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आधी रात को बीच रास्ते में ही एंबुलेंस चालक ने उतार दिया शव, लाश के पास बैठी महिला करती रही विलाप

गुमला जिले में एक इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. इसमें एक एंबुलेंस चालक ने बीच रास्ते में ही शव को उतार दिया और फरार हो गया. इसके बाद शव के पास उसके परिजन काफी देर तक रोते रहे.

Ambulance driver dropped dead body midway
बीच रास्ते में पड़ा शव
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Published : Apr 25, 2023, 10:35 PM IST

गुमला: जिले के सिसई प्रखंड में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला प्रकाश में आया है. गुमला-रांची मुख्य मार्ग में सिसई थाना क्षेत्र के रेडवा पुल के पास सफेद कपड़ों में लिपटे शव को जहानाबाद से लेकर आ रहे एंबुलेंस चालक ने देर रात बीच रास्ते में सड़क के किनारे उतार दिया और फरार हो गया. राहगीरों और आसपास के ग्रामीणों ने सड़क के किनारे पड़े शव को देखा और उसके पास बैठी महिला और बच्चे से पूछताछ की. हालांकि महिला और बच्चे किसी भी तरह से जवाब देने की हालत में नहीं थे.

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बीच रास्ते में शव के पास विलाप करती महिला को देखकर वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई. ग्रामीणों का कहना है कि इसी बीच मृतक का बेटा देवबल लोहरा उन्हें ढूंढता हुआ वहां पहुंचा. उसने बताया कि वे बसिया प्रखंड के टेंगरा बंधई टोली रहने वाले हैं. मृतक के पुत्र ने बताया कि उसके पिता मोहन लोहरा 70 वर्ष के थे और जहानाबाद में रहकर एक ईट भट्ठा में मजदूरी का काम करते थे. जहानाबाद में ही वे बिजली के 11 हजार वोल्ट की चपेट में आ गए जिससे उनकी मौत हो गई. जिसके बाद उसे फोन पर इसकी जानकारी दी गई थी.

वहीं देवबल लोहरा ने बताया कि एंबुलेंस उसके पिता के शव को लेकर आ रही थी, शव के साथ उसकी परिजन बसंती देवी थी, वह लगातार बसंती के साथ फोन पर संपर्क पर था. लेकिन रात होने के कारण बसंती को जगह का अंदाजा नहीं मिल पा रहा था. इस कारण वह सही जानकारी नहीं दे पा रही थी. जब रेडवा पुल के पास एंबुलेंस चालक शव को उतार कर फरार हो गया तो वह ढूंढता हुआ उनके पास पहुंचा. मृतक के बेटे ने बताया कि उसके पिता की मौत से संबंधित कोई भी पेपर उसे नहीं मिला है. उन्होंने इस मामले की जांच करने और मुआवजे की भी मांग की है.

गुमला: जिले के सिसई प्रखंड में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला प्रकाश में आया है. गुमला-रांची मुख्य मार्ग में सिसई थाना क्षेत्र के रेडवा पुल के पास सफेद कपड़ों में लिपटे शव को जहानाबाद से लेकर आ रहे एंबुलेंस चालक ने देर रात बीच रास्ते में सड़क के किनारे उतार दिया और फरार हो गया. राहगीरों और आसपास के ग्रामीणों ने सड़क के किनारे पड़े शव को देखा और उसके पास बैठी महिला और बच्चे से पूछताछ की. हालांकि महिला और बच्चे किसी भी तरह से जवाब देने की हालत में नहीं थे.

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बीच रास्ते में शव के पास विलाप करती महिला को देखकर वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई. ग्रामीणों का कहना है कि इसी बीच मृतक का बेटा देवबल लोहरा उन्हें ढूंढता हुआ वहां पहुंचा. उसने बताया कि वे बसिया प्रखंड के टेंगरा बंधई टोली रहने वाले हैं. मृतक के पुत्र ने बताया कि उसके पिता मोहन लोहरा 70 वर्ष के थे और जहानाबाद में रहकर एक ईट भट्ठा में मजदूरी का काम करते थे. जहानाबाद में ही वे बिजली के 11 हजार वोल्ट की चपेट में आ गए जिससे उनकी मौत हो गई. जिसके बाद उसे फोन पर इसकी जानकारी दी गई थी.

वहीं देवबल लोहरा ने बताया कि एंबुलेंस उसके पिता के शव को लेकर आ रही थी, शव के साथ उसकी परिजन बसंती देवी थी, वह लगातार बसंती के साथ फोन पर संपर्क पर था. लेकिन रात होने के कारण बसंती को जगह का अंदाजा नहीं मिल पा रहा था. इस कारण वह सही जानकारी नहीं दे पा रही थी. जब रेडवा पुल के पास एंबुलेंस चालक शव को उतार कर फरार हो गया तो वह ढूंढता हुआ उनके पास पहुंचा. मृतक के बेटे ने बताया कि उसके पिता की मौत से संबंधित कोई भी पेपर उसे नहीं मिला है. उन्होंने इस मामले की जांच करने और मुआवजे की भी मांग की है.

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