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ऋण स्वीकृति में धीमी प्रगति पर डीसी ने बैंकर्स पर जतायी नाराजगी, कहा- योजनाओं के क्रियान्वयन में समस्या उत्पन्न करने पर होगी कार्रवाई

गुमला के डीसी कर्ण सत्यार्थी ने बैंकों की ओर से ऋण स्वीकृत करने में आनाकानी करने पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में समस्या उत्पन्न करने पर कार्रवाई की जाएगी. Gumla DC held meeting with bankers.

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Gumla DC Held Meeting With Bankers
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 14, 2023, 2:49 PM IST

गुमलाः नगर भवन में डीसी कर्ण सत्यार्थी ने जिले के सभी बैंकर्स के साथ बैठक कर किसान क्रेडिट कार्ड, केसीसी ऋण और बैंक से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान खराब परफॉर्मेंस पर डीसी ने बैंकर्स पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि जिन बैंकर्स को गुमला में काम करने का मन नहीं है वो या तो स्थानांतरण करा लें या जॉब छोड़ दें.

ये भी पढ़ें-गलत तरीके से महिला के खाते से निकाल लिए गए लाखों रुपए, बेटी की शादी के लिए रखे थे बैंक में पैसे

ऋण के लिए दिए गए आवेदनों को अस्वीकृत करने पर बिफरे डीसीः बैठक के दौरान डीसी कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि लगातार ग्रामीणों द्वारा केसीसी, पीएमईजीपी, पीएमएफएमई आदि से संबंधित आवेदन दिए जाते हैं, लेकिन बैंकों की ओर से उनके ऋण को स्वीकृत करने में आनाकानी की जाती है. कई बार ग्रामीणों को बैंकों के चक्कर लगाने के लिए भी मजबूर किया जाता है. इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए उपायुक्त ने सभी बैंकों को चेतवानी दी कि यदि किसी बैंक द्वारा सरकार के योजनाओं के सफल संचालन में समस्या उत्पन्न की जाएगी, अथवा लाभुकों द्वारा ऋण हेतु दिए गए आवेदनों पर अनावश्यक आपत्ति लगायी जाएगी तो संबंधित बैंक कर्मी पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

बैंकों के पदाधिकारियों को किसानों को सहयोग करने का निर्देशः उपायुक्त ने सभी बैंक पदाधिकारियों और कर्मियों को किसानों को सहयोग करने और ऋण को तेजी से स्वीकृत करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी अपनी शक्तियों का सदुपयोग कर लोगों को सहायता प्रदान करें, ना कि उनके सामने समस्या खड़ी करें.

डीडीसी ने भी ऋण स्वीकृत कराने की धीमी प्रगति पर जतायी नाराजगीः मौके पर उप विकास आयुक्त हेमंत सती ने भी बैंकों द्वारा गरीब किसानों और लघु उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने सभी बैंक कर्मियों को समझाया कि किस प्रकार से गुमला जिला केवल कृषि पर आश्रित है. जिले में बड़े उद्योग और किसी बड़े सर्विस सेक्टर के ना होने से यहां के लोगों को अपने रोजगार के लिए या तो कृषि पर आश्रित रहना पड़ता है या फिर उन्हें जिले से बाहर जाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में यदि किसान या यहां के नागरिकों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अच्छादित करते हुए उनके उत्पाद एवं लघु उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान करना आवश्यक है. अतः बैंकों द्वारा लगातार इस प्रकार से लापरवाही बरती जाएगी तो अब जिला स्तर पर कार्रवाई भी की जाएगी.

बैंकर्स और लाभुकों के बीच संवाद का आयोजनः इस दौरान कुछ ऐसे व्यक्तियों को भी मौके पर बुलाया गया था जिन्होंने कई बार ऋण के लिए बैंक का चक्कर लगाया, लेकिन उनका ऋण अस्वीकृत किया गया था. बैंकर्स और लाभुकों के बीच संवाद का आयोजन करते हुए बैंक कर्मियों से लगातार प्राप्त आवेदनों के अस्वीकृत करने के पीछे का कारण पूछा गया और उन्हें अंतिम चेतवावनी देते हुए अविलंब सभी आवेदनों का निष्पादन करने को कहा गया. साथ ही सभी बैंक शाखा प्रबंधकों को अगले सप्ताह तक 2- 2 पीएमएफएमइ लोन स्वीकृत करते हुए रोजगार सृजन करने का निर्देश दिया गया.

