ETV Bharat / state

आर्थिक तंगी झेल रहे किसान ने की आत्महत्या, कर्ज के कारण बेच दी थी जमीन

किसान शिवनाथ उरांव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. परिजनों ने बताया कि शिवनाथ ने आर्थिक तंगी के कारण ऐसा खौफनाक कदम उठाया.

आर्थिक तंगी झेल रहे किसान ने की आत्महत्या
author img

By

Published : Feb 22, 2019, 3:39 PM IST

गुमला: जिले के सिसई प्रखंड क्षेत्र के गोखलपुर गांव के रहने वाले किसान शिवनाथ उरांव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने बताया कि शिवनाथ ने आर्थिक तंगी के कारण ऐसा खौफनाक कदम उठाया. मृतक किसान के आश्रितों में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है, जिनके आगे की जिंदगी की गुजर बसर और पढ़ाई लिखाई के बारे में सोचने वाला अब कोई नही है.

आर्थिक तंगी झेल रहे किसान ने की आत्महत्या

फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले किसान शिवनाथ उरांव ने केसीसी के जरिए 35 हजार रूपये का कृषि लोन बैंक ऑफ इंडिया से लिया था, जिसका ब्याज बढ़कर 50 हजार रूपये हो गया था, साथ ही उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर मिला था जो अधूरा ही बन पाया था. परिजनों के भरण पोषण के साथ-साथ कर्ज के बोझ से दब चुका था, जिसे चुकाने के लिए किसान ने यूपी के ईट भट्ठे के मालिक से भी 20 हजार रूपये का कर्ज लिया था.

ये भी पढ़ें-राज्य निर्वाचन अधिकारी से मिला BJP का प्रतिनिधिमंडल, वोटिंग का समय बढ़ाने की मांग

किसान की पत्नी ने बताया कि वो अपने मवेशियों को लेकर खेत की चराने के लिए गई थी. जब शाम में घर आई तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था. अनहोनी की आशंका के बीच जब उसका बेटा घर के पिछले दरवाजे से अंदर घुसा तो उसके अपने पिता को फांसी के फंदे लटका हुआ पाया. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

undefined

गुमला: जिले के सिसई प्रखंड क्षेत्र के गोखलपुर गांव के रहने वाले किसान शिवनाथ उरांव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने बताया कि शिवनाथ ने आर्थिक तंगी के कारण ऐसा खौफनाक कदम उठाया. मृतक किसान के आश्रितों में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है, जिनके आगे की जिंदगी की गुजर बसर और पढ़ाई लिखाई के बारे में सोचने वाला अब कोई नही है.

आर्थिक तंगी झेल रहे किसान ने की आत्महत्या

फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले किसान शिवनाथ उरांव ने केसीसी के जरिए 35 हजार रूपये का कृषि लोन बैंक ऑफ इंडिया से लिया था, जिसका ब्याज बढ़कर 50 हजार रूपये हो गया था, साथ ही उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर मिला था जो अधूरा ही बन पाया था. परिजनों के भरण पोषण के साथ-साथ कर्ज के बोझ से दब चुका था, जिसे चुकाने के लिए किसान ने यूपी के ईट भट्ठे के मालिक से भी 20 हजार रूपये का कर्ज लिया था.

ये भी पढ़ें-राज्य निर्वाचन अधिकारी से मिला BJP का प्रतिनिधिमंडल, वोटिंग का समय बढ़ाने की मांग

किसान की पत्नी ने बताया कि वो अपने मवेशियों को लेकर खेत की चराने के लिए गई थी. जब शाम में घर आई तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था. अनहोनी की आशंका के बीच जब उसका बेटा घर के पिछले दरवाजे से अंदर घुसा तो उसके अपने पिता को फांसी के फंदे लटका हुआ पाया. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

undefined
Intro:गुमला : जिले के सिसई प्रखण्ड क्षेत्र के गोखलपुर गांव में शिवनाथ उराँव नामक एक किसान के द्वारा फाँसी लगाकर आत्महत्या कर लेने का मामला सामने आया है । परिवार वालों का कहना है कि शिवनाथ ने आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या लिया है । अब घर मे मृत किसान के आश्रितों में उनकी पत्नी , पाँच बेटियाँ और एक बेटा रह गए । जिनके आगे की जिंदगी की गुजर बसर एवं पढ़ाई लिखाई कैसे होगी इसकी चिंता सताने लगी है ।


Body:फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले किसान शिवनाथ उराव ने बैंक ऑफ इंडिया से ₹35000 का कृषि लोन केसीसी के माध्यम से लिया था जिसका ब्याज बढ़कर ₹50000 हो गए थे इसके साथ ही उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर मिला था जो अधूरा था वह पूरा नहीं हो पाया था । किसान को इसी बात की चिंता थी कि वह आखिर केसीसी का लोन कैसे चुका है गा आवाज कैसे पूरा करेगा और घर में 6 बेटियां और एक बेटी और पत्नी का पालन पोषण कैसे करेगा उसके ऊपर आर्थिक तंगी का बोला गया था इसी वजह से उसने ईद में क्या जाने के लिए सरदार से भी ₹20000 का और कर्ज ले लिया था । जो पैसे उसने लिए थे वह भी घर परिवार चलाने में खर्च हो गए थे । जिसके बाद वह ऋण के बोझ से दबता चला गया । किसान के सामने चारों तरफ अंधेरा छा गया था जिसके वजह से उसने आत्महत्या कर ली ।

किसान की पत्नी का कहना है कि वह अपने मवेशियों को लेकर खेत की ओर चराने के लिए गई थी । जब शाम में घर आई तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था । इसके बाद अपने बेटे को घर के पिछले दरवाजे से अंदर घुस6कर दरवाजा खोलने के लिए कहा। जब बेटा घर के अंदर घुसा देखा कि उसके पिता फांसी के फंदे से लटककर अपनी जान दे दी । महिला ने बताया उसके पति बैंक ऋण से लिए थे वह बढ़कर पचास हजार रुपये हो गए थे । प्रधानमंत्री आवास योजना से घर मिला है वह भी अधूरा है जिसे पूरा करने के लिए उसके पति ने जमीन भी बेच दी । महिला का कहना है कि अब वह अपने बच्चों को परवरिश कैसे करेगी ।


Conclusion:आपको बता दें कि गुमला जिला में पिछले दो सालों में किसान आत्महत्या करने का यह छठा मामला है । लेकिन अब तक न जिला प्रशासन ने इस बात को स्वीकार किया है और न ही सरकार ने । अब ऐसे ये मामला कुछ दिनों के बाद भुला दिया जायेगा ।
बाईट : तेतरी देवी ( मृत किसान की पत्नी )
पीटूसी : नरेश कुमार ( गुमला)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.