गुमला: जिले के कामडारा थाना क्षेत्र के बुरुहातु (पहाड़गाव) आमटोली में पांच लोगों की धारदार हथियार से नृशंस हत्या कर दी गई है. इस नरसंहार के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. जिले में पहले भी इस तरह की घटना हो चुकी है. 21 जुलाई 2019 को सिसई थाना क्षेत्र के नगर सिसकारी गांव में तीन परिवार के चार लोगों की डायन-बिसाही के आरोप में लाठी डंडे से पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी. ग्रामीणों ने बैठक कर पहले योजना बनाई बनाई थी. उसके बाद चारों को घर से निकाला और गांव के आखाड़ा, आंगनबाड़ी केंद्र के पास ले जाकर हत्या कर दी. 23 फरवरी की रात भी हुई इस घटना में ग्रामीणों ने पहले बैठक की थी. घटना के बाद से ग्रामीण पूरी तरह से मौन हैं.
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कई घरों में ताला
घटना के बाद गांव में कई लोगों के घरों में ताला लटका हुआ है. जब स्वाइन डॉग की टीम जांच के लिए गांव पहुंची तो कई भी ग्रामीण सामने नहीं आया. जांच के दौरान ग्रामीण पूरी तरह से डरे सहमे नजर आए.
आखिर क्यों चुप हैं ग्रामीण?
आमटोली गांव में 60 घर है, जिसमें 22 आदिवासी परिवार हैं. सभी एक ही खानदान के हैं. सबका घर एक दूसरे के करीब है, बावजूद क्या इतनी बड़ी घटना होने की खबर किसी को नहीं लगी होगी? मृतक निकोदिन टोपनो, भीमसेन टोपनो और मासूम अल्बिस टोपनो तीनों ही अपने पिता के इकलौते वारिस थे. सभी किसान परिवार से थे.
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मासूम ने आखिर क्या बिगाड़ा था?
घटना की वजह चाहे आपसी रंजिश रही हो या अंधविश्वास, हर हाल में यह हैवानियत है. हत्यारे इतने हैवान थे कि उन्हें 5 वर्षीय मासूम अल्बिस टोपनो पर भी रहम नहीं आया. उसकी भी निर्मम हत्या कर दी. ऐसी क्या दुश्मनी थी. सवाल कई हैं, जिनका पुलिसिया अनुसंधान में ही मामले का खुलासा हो सकता है. फिलहाल जांच जारी है.