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गुमलाः वन स्टॉप सेंटर के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक संपन्न

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Published : Sep 1, 2020, 4:06 PM IST

गुमला में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आईटीडीए भवन स्थित उपायुक्त के कार्यालय प्रकोष्ठ में की गई. बैठक में मुख्य रूप से समुदाय या कार्यस्थल में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए चिकित्सीय सुविधा, पुलिस सहायता और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने, वन स्टॉप सेंटरों में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति सहित अन्य विषयों पर बिंदुवार समीक्षा की गई.

Free medical facilities to women suffering
गुमला डीसी बैठक करते हुए

गुमला: उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में वन स्टॉप सेंटर के क्रियान्वयन के लिए सोमवार को जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आईटीडीए भवन स्थित उपायुक्त के कार्यालय प्रकोष्ठ में की गई. बैठक में मुख्य रूप से समुदाय या कार्यस्थल में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए चिकित्सीय सुविधा, पुलिस सहायता और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने, वन स्टॉप सेंटरों में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति सहित अन्य विषयों पर बिंदुवार समीक्षा की गई.

पीड़ित महिलाओं को निशुल्क चिकित्सीय सुविधाएं

बैठक में उपायुक्त ने वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना, समुदाय या कार्यस्थल में हिंसा से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने की समीक्षा की. जिसमें जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सिविल सर्जन के द्वारा निशुल्क चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने का प्रावधान है. इसपर उपायुक्त ने पीड़ित महिलाओं को हर प्रकार की आकस्मिक चिकित्सीय सहायता ससमय मुहैया कराने का निर्देश दिया. बैठक में उपायुक्त ने पीड़ित महिलाओं के लिए पुलिस सहायता की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने पीड़ित महिलाओं को त्वरित पुलिस सहायता मुहैया कराने हेतु पुलिस कर्मियों द्वारा कार्यशाला के माध्यम से संवेदनशीलता और बढ़ाने का सुझाव दिया. इस सुझाव पर उपायुक्त ने अपनी सहमति जताई.

कानूनी सहायता एवं परामर्श की समीक्षा

बैठक में उपायुक्त ने पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर के जरिए दी जाने वाली कानूनी सहायता एवं परामर्श की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में बताया गया कि डालसा के तहत टैग किए गए वन स्टॉप सेंटरों में पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान कराने के उद्देश्य से महिला/ पुरूष पारा वॉलनटीयर्स प्रतिनियुक्त किए गए हैं. इन पारा वॉलनटीयर्स द्वारा पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है. इसपर उपायुक्त द्वारा सभी प्रतिनियुक्त कर्मचारियों का समय-समय पर प्रशिक्षण सुनिश्चित करवाने का निर्देश दिया गया.

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट के बीच जेईई मुख्य परीक्षा, परीक्षार्थियों में दिखा उत्साह

हेल्पलाइन संख्या 181 की समीक्षा

बैठक में उपायुक्त ने हेल्पलाईन संख्या 181 की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में बताया गया कि पीड़ित महिलाओं द्वारा हेल्पलाइन संख्या 181 पर संपर्क कर उनके साथ हुए हिंसा की शिकायत दर्ज कराई जाती है. वर्तमान में हेल्पलाइन संख्या 181 के माध्यम से 06 शिकायत दर्ज किए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले में घरेलू हिंसा संबंधी शिकायतें आम हैं. संबंधित बाल कल्याण पदाधिकारी सह संरक्षण पदाधिकारी तक हिंसा की सूचना दी जाती है. इसके तत्पश्चात् मामला दर्ज किया जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि वैसी पीड़ित महिलाएं जो हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं करना चाहती हैं, बाल कल्याण परियोजना पदाधिकारी के स्तर से वैसी महिलाओं का परामर्श किया जाता है. इसपर उपायुक्त ने हेल्पलाईन संख्या 181 का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं आंगनबाड़ी सेविका, सहिया एवं सहायिकाओं को कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण देने का भी निर्देश दिए.

वन स्टॉप केंद्र में एक ही छत के नीचे घरेलू हिंसा, सामुदायिक एवं कार्यस्थल हिंसा, यौन उत्पीड़न, मानसिक उत्पीड़न आदि की शिकार महिलाओं एवं किशोरियों को आकस्मिक चिकित्सीय सहायता, अल्पकालीन आवासीय सुविधा, पुलिस सहायता, नि:शुल्क विधिक सहायता और काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है. घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को एक फोन कॉल पर मदद, पीड़ित महिलाओं के लिए निःशुल्क मेडिकल जांच की व्यवस्था, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके लिए रोजगार उपलब्ध करवाना, आपात स्थिति में भोजन एवं आवासन की सुविधा, पीड़ित महिला एवं बालिकाओं को मनोवैज्ञानिक परामर्श एवं काउंसिलिंग की सुविधा मुहैया कराई जाती है.

