गोड्डा: जिला में की कझिया नदी को तलाशने की मुहिम कुछ समाजिक संगठनों ने शुरू कर दी है. जब जब आस्था का महापर्व छठ आता है गोड्डावासियों को कझिया नदी का हालात रुलाता है. कझिया कभी पूरे शहर को सालभर पीने का पानी मुहैया कराती थी. आज नदी का अस्तित्व संकट में पड़ गया है. कई बार कझिया नदी को पोकलेन से तलाश कर निकाला जाता है और यह कार्य नगर परिषद सिर्फ छठ के मौके पर करती है. इस बार भी नदी को तलाशने का कार्य जारी कर दिया गया है, जो एक चुनौती है.
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सरकार की गलत नीतियों के कारण कझिया नदी से जगह-जगह बालू की नीलामी की गई और इस प्रकार बड़े पैमाने पर नदी का दोहन हुआ. आज भी हर दिन हजारों सैकड़ों ट्रक बालू कझिया नदी से उठाई जाती है. वहीं पूरे शहर का कचरा भी इसी नदी में डंप किया जाता है. इस ओर प्रशासन की कोई पहल नहीं है. आज कझिया नदी नाले में तब्दील हो गई है.