गुमलाः हत्या के एक मामले में कोर्ट ने 32 साल बाद अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दोषी को 20 साल के कठोर कारावास और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माने की राशि नहीं चुकाने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं धारा 364 के तहत 2 साल अतिरिक्त कारावास और 2000 का जुर्माना भी लगाया है.
ये भी पढ़ेंः Gumla News: आपसी विवाद में पति ने खोया आपा, कर दी पत्नी की हत्या
दरअसल एडीजे वन दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत ने घाघरा थाना क्षेत्र के गुट्वा निवासी दिलराग देवी की हत्या मामले अपना फैसला सुनाया है. जिसमें कोर्ट ने जनक महतो को दोषी मानते हुए उसे 20 साल की सजा सुनाई. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहम्मद जावेद हुसैन ने पैरवी की थी. मामले में मृतका के पुत्र समेत सात लोगों की गवाही हुई.
यहां बताते चलें कि घटना 7 अक्टूबर 1991 की है. दिल राग देवी और उसका पति जागेश्वर सिंह अपने घर के बाहर दातुन कर रहे थे, उस समय जनक महतो समेत अन्य आरोपी रामावतार सिंह, तूनिया सिंह, अजय सिंह, विजय सिंह व उर्मिला देवी हाथ में लाठी, डंडा व धनुष लेकर पहुंचे थे जिसके बाद सभी लोग दंपती को जबरन उठाकर अजय व अनिल के घर के पास ले गए थे. परिवार के लोग जब दोनों को बचाने पहुंचे तो उन्हें डरा धमका कर भगा दिया गया था. जिसके बाद थाना पहुंचकर घटना की जानकारी दी गई थी.
वहीं इस दौरान दंपती के साथ मारपीट की गई और आंखों में पौधे से निकलने वाले दूध डालकर अंधा कर दिया गया था. जिसके बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल में पुलिस ने भर्ती कराया था, जहां इलाज के दौरान महिला दिलराग देवी की मौत हो गई थी. इस मामले पर मृतका के पुत्र गौतम ने घटना के पीछे का कारण जमीन विवाद बताया था.