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गुमला में भाजपा नेता की मौत की खबर से लोगों में आक्रोश, घंटों सड़क जाम, तोड़े गए कई वाहनों के शीशे

गुमला में भाजपा नेता सुमति केसरी की मौत की खबर से लोगों में आक्रोश देखा गया. हत्यारों की गिरफ्तारी समेत अन्य मांगों को लेकर लोग सड़क पर उतर गए. कई घंटों तक सड़क जाम रहा, वाहनों के शीशे भी तोड़े गए.

BJP leader death in Gumla
सड़क जाम करते लोग
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Published : Jan 14, 2023, 9:32 PM IST

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गुमला: लगातार पांच दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झूलते आखिरकार भाजपा नेता सुमति केसरी जिंदगी की जंग हार बैठे. भाजपा के पूर्व पालकोट मंडल अध्यक्ष सुमित केसरी ने शनिवार को रांची के मेडिका हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इसके साथ ही उनके उपर हुए कातिलाना हमले का राज भी राज ही रह गया. इधर उनकी मौत की खबर मिलते ही पालकोटवासी उबल पड़ें. सारी दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद करा दिए गए और लोगों ने सड़क पर उतर राउरकेला-गुमला NH 143 को जाम कर दिया.

ये भी पढ़ें: Murder in Gumla: रांची में इलाजरत भाजपा नेता की मौत, 9 जनवरी को अपराधियों ने मारी थी गोली


डीसी को बुलाने की मांग पर अड़े जामकर्ता: सड़क जाम में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं, इस दौरान शरारती तत्वों ने कई वाहनों के शीशे भी तोड़ दिये. सड़क जाम होने की सूचना पर बसिया एसडीओ संजय पीएम कुजूर, एसडीपीओ विकास आनंद लागुरी और अभियान एसपी मनीष कुमार वहां पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को जाम हटाने के लिए समझाते रहे, लोकिन ये लोग जाम स्थल पर डीसी गुमला को बुलाने की मांग करते रहे. जिसके बाद शाम करीब 6:30 बजे सुमित केसरी का शव पालकोट लाया गया. शव पहुंचने के साथ ही सड़क जाम हटा लिया गया.


एसडीओ को सौंपे मांग पत्र में हत्यारों की गिरफ्तारी की डिमांड: जाम स्थल पर लोगों ने एसडीओ संजय पीएम कुजूर को एक मांग-पत्र सौंपा. मांग पत्र में हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने, मृतक के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने, मृतक के आश्रितों को 1 करोड़ मुआवजा देने और मृतक के दोनों बच्चों की शिक्षा की समुचित व्यवस्था करने की मांग की गई है.

इस तरह हुई थी घटना: सुमित केसरी 9 जनवरी की रात पालकोट स्थित अपने फ्लाई ऐश प्लांट में थे. इसी दौरान करीब साढ़े नौ बजे दो अज्ञात हथियारबंद प्लांट में आ धमके. वे सुमित केसरी और उनके भतीजे को अपने कब्जे में लेकर कुछ दूर ले गए और उनके साथ मारपीट की. फिर वहां से सुमित केसरी के भतीजे को भगा दिया और सुमित केसरी को अपने कब्जे में रखकर रोकेडेगा मोड़ के पास ले गए, जहां उसके चेहरे को पत्थर से कुचलकर और पैर में गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया. सूचना पाकर परिजन सुमित केसरी को तत्काल गुमला सदर अस्पताल ले गए, जहां उनकी नाजुक स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया. उनका इलाज रांची के मेडिका हॉस्पिटल में चल रहा था, जहां शनिवार की सुबह पौने ग्यारह बजे सुमित केसरी की मौत हो गई.


