गुमलाः जिले के मजदूर दंपती की हिमाचल प्रदेश में मौत हो गयी है. इसको लेकर उनके पैतृक गांव में शोक की लहर है. परिजनों ने उन दोनों का शव पैतृक गांव लाने की गुहार सामाजिक संगठन और सरकार से लगाई है. ये दोनों कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र के केरागानी व तबेला रहने वाले थे.
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मजदूर दंपती झालू उरांव और उनकी पत्नी राजकुमारी देवी की मौत अत्यधिक बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में हो रहे भूस्खलन के कारण पहाड़ के मलबे से दबकर हो गई. जिसकी सूचना बुधवार को परिजनों को फोन के माध्यम से दी गई. जिसके बाद परिजनों में सुनील किंडो शांति नगर स्थित मजदूर संगठन के कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने मजदूर दंपती के शव को पैतृक गांव मंगवाने की गुहार संगठन और सरकार से लगाई है.
इस दौरान सुनील किंडो ने बताया कि जिले में काम नहीं मिल पाने के कारण पिछले ही वर्ष पति पत्नी रोजगार की तलाश में पलायन कर गये थे. वो दोनों हिमाचल प्रदेश में रहकर मजदूरी का काम कर रहे थे. लेकिन इसी बीच वहां प्राकृतिक आपदा में उन दोनों की मौत हो गयी. परिजनों का आरोप है कि वो जहां काम करते थे वहां के ठेकेदार द्वारा शव को भेजने की कोई पहल नहीं की जा रही है. उल्टे फोन पर ठेकेदार हरिओम शर्मा के द्वारा शव को नहीं ले जाने का दबाव बनाया जा रहा है. इसके अलावा ठेकेदार द्वारा धमकी भी देने का भी आरोप परिजनों ने लगाया है.
वहीं इस मामले पर मजदूर संगठन के प्रदेश सचिव जुमन खां ने कहा है कि आए दिन झारखंड के मजदूर की मौत दूसरे राज्य में हो जाती है. लेकिन उनके शव यहां लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पता है. ऐसे में प्रशासन और सरकार को चाहिए कि कोई ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे की समस्या का निदान हो सके और परदेश में मारे जा रहे मजदूरों को आखिरी वक्त में उनके गांव की मिट्टी नसीब हो सके.