गुमला: शहर के नगर भवन में शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय एससी-एसटी हब कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. कॉन्क्लेव की अध्यक्षता केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने की. कार्यक्रम में मुख्य रूप से उद्योग विभाग के सचिव जीतेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व विधायक शिव शंकर, गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी, गुमला एसपी डॉ एहतेशाम वकारिब, एक्सआईएसएस के निदेशक डॉ जोसेफ मारियानस कुजूर, सहायक निदेशक गौरव कुमार, मर्सी एपाओ, जेएस-एसएमई, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार सहित अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
कॉन्क्लेव में सैकड़ों एससी-एसटी उद्यमियों ने लिया भागः राष्ट्रीय एससी-एसटी हब (एनएसएसएच) योजना और मंत्रालय की अन्य योजनाओं के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था. जिसमें सैकड़ों एससी-एसटी उद्यमियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में एमएसएमई मंत्रालय की संयुक्त सचिव मर्सी एपाओ ने मुख्य भाषण दिया और कॉन्क्लेव के मुख्य उद्देश्य से सभी को अवगत कराया. इस दौरान एससी-एसटी उद्यमियों को सीपीएसई, उद्योग संघों, ऋण देने वाली संस्थाओं, ट्राइफेड, एनईआरएएमएसी, जीईएम के साथ बातचीत करने के लिए एक संवाद मंच प्रदान किया.
केंद्र सरकार देशभर में उद्यमों के समग्र समावेशी विकास के लिए तत्पर : इस अवसर पर केंद्रीय राज्यम मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि "सरकार देश भर में उद्यमों के समग्र समावेशी विकास के लिए विभिन्न पहलों का नेतृत्व करने में सक्रिय रूप से कार्यरत है. हमारा ध्यान निर्यात, उत्पादों की गुणवत्ता, सकल घरेलू उत्पाद में योगदान और सभी को विश्वस्तरीय अवसंरचना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदान करने के मामले में पूर्वोत्तर क्षेत्र को एमएसई के संदर्भ में एक बेंचमार्क बनाना है. उन्होंने गुमला के लोगों में बहुत विश्वास दिखाया और कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के उद्यमी अभिनव विचारों और व्यापार के पारस्परिक अवसरों का पता लगाएंगे और योजना से विभिन्न लाभ प्राप्त करेंगे. उन्होंने सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए सभी एससी-एसटी समुदाय के लोगों को एमएसएमई योजना से मिलने वाले लाभों के प्रति जागरूक करने की बात कही और लोगों को आसान भाषा में योजनाओं को समझाने की बात कही. साथ ही मंत्री ने सभी को एससी-एसटी उद्यमियों के द्वारा निर्मित उत्पादों की खरीद करने के लिए प्रोत्साहित किया.
कई कंपनी, संगठन, बैंक शाखा और एसटी-एससी उद्यमियों द्वारा लगाए गए स्टॉल: कार्यक्रम के दौरान कई बड़ी कंपनियों की भी भागीदारी देखने को मिली. बैंक शाखाओं ने भी अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति उद्यमियों की सहायता के लिए सुविधा डेस्क लगाया गया था और एमएसएमई क्षेत्र में एससी-एसटी समुदाय को दी जाने वाली विभिन्न ऋण योजनाओं का विवरण दिया. कार्यक्रम में एमएसएमई की सहायता के लिए अपनी विभिन्न योजनाओं को प्रस्तुत करने वाले अन्य सरकारी संगठन भी थे एवं कार्यक्रम के दौरान विभिन्न अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के स्टॉल भी थे. जिन्होंने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया.
सफल उद्यमियों को किया गया सम्मानित:कार्यक्रम के दौरान अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के पांच सफल उद्यमियों को केंद्रीय राज्य मंत्री भानू प्रताप सिंह वर्मा और अन्य गणमान्यों लोगों के द्वारा सम्मानित किया गया.
समावेशी विकास के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी हब का किया गया आयोजन: समावेशी विकास के लिए एमएसएमई मंत्रालय ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लिए इकोसिस्टम बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब योजना को लागू किया है, जो उन्हें कम से कम 4% तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में भाग लेने में मदद करता है.
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एससी-एसटी उद्यमियों को सशक्त बनाने की पहलः जिले में आयोजित नेशनल एससी-एसटी हब कॉन्क्लेव के माध्यम से कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्यों द्वारा एससी-एसटी उद्यमियों को सशक्त बनाने के प्रयास से कई आवश्यक जानकारी साझा की गई. जिसके तहत क्षमता निर्माण, कौशल विकास, मार्केट लिंकेज आदि के बारे में जानकारी के साथ-साथ समुदाय को लोगों को किस प्रकार से सहायता मिल सकती है के विषय में जानकारी दी गई.