घटना के अनुसंधान के लिए गठित एसआईटी अब तक नाकाम: सुमित केसरी पर हुए कातिलाना हमले को लेकर गुमला एसपी के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विकास आनंद लागुरी के नेतृत्व में एसआईटी (विशेष अनुसंधान टीम) का गठन किया गया था, लेकिन यह टीम अब तक इस कांड का उद्भेदन करने में नाकाम रही है. सब लोग सुमित के ठीक होने का इंतजार कर रहे थे, उनका सफल ऑपरेशन भी हुआ, लेकिन वे कोमा से बाहर नहीं निकल पाए और इस तरह उनके सीने में दफन राज राज ही रह गया.

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गुमला: लगातार पांच दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झूलते आखिरकार भाजपा नेता सुमति केसरी जिंदगी की जंग हार बैठे. भाजपा के पूर्व पालकोट मंडल अध्यक्ष सुमित केसरी ने शनिवार को रांची के मेडिका हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इसके साथ ही उनके उपर हुए कातिलाना हमले का राज भी राज ही रह गया. इधर उनकी मौत की खबर मिलते ही पालकोटवासी उबल पड़ें. सारी दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद करा दिए गए और लोगों ने सड़क पर उतर राउरकेला-गुमला NH 143 को जाम कर दिया.

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डीसी को बुलाने की मांग पर अड़े जामकर्ता: सड़क जाम में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं, इस दौरान शरारती तत्वों ने कई वाहनों के शीशे भी तोड़ दिये. सड़क जाम होने की सूचना पर बसिया एसडीओ संजय पीएम कुजूर, एसडीपीओ विकास आनंद लागुरी और अभियान एसपी मनीष कुमार वहां पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को जाम हटाने के लिए समझाते रहे, लोकिन ये लोग जाम स्थल पर डीसी गुमला को बुलाने की मांग करते रहे. जिसके बाद शाम करीब 6:30 बजे सुमित केसरी का शव पालकोट लाया गया. शव पहुंचने के साथ ही सड़क जाम हटा लिया गया.


एसडीओ को सौंपे मांग पत्र में हत्यारों की गिरफ्तारी की डिमांड: जाम स्थल पर लोगों ने एसडीओ संजय पीएम कुजूर को एक मांग-पत्र सौंपा. मांग पत्र में हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने, मृतक के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने, मृतक के आश्रितों को 1 करोड़ मुआवजा देने और मृतक के दोनों बच्चों की शिक्षा की समुचित व्यवस्था करने की मांग की गई है.

इस तरह हुई थी घटना: सुमित केसरी 9 जनवरी की रात पालकोट स्थित अपने फ्लाई ऐश प्लांट में थे. इसी दौरान करीब साढ़े नौ बजे दो अज्ञात हथियारबंद प्लांट में आ धमके. वे सुमित केसरी और उनके भतीजे को अपने कब्जे में लेकर कुछ दूर ले गए और उनके साथ मारपीट की. फिर वहां से सुमित केसरी के भतीजे को भगा दिया और सुमित केसरी को अपने कब्जे में रखकर रोकेडेगा मोड़ के पास ले गए, जहां उसके चेहरे को पत्थर से कुचलकर और पैर में गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया. सूचना पाकर परिजन सुमित केसरी को तत्काल गुमला सदर अस्पताल ले गए, जहां उनकी नाजुक स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया. उनका इलाज रांची के मेडिका हॉस्पिटल में चल रहा था, जहां शनिवार की सुबह पौने ग्यारह बजे सुमित केसरी की मौत हो गई.


घटना के अनुसंधान के लिए गठित एसआईटी अब तक नाकाम: सुमित केसरी पर हुए कातिलाना हमले को लेकर गुमला एसपी के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विकास आनंद लागुरी के नेतृत्व में एसआईटी (विशेष अनुसंधान टीम) का गठन किया गया था, लेकिन यह टीम अब तक इस कांड का उद्भेदन करने में नाकाम रही है. सब लोग सुमित के ठीक होने का इंतजार कर रहे थे, उनका सफल ऑपरेशन भी हुआ, लेकिन वे कोमा से बाहर नहीं निकल पाए और इस तरह उनके सीने में दफन राज राज ही रह गया.

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