गुमला: मेरा बाबा को का हो गया..मेरा बाबा चला जाएंगे..मेरे बाबा क्यों सोए हैं..हमसे बात क्यों नहीं कर रहे.. एक्का प्रखंड के कटिम्बा गांव में देर तक शहीद जवान दुलेश्वर प्रास की बेटी सत्यवती की ये चीत्कार लोगों को दुखी करती रही...सत्यवती अब बाबा से बात नहीं कर पाएगी..क्योंकि वे लोहरदगा के ददरू के जंगल में हुए आईईडी विस्फोट में सदा के लिए सो गए हैं.. बदहवास सत्यवती के पिता दुलेश्वर देश के लिए शहीद हो गए, ये बताने की हिम्मत कटिम्बा गांव में न तो वर्दीवालों कर पा रहे थे और न परिवारवाले.
ये भी पढ़ें-जहां सोच-वहीं आत्मनिर्भरताः मुखिया ने निजी खर्चे से तैयार कराया बांध, बदल दी कई गांव की तस्वीर
बेटी ने नक्सलियों से बदला लेने की ठानी
दरअसल, लोहरदगा के सेरेंगदाग में मंगलवार को हुए आईईडी ब्लास्ट में गुमला के दुलेश्वर प्रास शहीद हो गए थे. बुधवार को गुमला जिले के उनके पैतृक गांव उनका पार्थिव शरीर लाया गया. यहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान शहीद दुलेश्वर अमर रहें के नारों के साथ आसमान गूंजता रहा. बाद में 12 साल की मासूम को जब ये समझ आया कि उसके पिता नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट में शहीद हो गए हैं, तो उसने भी बदला लेने की ठान ली. नन्हीं मासूम अब एसपी बनकर नक्सलियों का मुकाबला करना चाहती है.
छोटा बेटा भी चाहे पुलिस में भर्ती होना
सत्यवती बार-बार कह रही थी कि मेरे पापा की यह हालत जिसने भी की है, उसको मैं नहीं छोडूंगी. वह बार-बार अपने पापा के पार्थिव शरीर की ओर दौड़ रही थी, जिसे एसडीपीओ कुलदीप कुमार ने शहीद जवान की बेटी को शांत कराया. उन्होंने कहा कि बेटी हम लोग हैं न मत रोओ. शहीद दुलेश्वर का 9 साल का बेटा सिवान भी बड़ा होकर पुलिस में भर्ती होना चाहता है. इनके रोने बिलखने की आवाज से पूरा गांव गूंजता रहा.
ये भी पढ़ें-चाईबासा की चकाचक सड़कों पर दौड़ रही मौत! इंसानी खून से लाल हो रहीं सड़कें
पत्नी-बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
इससे पहले शहीद जवान का पार्थिव शरीर मंगलवार देर रात गुमला पुलिस लाइन लाया गया. इसके बाद पुलिस लाइन में एसपी हरदीप पी जनार्दन, एएसपी, सीआरपीएफ के अधिकारी समेत कई पुलिस पदाधिकारियों ने सलामी दी. साथ ही पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. बाद में बुधवार सुबह 10.15 बजे शहीद का शव उनके पैतृक गांव कटिंबा लाया गया. यहां शहीद का शव पहुंचते ही पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. शहीद की पत्नी रेखा देवी बदहवास हो गईं.
भाई की शहादत बेकार न होः बहन प्यारी देवी
एक ओर शहीद की बेटी के आंसू नहीं थम रहे थे तो दूसरी ओर शहीद दुलेश्वर की पत्नी रो-रोकर बेसुध हो जा रही थी. शहीद दुलेश्वर की बहन प्यारी देवी की आंखें भी नम थीं. उन्हें गर्व है कि उनका भाई देश के लिए शहीद हुआ है लेकिन वो ये भी चाहती हैं कि बाकी जवान, भाई दुलेश्वर की शहादत को बेकार न होने दें.
ये भी पढ़ें-सिमडेगा की सिंचाई व्यवस्था बनी रोल माॅडल, दूसरे राज्यों से देखने पहुंच रहे पदाधिकारी
नक्सलियों के खिलाफ हम और कड़ा अभियान चलाएंगेः एसडीपीओ
बाद में शहीद को अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान आसमान शहीद दुलेश्वर अमर रहें के नारे से गूंजता रहा. राजकीय सम्मान के साथ दी गई विदाई में हजारों ग्रामीण शामिल हुए. लोगों की आंखें नम रहीं. एसडीपीओ कुलदीप कुमार ने कहा कि हम सभी पहले से और भी कड़ा ऑपरेशन चलाएंगे. शहीद दुलेश्वर प्रास के साथ जो वारदात हुई है, उससे हमें नक्सलियों के खात्मे के लिए जी तोड़ कोशिश करने की प्रेरणा मिली है.
भीखमपुर-मेराल सड़क का नाम शहीद के नाम पर होः भाजपा जिला महामंत्री
वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री मिसिर कुजूर ने कहा कि घटना से मैं बहुत दुखी हूं और सरकार से मांग करता हूं कि शहीद के परिवार को सारी सुविधाएं देने के साथ भीखमपुर से मेराल तक की जो सड़क बन रही है उसका नाम शहीद दुलेश्वर प्रास के नाम पर हो. साथ ही उन्होंने सरकार के मंत्रियों के गांव न पहुंचने की निंदा की. उन्होंने कहा कि शहीद की विदाई में सरकार का कोई भी मंत्री या विधायक शामिल नहीं हुआ जो निंदनीय है.भाजपा नेता अवधेश प्रताप सहदेव ने कहा कि शहीद के पार्थिव शरीर को सही तरीके से सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव नहीं लाया गया.
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
गांव में एसडीपीओ कुलदीप कुमार, इंस्पेक्टर अनुप बी.केरकेट्टा, गुमला पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष सहदेव भगत, उपाध्यक्ष वरूण कुमार, सचिव मनीष सिंह, कोषाध्यक्ष मनोज पासवान, संयुक्त सचिव शशि कान्त गोप, लोहरदगा जिला पुलिस एसोशिएशन के अध्यक्ष पासिना दिग्गी उपाध्यक्ष जेबियर लुगुन, सचिव भरतचन्द्र महतो कोषाध्यक्ष बिगनी लकड़ा, सचिव श्याम रंजन कुमार, इकबाल हुसैन एवं सार्जेंट पप्पू विश्वकर्मा जारी थाना के प्रशिक्षु दरोगा दीपक रोशन, विवेक पाण्डेय, भाजपा महामंत्री मिसिर कुजूर, दिलीप बड़ाइक, अवधेश प्रताप शाहदेव, कामेश साय, शीतल खलखो, सतेन्द्र सिंह आदि ने शहीद को श्रद्धांजलि दी.