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9वें स्थापना दिवस पर सीआरपीएफ 218वीं बटालियन ने मनाया जश्न, देशभक्ति गीतों पर थिरके कदम

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Published : Oct 17, 2019, 12:30 PM IST

सीआरपीएफ 218वीं बटालियन के 9 साल पूरे हो गए. गुमला जिले में स्थापना दिवस पर समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें सभी सीआरपीएफ के जवानों ने खूब जश्न मनाया. वहीं, देशभक्ति गीतों पर जवानों ने जमकर कदम थिरकाए.

9 साल पूरे होने पर सीआरपीएफ 218वीं बटालियन ने मनाया जश्न

गुमला: जिला में सीआरपीएफ 218वीं बटालियन के 9 साल पूरे होने के मौके पर स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सीलम स्थित 218 बटालियन के मुख्यालय में मेले का आयोजन किया गया. इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. स्थापना दिवस पर राजधानी से आए कलाकारों ने वीर जवानों के लिए देशभक्ति, नागपुरी, हिंदी और भोजपुरी गाने गाए. वहीं, सीआरपीएफ के जवानों ने भी गानों की धुन पर जमकर कदम थिरकाए.

स्थापना दिवस समारोह का जश्न


दूसरी ओर सीआरपीएफ 218वीं बटालियन के कमांडेंट रंजीत कुमार ने बताया कि आज 9वें स्थापना दिवस पर सभी जवान खुश हैं और इसी के चलते इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, जवानों के परिजन भी आयोजन का आनंद उठा रहे हैं और सभी कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं.

ये भी पढ़ें-धनबाद के निरसा में मुख्यमंत्री ने जनसभा को किया संबोधित, कहा- झारखंड में 14 वर्षों तक नहीं हुआ विकास कार्य


बता दें कि, एक समय में जिले को नक्सलियों को गढ माना जाता था. पूरे देश में गुमला नक्सलियों के मामले में तीसरे स्थान पर था. हर दिन नक्सली जिले में कोई न कोई घटना को अंजाम देते थे. धीरे-धीरे नक्सलियों ने पूरे क्षेत्र में अपना दबदबा बना लिया और जिला बंद, झारखंड बंद या फिर देश बंद कर देने के आह्वान पर पूरे गुमला जिले में कर्फ्यू सा माहौल कर देते थे. पुलिसकर्मियों को भी इन नक्सलियों ने अपना शिकार बना लिया था, उन्हें भी क्षति पहुंचाने लगे थे. जिसके बाद 2011 में जिले में सीआरपीएफ 218 वीं बटालियन की स्थापना की गई.

स्थापना दिवस समारोह का जश्न


सीआरपीएफ 218वीं बटालियन ने लागातार जिले के नक्सली क्षेत्रों में अभियान चलाया. शहरों से लेकर जंगलों तक नक्सलियों के खिलाफ यह अभियान जारी रहा. जिससे नक्सलियों के बीच डर बैठा और उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े. आज भी यही स्थिति है कि सीआरपीएफ के जवान जंगली इलाकों के हर चप्पे पर अपनी नजर जमाए रहते हैं. इन वीर जवानों के कारण ही जिले का हर एक व्यक्ति अब खुद को सुरक्षित समक्षता है.

गुमला: जिला में सीआरपीएफ 218वीं बटालियन के 9 साल पूरे होने के मौके पर स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सीलम स्थित 218 बटालियन के मुख्यालय में मेले का आयोजन किया गया. इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. स्थापना दिवस पर राजधानी से आए कलाकारों ने वीर जवानों के लिए देशभक्ति, नागपुरी, हिंदी और भोजपुरी गाने गाए. वहीं, सीआरपीएफ के जवानों ने भी गानों की धुन पर जमकर कदम थिरकाए.

स्थापना दिवस समारोह का जश्न


दूसरी ओर सीआरपीएफ 218वीं बटालियन के कमांडेंट रंजीत कुमार ने बताया कि आज 9वें स्थापना दिवस पर सभी जवान खुश हैं और इसी के चलते इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, जवानों के परिजन भी आयोजन का आनंद उठा रहे हैं और सभी कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं.

