गुमला: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण 25 मार्च से संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. उसके बाद अनलॉक के तहत कुछ कारोबार में ढील दी गई, जिसमें कई राज्यों में यात्री बसों का परिचालन को भी अनुमति दे दी गई, लेकिन झारखंड में अभी तक राज्य सरकार ने यात्री बसों के परिचालन को अनुमति नहीं दी है. ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. बस मालिकों को दोहरी क्षति हो रही है. बसों का परिचालन बंद है इसके बावजूद बस मालिकों को अपने स्टाफ को वेतन देना पड़ रहा है और राज्य सरकार को टैक्स भी चुकाना पड़ रहा है.
वहीं, बस संचालकों का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में काफी नुकसान हुआ है, लॉकडाउन के कारण पिछले चार महीने से अधिक समय से बसों का परिचालन नहीं हो रहा है, खड़ी बसों को असामाजिक तत्व नुकसान पहुंचा रहे हैं, बसों के बैटरी सहित अन्य प्रकार के सामानों की चोरी हो जा रही है, इसके बावजूद हमें अपने बस के स्टाफ को वेतन देना पड़ रहा है, साथ ही रोड टैक्स, परमिट, इंश्योरेंस आदि का पैसा जमा करना पड़ रहा है. बस संचालकों ने कहा कि जब हमारी बस नहीं चल रही है तो हम आखिर पैसे कहां से जमा करें, स्टाफ का वेतन कहां से दें. उन्होंने सरकार से राहत पैकेज देने, टैक्स में छूट के अलावा अन्य प्रकार की सहायता की मांग की है, साथ ही उन्होंने राज्य सरकार झारखंड में भी बसों का परिचालन करने के लिए अनुमति देने की भी अपील की है.