गुमलाः जिला में भूख से बुजुर्ग की मौत पर जांच टीम मौके पहुंची. टीम ने कहा कि भूख से मौत नहीं हुई है. गुमला जिला के पुग्गु ज्योति नगर में भूख से मौत की अफवाह खबर के बीच जिला प्रशासन के अधिकारी बितना चीक बड़ाईक के निवास स्थल पहुंचे और वहां जांच की.
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ग्रामीणों ने बताया कि बितना चीक बड़ाईक इस मोहल्ले में अकेले रहता था और वह भीख मांगकर अपना जीवन यापन करता था. भूख से मौत के मामले से ग्रामीणों ने इनकार किया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब भी उसे जरूरत होती थी लोगों के बीच आकर वह मांगता था हम लोग खाना एवं अन्य सुविधाएं उसे देते थे. यह मोहल्ला घनी आबादी वाला है यहां किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं है. इस मामले को लेकर मीडिया ने गुमला के डीसी सुशांत गौरव से मिलकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली.
वहीं मीडिया की पहल पर गुमला डीसी सुशांत गौरव ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को इस मामले में जांच का आदेश दिया. जांच टीम वहां पहुंची और जांच की. इस मामले में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सबिन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला भूख से मौत का मामला नहीं है. यह घनी आबादी का क्षेत्र है और लोग उसे खाने-पीने व अन्य सामान भी देते थे. लोगों का कहना है कि बितना चीक बड़ाईक नशा करता था, संभवतः किसी बीमारी के कारण उसे मौत हो गई होगी.
जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बितना चीक बड़ाईक का पोस्टमार्टम कराकर जांच कर रही है कि आखिर इसकी मौत कैसे हुई? इधर जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी ने बताया कि जिला प्रशासन इस मामले में संवेदनशील है पूरी तरह से जांच की गई है भूख से मौत नहीं है. जिला प्रशासन मृतक के दाह संस्कार की समुचित व्यवस्था कर रही है एवं परिजन की कोई समस्या है तो उसका भी समाधान जिला प्रशासन करेगी. हालंकि इसके बाद शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम करा सोमवार को परिजनों को पुलिस ने सौंप दिया है.
बितना चीक बड़ाईक पालकोट प्रखंड के उमरा गांव की निवासी है. गुमला के ज्योति नगर में वर्षों से रह रहा है. पूर्व में वो रिक्शा चलाता था बाद में उम्र अधिक होने के कारण भीख मांग कर अपना जीवन यापन करता था. बताया जाता है कि बीतना बड़ाईक की उम्र 80 से 85 वर्ष के बीच थी. बितना चीक बड़ाइक का संदेहास्प्रद स्थिति में मौत हो गयी. शव देखने से प्रतीत हो रहा है कि उसकी मौत भूख से हुई है और उसकी मौत एक दिन पूर्व होने की संभावना है. उस स्थान पर कुछ भी खाने पीने का समान नहीं था. वहीं खाने का बर्तन डेकची में काई जमी हुई थी. इसके अलावा वहां खाली कई पानी का बोतल था.
वहीं स्थानीय निवासियों ने बताया कि वह वृद्ध एक साल से उस घर में रह रहा है और भीख मांग कर अपना जीवन यापन करता था, उसका कोई नहीं है. उसका बेटा महेश चीक बड़ाईक का वर्ष 2014 में टीबी से मौत हो गयी थी. जिसके बाद महेश की पत्नी ने दूसरी शादी कर ली और बितना चीक बड़ाईक अकेले ही रहता था. सोमवार को जब कुछ महिला उस घर में झांक कर देखा तो वहां एक शव दिखा जिसके बाद पुलिस को सूचना दिया गया. जिसके कुछ घंटों के बाद पुलिस वहां से शव कब्जे में कर पोसमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. लोगों ने बताया कि वृद्ध की मौत भूख से होने की आशंका जताई जा रही थी.