गुमला: तीन दिन पूर्व यूपी में हुई सड़क दुर्घटना में गुमला के मजदूर की मौत हो गई थी. रविवार को मजदूर का शव मजदूर संगठन और श्रम विभाग के प्रयास से गुमला जिला के बिशुनपुर प्रखंड के डीपाडीह गांव उसके पैतृक लाया गया. वहीं शव पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया. वहीं परिजनों की चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया.
यूपी के संत कबीर नगर में मजदूरी करता था जितेंद्रः कार्तिक लोहरा के 22 वर्षीय पुत्र मृतक जितेंद्र लोहरा का अंतिम संस्कार किया गया. जितेंद्र की अंतिम यात्रा में सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे. मजदूर जितेंद्र लोहरा उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के ईंट भट्ठा में काम करता था. वह ट्रैक्टर से ईंट ढोने का काम करता था. तीन दिन पूर्व ट्रैक्टर और ट्रक की भिड़ंत में उसकी मौत हो गई थी.
ईंट भट्ठा मालिक शव को ठिकाने लगाने का कर रहा था प्रयासः जिसके बाद ईंट भट्ठा मालिक बिना किसी को सूचना दिए चुपके से दाह संस्कार कराने के प्रयास में था. ईंट भट्ठा मालिक मामले के दबाने के लिए शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराना चाहता था. इसकी सूचना मिलते ही ईंट भट्ठा पर काम कर रहे अन्य मजदूरों ने फोन पर परिजनों को जानकारी दे दी.
परिजनों ने श्रम विभाग से शव मंगवाने की लगायी थी गुहारः जिसके बाद मजदूर के परिजनों मजदूर नेता जुमन खान और श्रम विभाग को मामले से अवगत कराते हुए शव पैतृक गांव मांगने की गुहार शनिवार को लगाई थी. इसके बाद विभाग के पदाधिकारी ने ईंट भट्ठा मालिक से फोन पर बातचीत कर उसे श्रम कानून के अनुसार काम करने का निर्देश दिया. इसके बाद ईंट भट्ठा मालिक मजबूर हो गया और मामले की लिखित शिकायत प्रवासी श्रमिक विभाग गुमला के को-ऑर्डिनेटर रोशन तिग्गा को दी और झारखंड प्रदेश प्रवासी नियंत्रण कक्ष को सूचित किया.
विभाग की पहल पर शव लाया गया बिशुनपुरः जिसके बाद झारखंड का श्रम विभाग रेस हो गया और विभाग के प्रयास से रविवार को मजदूर का शव झारखंड के बिशुनपुर प्रखंड लाया गया. इस संबंध में मजदूर नेता जुम्मन खान ने कहा है कि जितेंद्र का एक साल का बेटा है. जितेंद्र काफी गरीब परिवार से था. इस कारण वह ईंट भट्ठा में काम करने के लिए यूपी गया था. जहां सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई. ऐसे में अब उनके परिवार और बच्चों की परवरिश में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसको लेकर झारखंड सरकार से ईंट भट्ठा मालिक से मुआवजा दिलाने की मांग की गई है.