गोड्डा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी. वैश्विक और घरेलू वजहों से भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार कुछ वक्त से बेहद धीमी है. इसको लेकर कई क्षेत्रों को अगले वित्त वर्ष के आम बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. ईटीवी भारत से खेल जगत को बजट से क्या उम्मीदें हैं इस पर लोगों ने अपनी राय साझा की.
हम जैसे लोग गांव के गरीब घराने से आते हैं. खिलाड़ियों में प्रतिभा है, लेकिन साधन का अभाव होता है. ऐसे में गांव में खेलो की सुविधा के स्कॉलरशिप की व्यवस्था होनी चाहिए. - सुजेन कुमार, नेटबाल प्लेयर, जूनियर नेशनल
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आज कुछ चुनिंदा राज्यों को खेल को लेकर अच्छा खासा बजट मुहैया कराया जा रहा है. हालांकि झारखंड और बिहार जैसे राज्यों को खेल में कुछ खास बजट नहीं दिया जाता. इससे संसाधन के अभाव में खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं. इन राज्यो में खेलो को सभी संसाधन मुहैया कराई जाए- इफ्तेखार आलम राजू, उपाध्यक्ष, गोड्डा कबड्डी संघ
सरकार खिलाड़ियों को जिला स्तर पर प्रदर्शन के साथ ही स्कॉलरशिप दे. इससे छोटे बच्चों का मनोबल बढ़ेगा. अमूमन स्टेट को रिप्रेजेंट करने पर ही ये स्कॉलरशिप दी जाती है. इसके साथ ही हर जिले में खेल क्लब हो, जिससे खिलाड़ियों को किट जैसी सुविधाएं आसानी से मिल सकें.- मोनालिसा, इंटरनेशनल नेटबाल प्लेयर
जो राशि खेल के लिए जारी की जाती है वो खिलाडियों तक पहुंचे. अगर यह बजट खिलाड़ियों के संसाधन पर खर्च नहीं होगा तो खेल और खिलाड़ियों का बेहतर विकास नहीं होगा.- सुरजीत झा, नेशनल कैरम अंपायर, खेल प्रशिक्षक
खेल को प्रोत्साहन तब ही मिल सकता है, जब स्कॉलरशिप के साथ ही नौकरी में खेल कोटा भी बेहतर हो. इससे खिलाड़ियों को लगेहा कि खेल में उनका भविष्य सुरक्षित है.- गुंजन झा, नेशनल नेटबाल प्लेयर