गुमला: राम भक्त हनुमान जी का जन्म स्थल है आंजन धाम. आंजन धाम गुमला जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर पहाड़ पर स्थित है. राम भक्त हनुमान का जन्म स्थान होने के कारण आंजन धाम काफी ख्याति प्राप्त स्थान माना जाता है. जिसके कारण यहां हजारों पर्यटक हनुमान जी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. मगर प्रशासनिक उदासीनता के कारण मंदिर तक जाने के लिए हनुमान भक्तों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. खासकर बूढ़े-बुजुर्ग और छोटे बच्चे हनुमान जी के दर्शन से वंचित रह जाते हैं.
जान जोखिम में डालकर मंदिर पहुंचते हैं भक्त
राज्य सरकार ने आंजन धाम को पर्यटन स्थल के रूप में घोषित किया है. इसके विकास के लिए कई योजनाएं चलाने की घोषणा की है मगर घोषणाएं सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जा रही है. दो-चार योजनाओं को छोड़कर सरकार आज तक पहाड़ में करीब डेढ़ किलोमीटर के रास्ते को पिछले 3 सालों से अधिक समय से नहीं बनवा पा रही है, जिसके कारण दूर-दराज के क्षेत्रों से या अन्य प्रदेशों से आने वाले हनुमान भक्तों को पहाड़ी का डेढ़ किलोमीटर का रास्ता पैदल ही तय करना पड़ता है.
कुछ लोग जान जोखिम में डालकर चार पहिया वाहन को ऊपर पहाड़ पर ले जाते हैं मगर इस दौरान दुर्घटना घटने की प्रबल आशंका रहती है. राम भक्त हनुमान के दर्शन करने वाले भक्तों ने कहा कि यहां आकर काफी अच्छा लगता है. माता अंजनी पुत्र हनुमान जी का जन्म इसी स्थान पर हुआ था, ऐसे में यहां आकर हनुमान के दर्शन करने से मन को शांति मिलती है.
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प्रकृति छटा से सराबोर यह स्थल मन को स्वतः ही लुभाता है. मगर यहां एक कमी इस बात की है कि ऊपर पहाड़ तक आने के लिए रास्ता ही नहीं है जिसके कारण काफी कठिनाई होती है. हनुमान भक्तों का कहना है कि यह स्थान काफी चर्चित है जिसके कारण हजारों पर्यटक यहां हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं मगर सड़क के नहीं रहने से लोग यहां आकर निराश हो जाते हैं. झारखंड सरकार को चाहिए कि ऐसे पर्यटक स्थल को जल्द से जल्द विकास कर लोगों को सुविधा देने का काम करे.
यहां आकर मिलती है मन को शांति
स्थानीय भक्तों ने कहा कि हर मंगलवार को हनुमान जी के दर्शन के लिए वे लोग यहां आते हैं. यहां आकर मन को शांति मिलती है. मगर जो बाहर से आने वाले पर्यटक हैं वे यहां की सड़क को देखकर दोबारा नहीं आने की सोचते हैं. ऐसे में सरकार को यहां के विकास पर ध्यान देना चाहिए ताकि हनुमान भक्त आसानी से पहाड़ों के ऊपर चढ़ सके और हनुमान और माता अंजनी का दर्शन कर सके.
अधूरा पड़ा है सड़क का निर्माण कार्य
वहीं, इस मामले पर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता बिनोद कच्छप का कहना है कि टोटो से लेकर ऊपर पहाड़ तक विभाग की ओर से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. मगर जो डेढ़ किलोमीटर का एरिया है वह वन विभाग के क्षेत्र में आता है. ऐसे में वन विभाग से अनुमति नहीं मिल पाने के कारण सड़क अधूरी रह गई. उन्होंने बताया कि अब पथ निर्माण विभाग ने वन विभाग को 26 लाख रुपए की मुआवजा राशि जमा कर दी है. ऐसे में अगस्त के पहले सप्ताह में ही काम करने की अनुमति मिलने की संभावना है. उम्मीद है कि दशहरा पूजा से पहले पहाड़ पर जो सड़क का काम अधूरा है उसे पूरा कर लिया जाएगा.