गुमला: जिला के रायडीह प्रखंड के पारसा में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा की बैठक हुई. इस बैठक में भारतमाला परियोजना के विरोध में दो दिवसीय पदयात्रा करने का फैसला लिया गया है. दो दिवसीय पदयात्रा आयोजित करने के लिए 19 और 20 मार्च 2023 की तारीख निर्धारित की गयी है. यह दो दिवसीय पदयात्रा परियोजना से प्रभावित गांवों में करने का फैसला लिया गया.
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अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा की यह बैठक महासभा के सदस्य चापा उरांव की अध्यक्षता में हुई. बैठक में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए महासभा की जिलाध्यक्ष सनिया उरांव ने कहा कि महासभा विकास विरोधी नहीं है, बल्कि विकास की बलि आदिवासियों को बनाने का विरोध किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के लिए पहले सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. इस ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए पदयात्रा सह हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. जिसके बाद प्रभावित ग्रामीणों का हस्ताक्षरयुक्त आवेदन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा.
बैठक में मुख्य रूप से चारअम्बा, भकुआ टोली, नकटी, जामटोली, असनी, चंदाली, कुम्बा टोली, घटगांव, बांसडीह, परसा, टुकूटोली, तुंजटोली, पारासिमा, कुड़ो और कटकायां के ग्रामीण मौजूद रहे. रामकेश्वर उरांव, गुंजरी लकड़ा, अरूण उरांव, विनोद उरांव, विनय मिंज, शनि भगत, गोविंद उरांव, माधो, रोशनी, बुधराम उरांव, दिनेश पन्ना, सीटवा उरांव, जीरा पन्ना, तेतरी उरांव, छोटी कुमारी, सुरेश प्रसाद यादव, लालमोहनी खाखा, बिजला उरांव, फुलचंद उरांव, मुकेश लकड़ा, निरोज एक्का और राजेश मिंज सहित अन्य लोग शामिल थे.
क्या है भारतमाला परियोजना: बता दें कि भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना है, जिसे साल 2015 में केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा शुरू किया गया था. इस परियोजना का उद्देश्य माल ढुलाई के साथ-साथ यात्रियों के आवाजाही के लिए भी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है. ताकि देश में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिल सके.