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गुमलाः एएनएम नर्सिंग कोर्स में नामांकन को लेकर छात्राओं ने उठाए सवाल

गुमला के एएनएम नर्सिंग कोर्स में नामांकन को लेकर की जा रही कांउसेलिंग के दौरान छात्राओं ने संस्थान पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. नामांकन के लिए छात्राओं से प्रमाण पत्रों की मूल प्रति की मांग की जा रही है. कोर्स फीस के लिए बैंक लोन दिलाए जाने की बात की जा रही है.

एएनएम नर्सिंग कोर्स में नामांकन पर छात्राओं ने उठाए सवाल
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Published : May 13, 2019, 11:22 PM IST

गुमला: एएनएम नर्सिंग कोर्स में नामांकन को लेकर छात्राओं ने संस्थान पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. मामला गुमला नर्सिंग कॉलेज की है. नामांकन के लिए जिन छात्राओं की काउंसिलिंग की जा रही है. उनसे प्रेझा फाउंडेशन शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मूल-प्रति की मांग कर रही है. इसके साथ ही छात्राओं और उनके परिजनों से कहा जा रहा है कि नर्सिंग कोर्स की फीस बैंक ऋण के जरिए चुकानी होगी.

एएनएम नर्सिंग कोर्स में नामांकन पर छात्राओं ने उठाए सवाल

बताया जा रहा है की गुमला नर्सिंग कॉलेज में जिले की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक युवतियों का नामांकन हो रहा है. इसके लिए प्रेझा फाउंडेशन ने 23 सितंबर 2018 को परीक्षा ली थी. परीक्षा का केंद्र एसएस मेमोरियल हाई स्कूल गुमला को बनाया गया था. गुमला नर्सिंग कॉलेज में कुल 120 छात्राओं का स्थान सुनिश्चित किया. संस्थान ने परीक्षा लेने के करीब आठ महीने बाद सफल छात्राओं को काउंसेलिंग के लिए कॉलेज बुलाया.

छात्राओं को ऋण के जरिए एक लाख पचास हजार रुपये संस्थान को देने होंगे. अब ऐसे में अगर छात्राओं से ऋण के जरिए कॉलेज की फीस ली जाएगी तो फिर छात्राओं के परिजनों पर ऋण और ब्याज दोनों का बोझ होगा.
ये भी पढ़ें- जामताड़ा: चरम पर राजनीतिक तापमान, बैनर-पोस्टर और झंडे से पटा पूरा जामताड़ा शहर

विज्ञापन में बैंक ऋण का नहीं किया गया था जिक्र

प्रेझा फाउंडेशन ने जो पंपलेट छपवाया गया था. उसमें झारखंड सरकार का लोगों, सूबे के मुख्यमंत्री और कल्याण मंत्री का फोटो और स्लोगन था. "कौशल झारखंड, कुशल झारखंड". इसके साथ ही यह भी लिखा गया है कि झारखंड राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक युवतियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण और विकास के उद्देश्य से कल्याण विभाग ने प्रेझा फाउंडेशन का गठन किया गया है. इसके अंतर्गत राज्य के विभिन्न जिलों में कल्याण गुरुकुल और कौशल कॉलेज का संचालन किया जा रहा है. जो उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ सुनिश्चित रोजगार का आश्वासन देता है.
इस सब के बीच में कहीं पर संस्थान ने ये नहीं लिखा की कोर्स की फीस ऋण के जरिए से ही देनी है. कहीं यह भी नहीं लिखा गया है की छात्राओं को शैक्षणिक प्रमाण - पत्रों की मूल प्रति को संस्थान में जमा करना है.

गुमला: एएनएम नर्सिंग कोर्स में नामांकन को लेकर छात्राओं ने संस्थान पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. मामला गुमला नर्सिंग कॉलेज की है. नामांकन के लिए जिन छात्राओं की काउंसिलिंग की जा रही है. उनसे प्रेझा फाउंडेशन शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मूल-प्रति की मांग कर रही है. इसके साथ ही छात्राओं और उनके परिजनों से कहा जा रहा है कि नर्सिंग कोर्स की फीस बैंक ऋण के जरिए चुकानी होगी.

एएनएम नर्सिंग कोर्स में नामांकन पर छात्राओं ने उठाए सवाल

बताया जा रहा है की गुमला नर्सिंग कॉलेज में जिले की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक युवतियों का नामांकन हो रहा है. इसके लिए प्रेझा फाउंडेशन ने 23 सितंबर 2018 को परीक्षा ली थी. परीक्षा का केंद्र एसएस मेमोरियल हाई स्कूल गुमला को बनाया गया था. गुमला नर्सिंग कॉलेज में कुल 120 छात्राओं का स्थान सुनिश्चित किया. संस्थान ने परीक्षा लेने के करीब आठ महीने बाद सफल छात्राओं को काउंसेलिंग के लिए कॉलेज बुलाया.

छात्राओं को ऋण के जरिए एक लाख पचास हजार रुपये संस्थान को देने होंगे. अब ऐसे में अगर छात्राओं से ऋण के जरिए कॉलेज की फीस ली जाएगी तो फिर छात्राओं के परिजनों पर ऋण और ब्याज दोनों का बोझ होगा.
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विज्ञापन में बैंक ऋण का नहीं किया गया था जिक्र

प्रेझा फाउंडेशन ने जो पंपलेट छपवाया गया था. उसमें झारखंड सरकार का लोगों, सूबे के मुख्यमंत्री और कल्याण मंत्री का फोटो और स्लोगन था. "कौशल झारखंड, कुशल झारखंड". इसके साथ ही यह भी लिखा गया है कि झारखंड राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक युवतियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण और विकास के उद्देश्य से कल्याण विभाग ने प्रेझा फाउंडेशन का गठन किया गया है. इसके अंतर्गत राज्य के विभिन्न जिलों में कल्याण गुरुकुल और कौशल कॉलेज का संचालन किया जा रहा है. जो उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ सुनिश्चित रोजगार का आश्वासन देता है.
इस सब के बीच में कहीं पर संस्थान ने ये नहीं लिखा की कोर्स की फीस ऋण के जरिए से ही देनी है. कहीं यह भी नहीं लिखा गया है की छात्राओं को शैक्षणिक प्रमाण - पत्रों की मूल प्रति को संस्थान में जमा करना है.