गुमला: उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में वन स्टॉप सेंटर के क्रियान्वयन के लिए सोमवार को जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आईटीडीए भवन स्थित उपायुक्त के कार्यालय प्रकोष्ठ में की गई. बैठक में मुख्य रूप से समुदाय या कार्यस्थल में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए चिकित्सीय सुविधा, पुलिस सहायता और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने, वन स्टॉप सेंटरों में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति सहित अन्य विषयों पर बिंदुवार समीक्षा की गई.

पीड़ित महिलाओं को निशुल्क चिकित्सीय सुविधाएं

बैठक में उपायुक्त ने वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना, समुदाय या कार्यस्थल में हिंसा से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने की समीक्षा की. जिसमें जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सिविल सर्जन के द्वारा निशुल्क चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने का प्रावधान है. इसपर उपायुक्त ने पीड़ित महिलाओं को हर प्रकार की आकस्मिक चिकित्सीय सहायता ससमय मुहैया कराने का निर्देश दिया. बैठक में उपायुक्त ने पीड़ित महिलाओं के लिए पुलिस सहायता की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने पीड़ित महिलाओं को त्वरित पुलिस सहायता मुहैया कराने हेतु पुलिस कर्मियों द्वारा कार्यशाला के माध्यम से संवेदनशीलता और बढ़ाने का सुझाव दिया. इस सुझाव पर उपायुक्त ने अपनी सहमति जताई.

कानूनी सहायता एवं परामर्श की समीक्षा

बैठक में उपायुक्त ने पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर के जरिए दी जाने वाली कानूनी सहायता एवं परामर्श की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में बताया गया कि डालसा के तहत टैग किए गए वन स्टॉप सेंटरों में पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान कराने के उद्देश्य से महिला/ पुरूष पारा वॉलनटीयर्स प्रतिनियुक्त किए गए हैं. इन पारा वॉलनटीयर्स द्वारा पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है. इसपर उपायुक्त द्वारा सभी प्रतिनियुक्त कर्मचारियों का समय-समय पर प्रशिक्षण सुनिश्चित करवाने का निर्देश दिया गया.

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हेल्पलाइन संख्या 181 की समीक्षा

बैठक में उपायुक्त ने हेल्पलाईन संख्या 181 की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में बताया गया कि पीड़ित महिलाओं द्वारा हेल्पलाइन संख्या 181 पर संपर्क कर उनके साथ हुए हिंसा की शिकायत दर्ज कराई जाती है. वर्तमान में हेल्पलाइन संख्या 181 के माध्यम से 06 शिकायत दर्ज किए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले में घरेलू हिंसा संबंधी शिकायतें आम हैं. संबंधित बाल कल्याण पदाधिकारी सह संरक्षण पदाधिकारी तक हिंसा की सूचना दी जाती है. इसके तत्पश्चात् मामला दर्ज किया जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि वैसी पीड़ित महिलाएं जो हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं करना चाहती हैं, बाल कल्याण परियोजना पदाधिकारी के स्तर से वैसी महिलाओं का परामर्श किया जाता है. इसपर उपायुक्त ने हेल्पलाईन संख्या 181 का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं आंगनबाड़ी सेविका, सहिया एवं सहायिकाओं को कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण देने का भी निर्देश दिए.

वन स्टॉप केंद्र में एक ही छत के नीचे घरेलू हिंसा, सामुदायिक एवं कार्यस्थल हिंसा, यौन उत्पीड़न, मानसिक उत्पीड़न आदि की शिकार महिलाओं एवं किशोरियों को आकस्मिक चिकित्सीय सहायता, अल्पकालीन आवासीय सुविधा, पुलिस सहायता, नि:शुल्क विधिक सहायता और काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है. घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को एक फोन कॉल पर मदद, पीड़ित महिलाओं के लिए निःशुल्क मेडिकल जांच की व्यवस्था, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके लिए रोजगार उपलब्ध करवाना, आपात स्थिति में भोजन एवं आवासन की सुविधा, पीड़ित महिला एवं बालिकाओं को मनोवैज्ञानिक परामर्श एवं काउंसिलिंग की सुविधा मुहैया कराई जाती है.

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