गोड्डा: मुम्बई की फिल्म इंडस्ट्रीज में 90 की दशक की मशहूर गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ ने अपनी अंदाज और आवाज से खूब समां बांधा, और लोगों को देर रात तक झुमाते रहीं. इस दौरान जहां उन्ंहोंने 60 साल की उम्र में अपनी आवाज से लोगों का खूब मनोरंजन किया, वहीं जीवन के कई राज भी बताए.
दूसरी पारी
उन्होंने कहा कि जो बचपन में सुषमा श्रेष्ठ बनकर के खूबसूरत गाने गाए, लेकिन जीवन में एक दौर भी आया जब फिल्मकारों ने भुला दिया. या यूं कहे कि काम देना बंद कर दिया. वहीं दूसरी पारी में उन्होंने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गाया और लोगों ने उन्हें खूब प्यार दिया.
किशोर दा के साथ गाने का मौका
उन्होंने कहा कि कैसे पंचम दा ने उन्हें 9 साल में लता मंगेशकर के बीमार होने पर बतौर बाल गायिका के रूप में किशोर दा के साथ गाने का अवसर दिया. ये गीत थे.. तुझसे मेरा है नाता कोई, यू नहीं दिल लुभाता कोई, लेकिन बाद में काम मिलने बंद हो गए.
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सुपरहिट गाने
इसके बाद सुषमा ने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गोविंदा-करिश्मा अभिनीत फिल्म समेत कई फिल्मों में कई गीत गाए और इनमें कई सुपरहिट गाने थे.