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गुमला : घने जंगलों में आदिवासियों तक पहुंचाई गई दैनिक साम्रगी, कोरोना के प्रति भी किया गया जागरुक

झारखंड में कोरोना महामारी के कारण सभी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं. गरीब और सुदूर जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के सामने भोजन की नौबत आ गई है. ऐसे में प्रशासन ने उनके लिए पहल की है.

दैनिक साम्रगी
दैनिक साम्रगी
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Published : Apr 10, 2020, 10:47 AM IST

गुमला : झारखंड में कोरोना प्रकोप के कारण लोगों के सामने काफी परेशानियां सामने आ रही हैं. खासकर गरीबों के सामने रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है. ऐसी विपदा की घड़ी में मदद के लिए कई हाथ आगे बढ़ रहे हैं. जिले के रायडीह प्रखंड क्षेत्र के घने जंगलों में बसे कासीर पंचायत के जादी पहाड़टोली और केमटे पंचायत के करंज टोली गांव में आदिम जनजाति कोरबा जाति के 50 परिवारों को प्रखंड अधिकारी ने चावल, चूड़ा, मास्क, साबुन आदि का वितरण किया.

आदिवासियों तक पहुंचाई गई दैनिक साम्रगी.

प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर में स्थित है. इन गांव में पहली बार प्रखंड प्रशासन के अधिकारियों के पहुंचने से गांव वाले काफी प्रसन्न हुए. गुमला जिला में कई ऐसे गांव हैं जो घने जंगलों में है, जिसके कारण अभी भी कोरोना वायरस के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है. इसी कारण से गुरुवार को रायडीह प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले इन आदिम जनजातियों तक कोरोना वायरस की जानकारी देने के लिए प्रखंड के अधिकारी पहुंचे थे.

उनके द्वारा अब तक कोरोना वायरस से अनभिज्ञ इन आदिम जनजातियों को कोरोना वायरस के संबंध में जानकारियां दी गईं. ताकि किसी प्रकार से अगर कोई इन गांव में कोरोना वायरस की चपेट में आता है, तो उन्हें तत्काल कैसे अस्पताल तक पहुंचाना है या इसकी जानकारी प्रशासन तक पहुंचा है इसके बारे में जानकारियां दी गईं.

यह भी पढ़ेंः बोकारो में एक और कोरोना पॉजिटिव मिलने से मचा हड़कंप, राज्य में कुल मरीजों की संख्या हुई 14

इस मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले इन आदिम जनजाति कोरबा जाति के लोगों को कोरोना वायरस के संबंध में जानकारियां दी गई.

साथ ही उनके बीच चावल, साबुन, चूड़ा और मास्क का वितरण किया गया है. खासकर इन्हें सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक किया गया और साबुन का प्रयोग कैसे करना है इसकी भी जानकारी दी गई.

गुमला : झारखंड में कोरोना प्रकोप के कारण लोगों के सामने काफी परेशानियां सामने आ रही हैं. खासकर गरीबों के सामने रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है. ऐसी विपदा की घड़ी में मदद के लिए कई हाथ आगे बढ़ रहे हैं. जिले के रायडीह प्रखंड क्षेत्र के घने जंगलों में बसे कासीर पंचायत के जादी पहाड़टोली और केमटे पंचायत के करंज टोली गांव में आदिम जनजाति कोरबा जाति के 50 परिवारों को प्रखंड अधिकारी ने चावल, चूड़ा, मास्क, साबुन आदि का वितरण किया.

आदिवासियों तक पहुंचाई गई दैनिक साम्रगी.

प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर में स्थित है. इन गांव में पहली बार प्रखंड प्रशासन के अधिकारियों के पहुंचने से गांव वाले काफी प्रसन्न हुए. गुमला जिला में कई ऐसे गांव हैं जो घने जंगलों में है, जिसके कारण अभी भी कोरोना वायरस के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है. इसी कारण से गुरुवार को रायडीह प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले इन आदिम जनजातियों तक कोरोना वायरस की जानकारी देने के लिए प्रखंड के अधिकारी पहुंचे थे.

उनके द्वारा अब तक कोरोना वायरस से अनभिज्ञ इन आदिम जनजातियों को कोरोना वायरस के संबंध में जानकारियां दी गईं. ताकि किसी प्रकार से अगर कोई इन गांव में कोरोना वायरस की चपेट में आता है, तो उन्हें तत्काल कैसे अस्पताल तक पहुंचाना है या इसकी जानकारी प्रशासन तक पहुंचा है इसके बारे में जानकारियां दी गईं.

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इस मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले इन आदिम जनजाति कोरबा जाति के लोगों को कोरोना वायरस के संबंध में जानकारियां दी गई.

साथ ही उनके बीच चावल, साबुन, चूड़ा और मास्क का वितरण किया गया है. खासकर इन्हें सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक किया गया और साबुन का प्रयोग कैसे करना है इसकी भी जानकारी दी गई.

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