Intro:गुमला : गुमला नर्सिंग कॉलेज में छात्राओं का नामांकन शुरू हो गया है । इस कॉलेज में जिले की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक युवतियों का नामांकन हो रहा है । कॉलेज में छात्राएं एएनएम नर्सिंग का पढ़ाई करेंगी । इसके लिए प्रेझा फाउंडेशन ने 23 सितंबर 2018 को परीक्षा लिया था । परीक्षा का केंद्र एसएस मेमोरियल हाई स्कूल गुमला को बनाया गया था । गुमला नर्सिंग कॉलेज में कुल 120 छात्राओं का स्थान सुनिश्चित किया गया है । जिस समय परीक्षा ली गई थी उस समय 1286 छात्राओं ने परीक्षा दिया था । लेकिन इनमें से 144 छात्राएं ही सफल हुई थी । संस्थान के द्वारा परीक्षा लेने के क़रीब आठ माह बाद आज सफल छात्राओं को काउंसेलिंग के लिए कॉलेज में बुलाया गया था ।
अब यहां मामला ये है कि जिन छात्राओं का काउंसेलिंग किया जा रहा है ,उन छात्राओं से प्रेझा फाउंडेशन के द्वारा उनके शैक्षणिक प्रमाण - पत्रों की मूल -प्रति को ही रख लिया जा रहा है । इसके साथ ही छात्राओं और उनके परिजनों से कहा जा रहा है कि नर्सिंग कोर्स की फ़ीस आपको ऋण के माध्यम से ही चुकानी पड़ेगी ।
एएनएम नर्सिंग कोर्स दो साल का है । जिसके लिए छात्राओं को एक लाख पचास हजार रुपये संस्थान को देने होंगे । अब ऐसे में अगर छात्राओं से ऋण के माध्यम से ही कॉलेज की फीस ली जाएगी तो फिर छात्राओं के परिजनों पर ऋण का ब्याज़ ऊपर से बोझ होगा ।


Body:प्रेझा फाउंडेशन के द्वारा जो पंपलेट छपवाया गया है । उसमें झारखंड सरकार का लोगो, सूबे के मुख्यमंत्री एवं कल्याण मंत्री का फोटो और स्लोगन है "कौशल झारखंड ,कुशल झारखंड"
इसके साथ ही यह भी लिखा गया है कि झारखंड राज्य के अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक युवतियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण एवं विकास के उद्देश्य से कल्याण विभाग के द्वारा प्रेझा फाउंडेशन का गठन किया गया है । इसके अंतर्गत राज्य के विभिन्न जिलों में कल्याण गुरुकुल तथा कौशल कॉलेज का संचालन किया जा रहा है । जो उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ सुनिश्चित रोजगार का आश्वासन देता है।
लेकिन इस सब के बीच में कहीं पर संस्थान के द्वारा यह नहीं लिखा गया है की कोर्स की फीस ऋण के माध्यम से ही देनी है । और कहीं यह भी नहीं लिखा गया है की छात्राओं को शैक्षणिक प्रमाण - पत्रों की मूल प्रति को संस्थान में जमा करना है ।



Conclusion:और आज जब सफल छात्राओं को संस्थान के द्वारा काउंसलिंग के लिए बुलाया गया तो काउंसलिंग के बाद जिन छात्राओं का नामांकन होना है उनसे उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों की मूल प्रति को संस्थान अपने कब्जे में कर ले रही है । इसके साथ ही ऋण के माध्यम से ही फीस जमा करने की दबाव संस्थान के द्वारा डाला जा रहा है । जिसके बाद काउंसिलिंग में आए छात्राओं और उनके परिजनों में गुमराह होने की स्थिति बन गई है । जिसके कारण वह यह तय नहीं कर पा रहा हैं कि आखिर किसी भी नर्सिंग कोर्स को पूरा करने के लिए मूल प्रमाण पत्र को जमा नहीं कराया जाता है । और ना ही ऋण के माध्यम से ही कोर्स का फीस जमा होता है । जिसके कारण छात्राओं और परिजनों में काफी असंतोष है । छात्राओं ने कहा कि आज तक कई संस्थाओं में लिए पढ़ाई किया है लेकिन कहीं भी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मूल प्रति को नहीं रखा गया है । लेकिन यहां मूल प्रति को रख लिया जा रहा है । ऐसे में अगर किसी अन्य संस्थान या कोई और कोर्स करना हो तो वह कैसे कर पाएंगे ।
वहीं संस्थान के लोगों का कहना है कि किसी के ऊपर जबरदस्ती नहीं है नगद पैसा देने वाले बच्चे प्राइवेट में जाकर पढ़ सकते हैं हम अपने संस्थान में ऋण के माध्यम से ही फीस लेंगे .
बाईट : 1:रंभा कुमारी ( छात्रा )
बाईट: 2: सीमा कुमारी ( छात्रा )
बाईट : 3: हिमांशु रंजन ( परिजन )
बाईट : 4: नैंसी राजेल ( डेप्युटी डीन )
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