गुमला: जिले में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण की गई तालाबंदी, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की तिकड़ी ने जिले के किसानों की कमर तोड़ दी है. जिले के जो किसान सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं इस समय दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं. पहला यह कि वे बाहर की मंडियों में जाकर लॉकडाउन की वजह से सब्जियां नहीं बेच पा रहे हैं और दूसरा बारिश और ओलावृष्टि ने इनके सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचाया है.
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काफी नुकसान
किसानों ने बताया कि वे बड़े पैमाने पर सब्जी का उत्पादन करते हैं. इस वक्त वे खेतों में खीरा, कद्दू , शिमला मिर्च, बीन, बैगन के अलावा और कई तरह की सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने मटर की खेती की थी जिसमें भरपूर फायदा हुआ था, बाजार में अच्छी कीमत मिलने से अच्छा मुनाफा भी हुआ था. मगर अभी लॉकडॉउन की वजह से सब्जी मंडियों के बंद हो जाने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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किसानों ने की मुआवजे की मांग
किसानों ने कहा कि सब्जी उत्पादन करने से स्थानीय श्रमिकों को रोजगार भी मिलता था, मगर अभी सब कुछ थम गया है. सब्जी की उत्पादन के लिए जो पूंजी लगाए हैं उस पूंजी को भी नहीं निकाल पा रहे हैं. सब्जियों में कीड़े लग रहे हैं. ऐसे में हम किसान जिला प्रशासन और राज्य के मुख्यमंत्री से यह मांग करते हैं कि उचित मुआवजा दें, ताकि अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.
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'सर्वे कराकर इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही'
इधर, ईटीवी भारत ने किसानों की समस्या को लेकर जब जिले के उपायुक्त के पास बात रखी तो उपायुक्त ने कहा कि जिले में ओलावृष्टि और बारिश के कारण सब्जी उत्पादकों को काफी नुकसान हुआ है. इसका सर्वे कराकर इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रयास होगा कि हम किसानों को उचित मुआवजा दे सकें. उन्होंने कहा कि सब्जी उत्पादकों को कहीं भी रोका नहीं जा रहा है. गुमला के किसान लोहरदगा, रांची और छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिले में जाकर भी सब्जी बेच रहे हैं.