गुमला: जिला मुख्यालय के रिहायशी इलाके में स्थित नगर भवन में प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए जांच केंद्र के कारण शहर के लोग खौफ में हैं. दरअसल कुछ दिनों पहले तक गुमला जिला ग्रीन जोन में था, लेकिन प्रवासी मजदूरों के वापसी के साथ ही गुमला जिला में दो अलग-अलग प्रखंडों में पिछले 4 दिनों में तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं, सभी प्रवासी मजदूर रेड जोन से वापस लौटे हैं.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि गुमला जिला प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों के जांच के लिए जिस जगह का चयन किया गया है वह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि शहर के बीचोबीच कई प्रवासी मजदूर रेड जोन से भी वापस लौट रहे हैं, ऐसे में उनसे संक्रमण बढ़ने का खतरा काफी ज्यादा हो गया है, जिसके कारण अब जरूरी कामों से भी घरों से बाहर निकलने में डर लग रहा है. लोगों का कहना है कि जिला मुख्यालय होने के कारण कई सरकारी कार्यालय यहां पर है, इसके साथ ही गुमला कोर्ट भी है और रिहायशी इलाका भी है, ऐसे में जिला प्रशासन को इस स्थान के बजाय दूसरे जगहों पर प्रवासी मजदूरों का स्वास्थ्य जांच करवाया जाए, ताकि गुमला के लोग कोरोना वायरस से बच सके. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन के बनाए गए इस जांच केंद्र से कहीं ऐसा ना हो कि यह नगर भवन कोरोना वायरस का प्रोडक्शन हाउस बन जाए और इसका खामियाजा गुमला के लोगों को भुगतना पड़े.
वहीं इस मामले पर जिले के उपायुक्त का कहना है कि जो भी प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं उनके स्वास्थ्य जांच के लिए नगर भवन में केंद्र बनाया गया है, जहां अलग-अलग जगहों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को अलग अलग रखकर जांच किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्टेडियम और नगर भवन एक ही स्थान पर रहने के कारण जांच करने में सुविधा होती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि नगर भवन में जांच केंद्र बनाये जाने से किसी प्रकार का संक्रमण फैल सकता है.