गुमला: एएनएम नर्सिंग कोर्स में नामांकन को लेकर छात्राओं ने संस्थान पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. मामला गुमला नर्सिंग कॉलेज की है. नामांकन के लिए जिन छात्राओं की काउंसिलिंग की जा रही है. उनसे प्रेझा फाउंडेशन शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मूल-प्रति की मांग कर रही है. इसके साथ ही छात्राओं और उनके परिजनों से कहा जा रहा है कि नर्सिंग कोर्स की फीस बैंक ऋण के जरिए चुकानी होगी.
बताया जा रहा है की गुमला नर्सिंग कॉलेज में जिले की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक युवतियों का नामांकन हो रहा है. इसके लिए प्रेझा फाउंडेशन ने 23 सितंबर 2018 को परीक्षा ली थी. परीक्षा का केंद्र एसएस मेमोरियल हाई स्कूल गुमला को बनाया गया था. गुमला नर्सिंग कॉलेज में कुल 120 छात्राओं का स्थान सुनिश्चित किया. संस्थान ने परीक्षा लेने के करीब आठ महीने बाद सफल छात्राओं को काउंसेलिंग के लिए कॉलेज बुलाया.
छात्राओं को ऋण के जरिए एक लाख पचास हजार रुपये संस्थान को देने होंगे. अब ऐसे में अगर छात्राओं से ऋण के जरिए कॉलेज की फीस ली जाएगी तो फिर छात्राओं के परिजनों पर ऋण और ब्याज दोनों का बोझ होगा.
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विज्ञापन में बैंक ऋण का नहीं किया गया था जिक्र
प्रेझा फाउंडेशन ने जो पंपलेट छपवाया गया था. उसमें झारखंड सरकार का लोगों, सूबे के मुख्यमंत्री और कल्याण मंत्री का फोटो और स्लोगन था. "कौशल झारखंड, कुशल झारखंड". इसके साथ ही यह भी लिखा गया है कि झारखंड राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक युवतियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण और विकास के उद्देश्य से कल्याण विभाग ने प्रेझा फाउंडेशन का गठन किया गया है. इसके अंतर्गत राज्य के विभिन्न जिलों में कल्याण गुरुकुल और कौशल कॉलेज का संचालन किया जा रहा है. जो उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ सुनिश्चित रोजगार का आश्वासन देता है.
इस सब के बीच में कहीं पर संस्थान ने ये नहीं लिखा की कोर्स की फीस ऋण के जरिए से ही देनी है. कहीं यह भी नहीं लिखा गया है की छात्राओं को शैक्षणिक प्रमाण - पत्रों की मूल प्रति को संस्थान में जमा करना है.