गुमला: नगर परिषद में कार्यरत सफाईकर्मियों की जान जोखिम में है. कोरोना महामारी के बीच यहां के सफाईकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर सफाई कार्य में लगे हुए हैं. वैसे तो विभाग की ओर से मास्क, हैंड ग्लब्स और कुछ सेनेटाइजर दिया गया था, मगर वह भी आधे सफाई कर्मचारियों को. जबकि, कोरोना वायरस जैसे महामारी को देखते हुए सभी सफाईकर्मियों और उनके परिवार की जिंदगी को देखते हुए विभाग को बेहतर किस्म के मास्क, हैंड ग्लब्स, जूता, सुरक्षात्मक पोशाक देनी चाहिए थी. मगर सिर्फ कुछ मास्क, सेनेटाइजर और हैंड ग्लब्स देकर विभाग ने महज खानापूर्ति कर इन कर्मचारियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
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विकट परिस्थिति में दिन-रात काम
सफाईकर्मी बताते हैं कि विभाग की ओर से कुछ लोगों को एक-एक मास्क और हैंड ग्लब्स के साथ सेनेटाइजर दिया गया था. मगर सेनेटाइजर खत्म हो गया है और हैंड ग्लब्स फट गए हैं. सफाईकर्मियों का कहना है कि जिस विकट परिस्थिति में वह काम कर रहे हैं तो ऐसे में उन्हें इंश्योरेंस का लाभ दिया जाए. साथ ही सुरक्षा की दृष्टिकोण से बेहतर किस्म के मास्क, ग्लब्स, जूते और पोशाक दिए जाएं ताकि वे सहजता से काम कर सकें.
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दो भागों में बांटकर सफाई का काम
बता दें कि गुमला नगर परिषद में कुल 22 वार्ड हैं. इस नगर परिषद कार्यालय में कुल सफाईकर्मियों की संख्या 79 है. इस संबंध में गुमला नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी हातिम ताई ने बताया कि नगर परिषद के सभी वार्डों में सफाई, फॉगिंग, पूरे शहर में ब्लीचिंग का छिड़काव के साथ सेनेटाइजेशन को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है. इस कार्य में 2 सुपरवाइजर लगातार लगे हुए हैं. सड़क पर लगातार सफाई कराई जा रही है. सफाईकर्मियों को दो भागों में बांटकर सफाई के कार्य कराए जा रहे हैं.
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50 लाख रुपए का इंश्योरेंस
कार्यपालक पदाधिकारी हातिम ताई ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के तहत अभी सब्जी बाजार, दाल भात केंद्रों में पेयजल की सुविधा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सफाईकर्मियों के लिए जूते और सुरक्षात्मक पोशाक देने की व्यवस्था की जा रही है, बहुत जल्द उन्हें यह सुविधा दे दी जाएगी. इसके साथ ही कोविड-19 को देखते हुए हर सुरक्षाकर्मी को 50 लाख रुपए का इंश्योरेंस कराया जा रहा है.