गुमला: छत्तीसगढ़ राज्य से झारखंड के विभिन्न जिलों के मजदूरों को छत्तीसगढ़ - झारखंड की सीमा क्षेत्र गुमला जिले के रायडीह प्रखंड क्षेत्र के माझाटोली शंख नदी के पास पिछले दिनों भेजा गया था. जहां से रविवार को जिले के उपायुक्त की अगुवाई में जिला प्रशासन ने झारखंड के विभिन्न जिलों के मजदूरों को अलग-अलग बसों से उनके गृह जिलों के लिए भेजा गया. दरअसल ये सभी मजदूर छत्तीसगढ़ राज्य में मजदूरी करते थे लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पिछले एक महीने से अधिक समय से की गई तालाबंदी की वजह से बेरोजगार हो गए थे.
जिला प्रशासन ने सभी मजदूरों को भेजने से पहले मेडिकल जांच कराया. उसके बाद यात्रा के दौरान भोजन, पानी, दवा की भी व्यवस्था बसों में दी. सभी झारखंड के अलग-अलग जीने के रहने वाले हैं जिसमें कोडरमा जिले के 15 हजारीबाग जिले के 33 गिरिडीह के 91, चतरा जिले के 47 और पलामू जिले के 70 मजदूर शामिल हैं. जिन्हें अलग-अलग बसों में उनके घर जिलों में भेजा गया. इससे पहले एक दिन पहले गुमला जिला प्रशासन और बस ऑनर एसोसिएशन की संयुक्त बैठक हुई थी.
बस ऑनर एसोसिएशन से गुमला जिला प्रशासन ने कुछ यात्री बसों की मांग की थी जिसके तहत बस ओनर एसोसिएशन ने जिला प्रशासन को करीब 12 यात्री बसें उपलब्ध कराई हैं. जिससे जिला प्रशासन मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों पर भेज रही है. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया कि जिन जिलों में यात्री बस से जा रही हैं उनके साथ दंडाधिकारी भी साथ में जा रहे हैं. ऐसे में अगर कोई उन जिलों में गुमला का मजदूर, यात्री, पर्यटक या छात्र फंसे हो तो उन्हें संबंधित जिलों के अधिकारी से अनुमति लेकर गुमला वापस लाया जाएगा.
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उप विकास आयुक्त ने बताया कि सभी मजदूर छत्तीसगढ़ से वापस लौटे हैं. जिन्हें झारखंड-छत्तीसगढ़ की सीमा पर गुमला जिला प्रशासन ने सभी के कागजातों और उनके मेडिकल हिस्ट्री की जांच कराई गई. इसके साथ ही यहां भी उनका मेडिकल जांच कराई गई है. जिसके बाद सभी को अलग-अलग जिलों के लिए उन्हें यात्री बसों से भेजा गया है. इससे पहले सभी बसों को सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से सैनिटाइज किया गया है. उन्होंने बताया झारखंड के अलग-अलग जिलों के करीब 300 मजदूर थे जिन्हें उनके जिलों के लिए भेजा गया है.