिनकी जांच के लिए सैंपल तो लिया गया है लेकिन कई दिनों के बाद भी उनकी रिपोर्ट नहीं आई है. जिस वजह से इन क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर काफी परेशान हैं.
प्रवासी मजदूरों को हो रही परेशानी
क्वॉरेंटाइन किए गए प्रवासी मजदूरों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि तय समय बीत जाने के बाद भी उन्हें उनके घरों तक नहीं भेजा जा रहा है. कुछ मजदूरों ने कहा कि सैंपल लिए जाने के बाद भी उनकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. वहीं कुछ का कहना है कि न तो उनकी कोई जांच की गई है और ना ही सैंपल लिया गया है जिसके कारण वे मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं.
वहीं, दूसरी ओर क्वॉरेंटाइन सेंटरों में सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवान भी परेशान हैं. दिन भर प्रवासी मजदूरों के साथ रहने वाले होमगार्ड जवानों को सुरक्षा कीट के नाम पर सिर्फ सेनेटाइजर ही दिया गया है. इन्हें न तो हैंड ग्लब्स मिला है ना ही पीपीई कीट.
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इधर, इस मामले पर रायडीह प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि रायडीह प्रखंड में तीन क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. जहां 196 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. उन्होंने बताया कि कुछ मजदूरों का सैंपल लेकर जांच के लिए रांची भेजा गया है लेकिन वहां से रिपोर्ट नहीं आई है. कुछ मजदूरों का क्वॉरेंटाइन की समय सीमा समाप्त हो गई है लेकिन रिपोर्ट नहीं आने के कारण से उन्हें छोड़ा नहीं जा सका है.