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गुमला: बसों के परिचालन बंद रहने से कई लोगों का रोजगार ठप, सरकार से की राहत पैकेज की मांग - गुमला में बस संचालकों ने राहत पैकेज की मांग की

कोरोना काल में गुमला में बसों के परिचालन पर रोक है, जिसके कारण बस संचालकों के अलावा उससे जुड़े लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बसों के परिचालन बंद होने से बस स्टैंड में दुकान लगाने वाले दुकानदार भी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.

Employment of many people Stalled as buses stop operating in gumla
बसों का परिचालन ठप
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Published : Aug 12, 2020, 3:26 PM IST

गुमला: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण 25 मार्च से संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. उसके बाद अनलॉक के तहत कुछ कारोबार में ढील दी गई, जिसमें कई राज्यों में यात्री बसों का परिचालन को भी अनुमति दे दी गई, लेकिन झारखंड में अभी तक राज्य सरकार ने यात्री बसों के परिचालन को अनुमति नहीं दी है. ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. बस मालिकों को दोहरी क्षति हो रही है. बसों का परिचालन बंद है इसके बावजूद बस मालिकों को अपने स्टाफ को वेतन देना पड़ रहा है और राज्य सरकार को टैक्स भी चुकाना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर
गुमला बस पड़ाव के दुकानदारों के सामने भी भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि बसों का परिचालन ठप है. यात्री बस पड़ाव में नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके कारण व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है. पिछले चार महीनों से अधिक समय से यात्री बस पड़ाव के सैकड़ों दुकानें बंद पड़ी हैं. दुकानदारों ने बताया कि यात्री बसों के बंद होने से हमारे रोजी रोजगार छिन गए है, मजबूरी बस हम दुकान आते हैं और दुकान खोलते हैं, लेकिन बोहनी तक नहीं होती है, ऐसे में अपने परिवार का पालन पोषण करना काफी मुश्किल है. इसे भी पढ़ें:- गुमला: मनरेगा कर्मियों की 16वें दिन भी हड़ताल जारी, सरकार पर लगाए कई आरोप


वहीं, बस संचालकों का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में काफी नुकसान हुआ है, लॉकडाउन के कारण पिछले चार महीने से अधिक समय से बसों का परिचालन नहीं हो रहा है, खड़ी बसों को असामाजिक तत्व नुकसान पहुंचा रहे हैं, बसों के बैटरी सहित अन्य प्रकार के सामानों की चोरी हो जा रही है, इसके बावजूद हमें अपने बस के स्टाफ को वेतन देना पड़ रहा है, साथ ही रोड टैक्स, परमिट, इंश्योरेंस आदि का पैसा जमा करना पड़ रहा है. बस संचालकों ने कहा कि जब हमारी बस नहीं चल रही है तो हम आखिर पैसे कहां से जमा करें, स्टाफ का वेतन कहां से दें. उन्होंने सरकार से राहत पैकेज देने, टैक्स में छूट के अलावा अन्य प्रकार की सहायता की मांग की है, साथ ही उन्होंने राज्य सरकार झारखंड में भी बसों का परिचालन करने के लिए अनुमति देने की भी अपील की है.

गुमला: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण 25 मार्च से संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. उसके बाद अनलॉक के तहत कुछ कारोबार में ढील दी गई, जिसमें कई राज्यों में यात्री बसों का परिचालन को भी अनुमति दे दी गई, लेकिन झारखंड में अभी तक राज्य सरकार ने यात्री बसों के परिचालन को अनुमति नहीं दी है. ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. बस मालिकों को दोहरी क्षति हो रही है. बसों का परिचालन बंद है इसके बावजूद बस मालिकों को अपने स्टाफ को वेतन देना पड़ रहा है और राज्य सरकार को टैक्स भी चुकाना पड़ रहा है.

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गुमला बस पड़ाव के दुकानदारों के सामने भी भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि बसों का परिचालन ठप है. यात्री बस पड़ाव में नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके कारण व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है. पिछले चार महीनों से अधिक समय से यात्री बस पड़ाव के सैकड़ों दुकानें बंद पड़ी हैं. दुकानदारों ने बताया कि यात्री बसों के बंद होने से हमारे रोजी रोजगार छिन गए है, मजबूरी बस हम दुकान आते हैं और दुकान खोलते हैं, लेकिन बोहनी तक नहीं होती है, ऐसे में अपने परिवार का पालन पोषण करना काफी मुश्किल है. इसे भी पढ़ें:- गुमला: मनरेगा कर्मियों की 16वें दिन भी हड़ताल जारी, सरकार पर लगाए कई आरोप


वहीं, बस संचालकों का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में काफी नुकसान हुआ है, लॉकडाउन के कारण पिछले चार महीने से अधिक समय से बसों का परिचालन नहीं हो रहा है, खड़ी बसों को असामाजिक तत्व नुकसान पहुंचा रहे हैं, बसों के बैटरी सहित अन्य प्रकार के सामानों की चोरी हो जा रही है, इसके बावजूद हमें अपने बस के स्टाफ को वेतन देना पड़ रहा है, साथ ही रोड टैक्स, परमिट, इंश्योरेंस आदि का पैसा जमा करना पड़ रहा है. बस संचालकों ने कहा कि जब हमारी बस नहीं चल रही है तो हम आखिर पैसे कहां से जमा करें, स्टाफ का वेतन कहां से दें. उन्होंने सरकार से राहत पैकेज देने, टैक्स में छूट के अलावा अन्य प्रकार की सहायता की मांग की है, साथ ही उन्होंने राज्य सरकार झारखंड में भी बसों का परिचालन करने के लिए अनुमति देने की भी अपील की है.

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