बैठक में ये थे मौजूदः इस दौरान मुख्य रूप से अपर समाहर्ता गुमला, जिला कृषि पदाधिकारी, जीएम डीआईसी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, डीपीएम जेएसएलपीएस, जिला लघु कुटीर समन्वयक, सभी बैंकों के पदाधिकारी और कर्मी मौजूद थे.

गुमलाः नगर भवन में डीसी कर्ण सत्यार्थी ने जिले के सभी बैंकर्स के साथ बैठक कर किसान क्रेडिट कार्ड, केसीसी ऋण और बैंक से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान खराब परफॉर्मेंस पर डीसी ने बैंकर्स पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि जिन बैंकर्स को गुमला में काम करने का मन नहीं है वो या तो स्थानांतरण करा लें या जॉब छोड़ दें.

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ऋण के लिए दिए गए आवेदनों को अस्वीकृत करने पर बिफरे डीसीः बैठक के दौरान डीसी कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि लगातार ग्रामीणों द्वारा केसीसी, पीएमईजीपी, पीएमएफएमई आदि से संबंधित आवेदन दिए जाते हैं, लेकिन बैंकों की ओर से उनके ऋण को स्वीकृत करने में आनाकानी की जाती है. कई बार ग्रामीणों को बैंकों के चक्कर लगाने के लिए भी मजबूर किया जाता है. इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए उपायुक्त ने सभी बैंकों को चेतवानी दी कि यदि किसी बैंक द्वारा सरकार के योजनाओं के सफल संचालन में समस्या उत्पन्न की जाएगी, अथवा लाभुकों द्वारा ऋण हेतु दिए गए आवेदनों पर अनावश्यक आपत्ति लगायी जाएगी तो संबंधित बैंक कर्मी पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

बैंकों के पदाधिकारियों को किसानों को सहयोग करने का निर्देशः उपायुक्त ने सभी बैंक पदाधिकारियों और कर्मियों को किसानों को सहयोग करने और ऋण को तेजी से स्वीकृत करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी अपनी शक्तियों का सदुपयोग कर लोगों को सहायता प्रदान करें, ना कि उनके सामने समस्या खड़ी करें.

डीडीसी ने भी ऋण स्वीकृत कराने की धीमी प्रगति पर जतायी नाराजगीः मौके पर उप विकास आयुक्त हेमंत सती ने भी बैंकों द्वारा गरीब किसानों और लघु उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने सभी बैंक कर्मियों को समझाया कि किस प्रकार से गुमला जिला केवल कृषि पर आश्रित है. जिले में बड़े उद्योग और किसी बड़े सर्विस सेक्टर के ना होने से यहां के लोगों को अपने रोजगार के लिए या तो कृषि पर आश्रित रहना पड़ता है या फिर उन्हें जिले से बाहर जाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में यदि किसान या यहां के नागरिकों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अच्छादित करते हुए उनके उत्पाद एवं लघु उद्यम स्थापित करने में सहायता प्रदान करना आवश्यक है. अतः बैंकों द्वारा लगातार इस प्रकार से लापरवाही बरती जाएगी तो अब जिला स्तर पर कार्रवाई भी की जाएगी.

बैंकर्स और लाभुकों के बीच संवाद का आयोजनः इस दौरान कुछ ऐसे व्यक्तियों को भी मौके पर बुलाया गया था जिन्होंने कई बार ऋण के लिए बैंक का चक्कर लगाया, लेकिन उनका ऋण अस्वीकृत किया गया था. बैंकर्स और लाभुकों के बीच संवाद का आयोजन करते हुए बैंक कर्मियों से लगातार प्राप्त आवेदनों के अस्वीकृत करने के पीछे का कारण पूछा गया और उन्हें अंतिम चेतवावनी देते हुए अविलंब सभी आवेदनों का निष्पादन करने को कहा गया. साथ ही सभी बैंक शाखा प्रबंधकों को अगले सप्ताह तक 2- 2 पीएमएफएमइ लोन स्वीकृत करते हुए रोजगार सृजन करने का निर्देश दिया गया.

बैठक में ये थे मौजूदः इस दौरान मुख्य रूप से अपर समाहर्ता गुमला, जिला कृषि पदाधिकारी, जीएम डीआईसी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, डीपीएम जेएसएलपीएस, जिला लघु कुटीर समन्वयक, सभी बैंकों के पदाधिकारी और कर्मी मौजूद थे.

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