गोड्डाः जिले में पंचायत जनप्रतिनिधि आपस में अधिकारों को लेकर टकराने लगे हैं. मेहरमा प्रखंड के प्रमुख ने मुखिया पर अभद्र व्यवहार करने और जाति सूचक गाली देने आरोप लगाया(pramukh accused mukhiya in godda) है. इस लेकर प्रमुख ने मेहरमा थाने में मामला दर्ज कराया है.
पंचायत प्रतिनिधि द्वारा अपने अधिकारों को लेकर लड़ाई कोई नई बात नहीं है. दरअसल मेहरमा प्रखंड की प्रमुख कंचन कुमारी जो अनुसूचित जाति से आती हैं. वो खुद और अन्य पंचायत समिति सदस्यों के साथ मेहरमा प्रखंड के एक पंचायत माल प्रतापपुर में योजना निरीक्षण हेतु गई. जहां काम कर रहे मजदूरों से उसका नाम जानना चाहा तो किसी ने कहा कुछ तो किसी ने कुछ, कुछ मजदूर अनाप सनाप बकने लगे.
इस दौरान स्थानीय मुखिया मो तनवीर आलम ने अपने क्षेत्र में प्रमुख की उपस्थिति का विरोध करते हुए नाराजगी दिखा दी. प्रमुख कंचन कुमारी के अनुसार मुखिया ने उनके साथ जाति सूचक शब्दों के साथ गली गलौज किया और उनके जेवर और नगद छीन लिए और स्थानीय पंचायत समिति सदस्य के बेटे के साथ मारपीट भी की. मुखिया और उनके साथ अन्य चार पांच लोगों को भी नामजद बनाया गया है. प्रमुख के साथ आस पास के अन्य पंचायत समिति सदस्य भी मौजूद थे. सबने मिलकर मुखिया के कृत्य पर नाराजगी जताई.
घटना की जांच के बाद वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा. लेकिन इन स्थितियों के पीछे की वजह अधिकारों को लेकर लड़ाई है. क्योंकि आम तौर योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायतस्तर पर मुख्य भूमिका पंचायत के मुखिया की होती है. वहीं दूसरी ओर पंचायत समिति सदस्यों को लगता है कि उनकी उपेक्षा होती है और ज्यादा कुछ तो प्रमुख बस निरीक्षण मात्र हेतु जाते हैं. ऐसे में मुखिया को लगता है कि उनके कार्यो में ये दखलंदाजी हो रही है. इन सबके पीछे अंदर खाने कमीशनखोरी भी बड़ी वजह होती है.