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अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटा सामाजिक कार्यकर्ता, कहा- ECL ने कराया अपहरण - Godda Crime News

गोड्डा में सामाजिक कार्यकर्ता रविलाल हेम्ब्रम का अपहरण कर लिया गया था. लेकिन किसी तरह से वो अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटकर पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा थाना पहुंचा गए. जिसके बाद पुलिस उन्हें गोड्डा लेकर आई. उन्होंने ईसीएल पर अपहरण करवाने का आरोप लगाया है.

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Published : Oct 6, 2021, 8:11 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 8:42 PM IST

गोड्डा: बोआरीजोर से अपहृत सामाजिक कार्यकर्ता रविलाल हेम्ब्रम अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटकर पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा थाना पहुंचा गया. जहां से पुलिस ने उन्हें गोड्डा लाया. इस दौरान पुलिस ने उनसे पूछताछ की. वहीं एक अन्य अपहृत रमेश किस्कू का भी सकुशल घर पहुंचने की बात सामने आई है.

इसे भी पढ़ें: आंदोलनकारी युवकों का हथियार के बल पर किया अपहरण, संदेह के घेरे में ECL प्रबंधन

रविलाल हेम्ब्रम ने बताया कि वे काफी डरे हुए हैं. मजूबरन अपहर्ताओं की हर बात में हां में हां मिला रहे थे. अपहर्ता लगातार उनपर दवाब बना रहे थे वे ईसीएल राजमहल परियोजना के अंतर्गत आने वाले तालझारी, भेरंडा, बाबूपुर, पहाड़पुर जैसे गांव में उत्खनन के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध नहीं करें. इसके लिए उन्हें प्रलोभन भी दिए जा रहा था.

अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटा सामाजिक कार्यकर्ता

रविलाल ने लिया जल, जंगल, जमीन के लिए लड़ाई जारी रखने का संकल्प


वहीं इस पूरे प्रकरण में एसपी वाइएस रमेश ने कहा कि पूरी घटना में ईसीएल प्रबंधन की संलिप्तता जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. हालांकि मामले की जांच की जा रही है. रविलाल हेम्ब्रम ईसीएल के भूमि अधिग्रहण का लगातार विरोध कर रहे हैं. अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद उन्होंने फिर से जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता की लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है.

गोड्डा: बोआरीजोर से अपहृत सामाजिक कार्यकर्ता रविलाल हेम्ब्रम अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटकर पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा थाना पहुंचा गया. जहां से पुलिस ने उन्हें गोड्डा लाया. इस दौरान पुलिस ने उनसे पूछताछ की. वहीं एक अन्य अपहृत रमेश किस्कू का भी सकुशल घर पहुंचने की बात सामने आई है.

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रविलाल हेम्ब्रम ने बताया कि वे काफी डरे हुए हैं. मजूबरन अपहर्ताओं की हर बात में हां में हां मिला रहे थे. अपहर्ता लगातार उनपर दवाब बना रहे थे वे ईसीएल राजमहल परियोजना के अंतर्गत आने वाले तालझारी, भेरंडा, बाबूपुर, पहाड़पुर जैसे गांव में उत्खनन के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध नहीं करें. इसके लिए उन्हें प्रलोभन भी दिए जा रहा था.

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रविलाल ने लिया जल, जंगल, जमीन के लिए लड़ाई जारी रखने का संकल्प


वहीं इस पूरे प्रकरण में एसपी वाइएस रमेश ने कहा कि पूरी घटना में ईसीएल प्रबंधन की संलिप्तता जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. हालांकि मामले की जांच की जा रही है. रविलाल हेम्ब्रम ईसीएल के भूमि अधिग्रहण का लगातार विरोध कर रहे हैं. अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद उन्होंने फिर से जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता की लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है.

Last Updated : Oct 6, 2021, 8:42 PM IST
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