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आईटी के छापे पर विधायक का जवाबः 100 गाय, बेटा डॉक्टर, मां को पेंशन और घर से मिले दो लाख

पिछले दिनों झारखंड में आईटी का छापा पड़ा. इसको लेकर सियासी गलियारे में हलचल है. गोड्डा में विधायक प्रदीप यादव के आवास पर छापा पड़ा (IT raids at MLA residence in Godda) था. इसको लेकर प्रदीप यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना (Pradeep Yadav targeted BJP over IT raids) है. आयकर की कार्रवाई के बाद वो अपने घर पहुंचे थे.

Pradeep Yadav targeted BJP over IT raids at MLA residence in Godda
विधायक प्रदीप यादव
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Published : Nov 7, 2022, 10:41 AM IST

गोड्डाः जिला में आयकर के छापे के बाद रांची से गोड्डा पहुंचे प्रदीप यादव का पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. इस मौके पर उन्होंने खुद ही अपने यहां मिली राशि का हिसाब किताब देते हुए नजर आए. उन्होंने बताया कि उनकी जिंदगी खुली किताब है, ये सबको पता है. झारखंड में आईटी का छापा को लेकर प्रदीप यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना (Pradeep Yadav targeted BJP over IT raids) है.

इसे भी पढ़ें- विधायक प्रदीप यादव की पत्नी हाथ जोड़कर समर्थकों से बोलीं- प्लीज घर चले जाइए, हम यहां नॉर्मल हैं, वे लोग अपना काम कर रहे

गोड्डा में आईटी का छापा (IT raids at MLA residence in Godda) के बाद विधायक के पैसों का हिसाब उन्होंने खुद दिया है. प्रदीप यादव ने मीडिया से बात करते हुए तल्ख अंदाज में अपने आय का ब्योरा दिया. उन्होंने बताया कि 100 गाय, बेटा डॉक्टर है, मां को पेंशन मिलता है. लेकिन इन सब कार्रवाई में आईटी को मिले सिर्फ दो लाख रुपया. उन्होंने कहा कि ये ऑपरेशन लोटस के असफल होने के बाद हुई खीज में की गई कार्रवाई है.

विधायक प्रदीप यादव


आगे उन्होंने कहा कि रही बात तो उनके आवास से दो लाख नकद मिले हैं, मेरे बारे में सभी जानते आई 23 वर्ष से जनप्रतिनिधि हूं, जिसमें पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहा हूं. वहीं मेरे पिताजी शिक्षक थे, मेरी मां को पेंशन मिलता है, मेरी पत्नी खटाल पिछले बीस वर्षों से चलाती है, जहां आज भी 100 गायें हैं. मेरा बेटा डॉ. रितिक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर था, ऐसे में दो लाख की रकम घर में हो ही सकता है. फिर मुझसे सवाल पूछे जाएंगे तो मैं उचित प्लेटफार्म पर इसका जवाब दूंगा. वहीं रांची आवास से 16 हजार 400 रुपये और ड्राइवर के पास से 10 हजार मिलने की जानकारी दी.


साथ ही कहा कि जिस श्यामकांत यादव को उनका करीबी बताया गया है, उसके बारे में तो बता दें वो ना तो कभी कांग्रेस या फिर जेवीएम का कार्यकर्ता तक नहीं रहा. उन्होंने इतना जरूर कहा कि हां वो बड़ा ठेकेदार है, उनसे अच्छे संबंध हैं. बीजेपी को निशाने पर लेते हुए विधायक ने कहा कि दरअसल इसके पीछे 2024 की लोकसभा की लड़ाई है. वर्तमान सांसद निशिकांत दुबे प्रदीप यादव को सबसे बड़े प्रतिद्वंदी मानते हैं. ऐसे लोग बदनाम करने के लिए कुछ ना कुछ करते रहते हैं. सांसद को रावण व कंस की उपमा देते हए कहा कि जब उसका घमंड चूर हो गया तो इनकी क्या बिसात है.

गोड्डाः जिला में आयकर के छापे के बाद रांची से गोड्डा पहुंचे प्रदीप यादव का पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. इस मौके पर उन्होंने खुद ही अपने यहां मिली राशि का हिसाब किताब देते हुए नजर आए. उन्होंने बताया कि उनकी जिंदगी खुली किताब है, ये सबको पता है. झारखंड में आईटी का छापा को लेकर प्रदीप यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना (Pradeep Yadav targeted BJP over IT raids) है.

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गोड्डा में आईटी का छापा (IT raids at MLA residence in Godda) के बाद विधायक के पैसों का हिसाब उन्होंने खुद दिया है. प्रदीप यादव ने मीडिया से बात करते हुए तल्ख अंदाज में अपने आय का ब्योरा दिया. उन्होंने बताया कि 100 गाय, बेटा डॉक्टर है, मां को पेंशन मिलता है. लेकिन इन सब कार्रवाई में आईटी को मिले सिर्फ दो लाख रुपया. उन्होंने कहा कि ये ऑपरेशन लोटस के असफल होने के बाद हुई खीज में की गई कार्रवाई है.

विधायक प्रदीप यादव


आगे उन्होंने कहा कि रही बात तो उनके आवास से दो लाख नकद मिले हैं, मेरे बारे में सभी जानते आई 23 वर्ष से जनप्रतिनिधि हूं, जिसमें पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहा हूं. वहीं मेरे पिताजी शिक्षक थे, मेरी मां को पेंशन मिलता है, मेरी पत्नी खटाल पिछले बीस वर्षों से चलाती है, जहां आज भी 100 गायें हैं. मेरा बेटा डॉ. रितिक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर था, ऐसे में दो लाख की रकम घर में हो ही सकता है. फिर मुझसे सवाल पूछे जाएंगे तो मैं उचित प्लेटफार्म पर इसका जवाब दूंगा. वहीं रांची आवास से 16 हजार 400 रुपये और ड्राइवर के पास से 10 हजार मिलने की जानकारी दी.


साथ ही कहा कि जिस श्यामकांत यादव को उनका करीबी बताया गया है, उसके बारे में तो बता दें वो ना तो कभी कांग्रेस या फिर जेवीएम का कार्यकर्ता तक नहीं रहा. उन्होंने इतना जरूर कहा कि हां वो बड़ा ठेकेदार है, उनसे अच्छे संबंध हैं. बीजेपी को निशाने पर लेते हुए विधायक ने कहा कि दरअसल इसके पीछे 2024 की लोकसभा की लड़ाई है. वर्तमान सांसद निशिकांत दुबे प्रदीप यादव को सबसे बड़े प्रतिद्वंदी मानते हैं. ऐसे लोग बदनाम करने के लिए कुछ ना कुछ करते रहते हैं. सांसद को रावण व कंस की उपमा देते हए कहा कि जब उसका घमंड चूर हो गया तो इनकी क्या बिसात है.

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