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बता दें कि, एक समय में जिले को नक्सलियों को गढ माना जाता था. पूरे देश में गुमला नक्सलियों के मामले में तीसरे स्थान पर था. हर दिन नक्सली जिले में कोई न कोई घटना को अंजाम देते थे. धीरे-धीरे नक्सलियों ने पूरे क्षेत्र में अपना दबदबा बना लिया और जिला बंद, झारखंड बंद या फिर देश बंद कर देने के आह्वान पर पूरे गुमला जिले में कर्फ्यू सा माहौल कर देते थे. पुलिसकर्मियों को भी इन नक्सलियों ने अपना शिकार बना लिया था, उन्हें भी क्षति पहुंचाने लगे थे. जिसके बाद 2011 में जिले में सीआरपीएफ 218 वीं बटालियन की स्थापना की गई.

स्थापना दिवस समारोह का जश्न


सीआरपीएफ 218वीं बटालियन ने लागातार जिले के नक्सली क्षेत्रों में अभियान चलाया. शहरों से लेकर जंगलों तक नक्सलियों के खिलाफ यह अभियान जारी रहा. जिससे नक्सलियों के बीच डर बैठा और उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े. आज भी यही स्थिति है कि सीआरपीएफ के जवान जंगली इलाकों के हर चप्पे पर अपनी नजर जमाए रहते हैं. इन वीर जवानों के कारण ही जिले का हर एक व्यक्ति अब खुद को सुरक्षित समक्षता है.

Intro:गुमला : जिला में सीआरपीएफ 218 वीं बटालियन के 9 साल पूरे होने की खुशी में स्थापना दिवस मनाया गया । इस अवसर पर गुमला शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर सीलम में स्थित 218 बटालियन के मुख्यालय में दिन में मेला का आयोजन किया गया था , जबकि रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजित किया गया । रांची से आए कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में देशभक्ति गाने, नागपुरी गाने ,हिंदी - भोजपुरी गानों में डांस कर सीआरपीएफ के जवानों का खूब मनोरंजन किया । वहीं सीआरपीएफ के जवानों ने भी कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देकर जवानों और अधिकारियों को झूमने पर मजबूर कर दिया ।


Body:आपको बता दें कि कभी गुमला जिला को नक्सली घटनाओं को लेकर ए श्रेणी में रखा गया था । यहां तक कि गुमला जिला पूरे भारतवर्ष में तीसरे पायदान पर भी पहुंच गया था । इस जिले में हर दिन नक्सली कोई ना कोई नक्सल घटनाओं को अंजाम दे रहे थे । यूं कहें गुमला जिला पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में आ गया था। नक्सलियों के द्वारा भारत बंद ,झारखंड बंद या फिर जिला बंद के एक आह्वान पर पूरे गुमला जिला में कर्फ्यू सा माहौल हो जाता था । ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय में एक कप चाय और पानी के लिए लोगों को तरसना पड़ता था । कई बार नक्सलियों ने पुलिस पार्टी को निशाना बनाते हुए उन पर हमला बोल दिया था जिसमें पुलिस को जानमाल की क्षति उठानी पड़ी थी ।


Conclusion:लेकिन जब गुमला में 2011 में सीआरपीएफ 218 वीं बटालियन की स्थापना की गई उसके बाद से लगातार सीआरपीएफ के द्वारा जिले के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है । यही वजह है कि आज गुमला जिला में नक्सली बैकफुट में चले गए हैं । आज दिन हो या रात एक आम नागरिक बेखौफ कहीं भी आ जा सकता है । सीआरपीएफ के जवान गुमला जिला के जंगली इलाकों में चप्पे-चप्पे पर अभियान चलाते दिखाई देते हैं । जिसके कारण कई बड़े नक्सली नेताओं ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है तो कई नक्सली मारे गए हैं ।
और जंगलों और पहाड़ों में घूमने वाले जवानों को आज जब सीआरपीएफ 218 वीं बटालियन का स्थापना दिवस मनाने का मौका मिला तो जवानों इस पर भरपूर मनोरंजन किया । स्थापना दिवस के मौके पर न कोई अधिकारी रह गया था और ना कोई कर्मचारी सभी एक साथ परिवार वालों के साथ मिलकर खुशियां बांटी । इस मौके पर जिले के एसपी अंजनी कुमार झा में शामिल हुए ।
बाईट : रंजीत कुमार ( कमांडेंट ,सीआरपीएफ 218वीं बटालियन, गुमला)
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