गुमलाः अपर सत्र न्यायाधीश-प्रथम, सह विशेष न्यायाधीश ने रवि मुंडा नामक व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई है. रवि ने अपने मामा की 9 वर्षीय मासूम बच्ची की धारदार हथियार से गला काट कर हत्या कर दी थी. इसी मामले में न्यायाधीश ने रवि पर आईपीसी की धारा 370,10 पोक्सो एक्ट के तहत फांसी की सजा के साथ 10 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी दिया है.
क्या है पूरा मामला
1 अक्टूबर 2018 को रवि मुंडा बच्ची के घर आया था. एक दिन रवि ने हंसी-खुशी दिन बिताया. अगले दिन 2 अक्टूबर की सुबह में सभी अपने काम पर चले गए. घर में सिर्फ बच्ची और बच्ची मां थी. मां खाना बना रही थी और बच्ची उनकी मदद कर रही थी. खाना बनाते समय रवि की मासूम पर गलत निगाहें थी. वह लगातार मौका तलाश रहा था कि बच्ची उसे अकले मिल जाए. जब बच्ची कुछ समान लेने के लिए कमरे में गई तो रवि ने उसके साथ छेड़खानी करने की कोशिश की. बच्ची के विरोध करने के लिए चिल्लाने लगी और अपने मां-बाप को अवाज देने लगी.
रवि बच्ची की चिल्लाहट से घबरा गया और हड़बड़ी में उसने दरवाजा बंद कर दिया. बच्ची और जोर से चिल्लाने लगी तभी उसने धारदार हथियार से मासूम का गला काट कर हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद रवि कमरे के अंदर लकड़ी के ऊपर छिपकर बैठा हुआ था. जिसे ग्रामीणों के सहयोग से पकड़कर रस्सी से बांध दिया गया और फिर पुलिस को सौंप दिया गया.
हत्या का मामला दर्ज होने के बाद व्यवहार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश- प्रथम सह विशेष न्यायधीश ने कोर्ट में मामले कि सुनवाई की. जिसमें 1 साल के अंदर ही मामले पर सुनवाई करते हुए दोषी अभियुक्त को फांसी की सजा दी गई है.
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लोक अभियोजक का क्या है कहना
लोक अभियोजक ने बताया कि रवि मुंडा को फांसी की सजा सुनायी गयी है. रवि मुंडा पर अपने मामा की नाबालिग बेटी की हत्या और पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज हुआ था. जिसके बाद न्यायालय ने उसे भादवि की धारा 302 और 10 पोक्सो एक्ट के तहत फांसी की सजा सुनाई है. लोक अभियोजक ने कहा कि न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले से समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा.