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गुमला में भूत प्रेत के नाम पर लाखों रुपये की ठगी, झांसा देकर तीन लाख रुपये लेकर भागा ठग

गुमला में ठगी ओझाओं ने एक परिवार से लाखों रुपए ठग लिए गए हैं. ओझाओं ने पीड़ित परिवार की बीमार बेटी को ठीक करने का दावा किया और घर से करीब तीन लाख रुपए लेकर भाग गए.

Fraud by prending Ojha guni
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Published : Jun 26, 2022, 2:09 PM IST

गुमला: जिला के रायडीह प्रखंड के सुरसांग थाना क्षेत्र में एक परिवार ओझा गुनी के झांसे में आ गया. यह परिवार कोंडरा पंचायत के मोकरा बाजार टांड़ का रहने वाला है. ओझा गुनी की बात करने वालों ने परिवार से लगभग तीन लाख रुपए नकद लेकर भाग गए. पीड़ित परिवार के मुखिया सूरजा उरांव ने पूरी घटना की जानकारी दी. उन्होंने मामले को लेकर थाना में मामला दर्ज कराने की बात भी की है.

इसे भी पढ़ें: छतरपुर के बाद हैदरनगर में शिक्षक की नौकरी देने के नाम पर ठगी, 45 लोगों से ऐंठे पैसे

ठगी ओझाओं ने बताया तीर्थ के लिए निकले हैं: सूरजा उरांव ने बताया कि अनुसार ओझा मति करने वाला ठगों का एक दल बीते 12 जून अपने कुछ सामान के साथ पैदल मोकरा बाजार टांड़ पहुंचा था. जिसमें तीन पुरुष, चार औरत और एक 10 साल की लड़की थी. उन्होंने खुद को तीर्थयात्री बताया और कहा कि वे छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव के रहने वाले हैं और रामरेखा धाम जा रहे हैं. सूरजा उरांव का घर बाजार से सटा हुआ है. इसलिए परिचय होने के बाद उनलोगों ने सूरजा उरांव के घर से कुछ बर्तन लिए. जिसके बाद वहीं खाना बनाए और रह रहे थे. सूरजा उरांव की एक विवाहित बेटी थी जो हमेशा बीमार रहती थी. उसने ओझाओं से इस बारे में चर्चा की और ओझाओं ने उसे ठीक कर देने की बात कही.

ऐसे झांसे में लेकर ठगी की घटना को दिया अंजाम: ओझाओं ने सूरजा उरांव से कहा आपके के घर के कमरों में भूत के रूप में हड्डी गाड़ा हुआ है. रविवार 15 जून की शाम को पूजा पाठ कर कमरों में कोड़ी से खुदाई कर वे हड्डी निकालने लगे. इस दौरान उन्होंने सूरजा, उसकी पत्नी, दो पुत्र और पुत्रवधु को बाहर रखा था. वे लोग भूत भागने के बहाने घुसे और कमरों में चाभी खोज चार बक्से से रुपये निकाल लिये. कमरे से निकलने के बाद ओझाओं ने कहा कि इन कमरों में अभी नहीं घुसना है. बक्सों को पांच दिन के बाद खोलना है नहीं तो खून की उल्टी के साथ पूरे परिवार की मौत हो जाएगी. इससे सभी डर गए. सुबह हुई तो ओझाओं ने कहा कि अब बलि के लिए एक खस्सी, भेड़ा और मुर्गा भी चाहिए. इनकी जाल में फंस कर परिवार ने इन्हें बलि के लिए दूसरे कमरे में से 10 हजार रुपए नगद दिया. उसके बाद पिकअप गाड़ी मंगवाया और उन्हें सम्मान पूर्वक रामरेखा धाम पहुंचा दिया. उन्होंने एक मोबाइल नंबर दिया था. बाद में उस नंबर पर फोन करने पर ओझाओं ने बताया कि वे ठीक से पहुंच गए हैं और फिर फोन स्विच ऑफ हो गया.

क्या कहते हैं पुलिस: दूसरे दिन सूरजा उरांव का परिवार उस कमरे में गया और बक्सों को खोल कर देखा तो पाया कि सारे रुपए और अच्छे कपड़े गायब हैं. तब जाकर उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगे गए हैं. ग्रामीणों के सहयोग से सूरजा उरांव ने रामरेखा धाम के आस पास के गांव कुल्लुकेरा, कोचेडेगा, बनाबिरा, कादोपानी और पालेडीह में उनकी खोजबीन की लेकिन, उनका कुछ पता नहीं चला. पीड़ित ने सुरसांग थाना में मामला दर्ज कराने की बात कही. इधर थाना प्रभारी संदीप राज से पूछने पर बताया कि अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है. ऐसे ओझा गुनी के चक्कर में नहीं आने के लिए समय समय पर ग्रामीणों को जागरूक किया जाता है, फिर भी ऐसी घटना सोचनीय है.

गुमला: जिला के रायडीह प्रखंड के सुरसांग थाना क्षेत्र में एक परिवार ओझा गुनी के झांसे में आ गया. यह परिवार कोंडरा पंचायत के मोकरा बाजार टांड़ का रहने वाला है. ओझा गुनी की बात करने वालों ने परिवार से लगभग तीन लाख रुपए नकद लेकर भाग गए. पीड़ित परिवार के मुखिया सूरजा उरांव ने पूरी घटना की जानकारी दी. उन्होंने मामले को लेकर थाना में मामला दर्ज कराने की बात भी की है.

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ठगी ओझाओं ने बताया तीर्थ के लिए निकले हैं: सूरजा उरांव ने बताया कि अनुसार ओझा मति करने वाला ठगों का एक दल बीते 12 जून अपने कुछ सामान के साथ पैदल मोकरा बाजार टांड़ पहुंचा था. जिसमें तीन पुरुष, चार औरत और एक 10 साल की लड़की थी. उन्होंने खुद को तीर्थयात्री बताया और कहा कि वे छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव के रहने वाले हैं और रामरेखा धाम जा रहे हैं. सूरजा उरांव का घर बाजार से सटा हुआ है. इसलिए परिचय होने के बाद उनलोगों ने सूरजा उरांव के घर से कुछ बर्तन लिए. जिसके बाद वहीं खाना बनाए और रह रहे थे. सूरजा उरांव की एक विवाहित बेटी थी जो हमेशा बीमार रहती थी. उसने ओझाओं से इस बारे में चर्चा की और ओझाओं ने उसे ठीक कर देने की बात कही.

ऐसे झांसे में लेकर ठगी की घटना को दिया अंजाम: ओझाओं ने सूरजा उरांव से कहा आपके के घर के कमरों में भूत के रूप में हड्डी गाड़ा हुआ है. रविवार 15 जून की शाम को पूजा पाठ कर कमरों में कोड़ी से खुदाई कर वे हड्डी निकालने लगे. इस दौरान उन्होंने सूरजा, उसकी पत्नी, दो पुत्र और पुत्रवधु को बाहर रखा था. वे लोग भूत भागने के बहाने घुसे और कमरों में चाभी खोज चार बक्से से रुपये निकाल लिये. कमरे से निकलने के बाद ओझाओं ने कहा कि इन कमरों में अभी नहीं घुसना है. बक्सों को पांच दिन के बाद खोलना है नहीं तो खून की उल्टी के साथ पूरे परिवार की मौत हो जाएगी. इससे सभी डर गए. सुबह हुई तो ओझाओं ने कहा कि अब बलि के लिए एक खस्सी, भेड़ा और मुर्गा भी चाहिए. इनकी जाल में फंस कर परिवार ने इन्हें बलि के लिए दूसरे कमरे में से 10 हजार रुपए नगद दिया. उसके बाद पिकअप गाड़ी मंगवाया और उन्हें सम्मान पूर्वक रामरेखा धाम पहुंचा दिया. उन्होंने एक मोबाइल नंबर दिया था. बाद में उस नंबर पर फोन करने पर ओझाओं ने बताया कि वे ठीक से पहुंच गए हैं और फिर फोन स्विच ऑफ हो गया.

क्या कहते हैं पुलिस: दूसरे दिन सूरजा उरांव का परिवार उस कमरे में गया और बक्सों को खोल कर देखा तो पाया कि सारे रुपए और अच्छे कपड़े गायब हैं. तब जाकर उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगे गए हैं. ग्रामीणों के सहयोग से सूरजा उरांव ने रामरेखा धाम के आस पास के गांव कुल्लुकेरा, कोचेडेगा, बनाबिरा, कादोपानी और पालेडीह में उनकी खोजबीन की लेकिन, उनका कुछ पता नहीं चला. पीड़ित ने सुरसांग थाना में मामला दर्ज कराने की बात कही. इधर थाना प्रभारी संदीप राज से पूछने पर बताया कि अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है. ऐसे ओझा गुनी के चक्कर में नहीं आने के लिए समय समय पर ग्रामीणों को जागरूक किया जाता है, फिर भी ऐसी घटना सोचनीय है.

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