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90 दशक की मशहूर गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ ने गोड्डा में बांधा समा, देर रात तक झूमते रहे लोग

90 दशक की मशहूर गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ गोड्डा पहुंची थी. वहां उन्होंने अपनी गायिकी से लोगों को खूब झुमाया. उन्होंने कहा कि जो बचपन में सुषमा श्रेष्ठ बनकर के खूबसूरत गाने गाए. वहीं दूसरी पारी में उन्होंने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गाया.

गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ
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Published : Jul 14, 2019, 2:10 AM IST

गोड्डा: मुम्बई की फिल्म इंडस्ट्रीज में 90 की दशक की मशहूर गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ ने अपनी अंदाज और आवाज से खूब समां बांधा, और लोगों को देर रात तक झुमाते रहीं. इस दौरान जहां उन्ंहोंने 60 साल की उम्र में अपनी आवाज से लोगों का खूब मनोरंजन किया, वहीं जीवन के कई राज भी बताए.

गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ

दूसरी पारी
उन्होंने कहा कि जो बचपन में सुषमा श्रेष्ठ बनकर के खूबसूरत गाने गाए, लेकिन जीवन में एक दौर भी आया जब फिल्मकारों ने भुला दिया. या यूं कहे कि काम देना बंद कर दिया. वहीं दूसरी पारी में उन्होंने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गाया और लोगों ने उन्हें खूब प्यार दिया.

किशोर दा के साथ गाने का मौका
उन्होंने कहा कि कैसे पंचम दा ने उन्हें 9 साल में लता मंगेशकर के बीमार होने पर बतौर बाल गायिका के रूप में किशोर दा के साथ गाने का अवसर दिया. ये गीत थे.. तुझसे मेरा है नाता कोई, यू नहीं दिल लुभाता कोई, लेकिन बाद में काम मिलने बंद हो गए.

ये भी पढ़ें- 5000 कमाने के लिए बना साइबर अपराधी, रांची पुलिस ने हरियाणा से किया गिरफ्तार

सुपरहिट गाने
इसके बाद सुषमा ने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गोविंदा-करिश्मा अभिनीत फिल्म समेत कई फिल्मों में कई गीत गाए और इनमें कई सुपरहिट गाने थे.

गोड्डा: मुम्बई की फिल्म इंडस्ट्रीज में 90 की दशक की मशहूर गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ ने अपनी अंदाज और आवाज से खूब समां बांधा, और लोगों को देर रात तक झुमाते रहीं. इस दौरान जहां उन्ंहोंने 60 साल की उम्र में अपनी आवाज से लोगों का खूब मनोरंजन किया, वहीं जीवन के कई राज भी बताए.

गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ

दूसरी पारी
उन्होंने कहा कि जो बचपन में सुषमा श्रेष्ठ बनकर के खूबसूरत गाने गाए, लेकिन जीवन में एक दौर भी आया जब फिल्मकारों ने भुला दिया. या यूं कहे कि काम देना बंद कर दिया. वहीं दूसरी पारी में उन्होंने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गाया और लोगों ने उन्हें खूब प्यार दिया.

किशोर दा के साथ गाने का मौका
उन्होंने कहा कि कैसे पंचम दा ने उन्हें 9 साल में लता मंगेशकर के बीमार होने पर बतौर बाल गायिका के रूप में किशोर दा के साथ गाने का अवसर दिया. ये गीत थे.. तुझसे मेरा है नाता कोई, यू नहीं दिल लुभाता कोई, लेकिन बाद में काम मिलने बंद हो गए.

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सुपरहिट गाने
इसके बाद सुषमा ने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गोविंदा-करिश्मा अभिनीत फिल्म समेत कई फिल्मों में कई गीत गाए और इनमें कई सुपरहिट गाने थे.

Intro:गोड्डा में साठ की उम्र अपनी पुरकशिश गायकी से बंधा समां, कहा बचपन मे सुषमा तो जवानी में पूर्णिमा बन कर गाया


Body:मुम्बई की फ़िल्म इंडस्ट्रीज में नब्बे की दशक की मशहूर गायिका पूर्णिमा श्रेष्ठ ने अपनी पुरकशिश अंदाज़ व आवाज़ से खूब समां बांधा, और लोगो को देर रात तक झुमाते रही।इस दौरान जहा साठ साल की उम्र में अपनी आवाज़ से लोगो का खूब मनोरंजन किया।वही जीवन के कई राज भी बताए।
उन्होंने कहा कि जो बचपन मे सुषमा श्रेष्ठ बनकर के खूबसूरत गाने गाए लेकिन जीवन मे एक दौर भी आया जब फिल्मकारों ने भुला दिया या यूं ख़्य कि काम देना बंद कर दिया।वही दूसरी पारी उसने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गाया और लोगो ने उन्हें खूब प्यार दिया।
उन्होंने कहा कि कैसे पंचम दा ने उन्हें 9 साल में लाता मंगेशकर के बीमार होने पर बतौर बाल गायिका के रूप में किशोर दा के साथ गाने का अवसर प्रदान किया।ये गीत थे.. तुझसे मेरा है नाता कोई यू नही दिल लुभाता कोई,और फिर इतनी शक्ति हमे देना दाता मैन का विश्वाश कमजोर हो ना ..।लेकिन बाद में काम मिलने बंद हो गए।इसके बाद सुषमा ने पूर्णिमा श्रेष्ठ बनकर गोविंदा-करिश्मा अभिनीत फ़िल्म समेत कई फिल्मों में कई गीत गाये जैसे,तू मेरा हीरो नंबर वन,उई अम्मा अम्मा ये क्या करता है,अंजाम की चने के खेत मे जैसे सुपर हिट गाने थे।
उन्होंने कहा 9 साल में हिंदी फिल्म में गाने वाली पूर्णिमा का ये गायकी का 50वा साल है ।इस वक़्त वो गोड्डा में है और आज भी उनकी आवाज़ का जादू इस कदर लोगो के सर चढ़कर बोल की जिसने वो झुमते चले गए।।और सबने ख़्य भला इस उम्र।आवाज़ का ये जादू वाह बहुत खूब।


Conclusion:na
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