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गोड्डा: मीडिया कर्मियों ने पेश की मानवीयता की मिसाल, स्वतंत्रता सेनानी की विधवा पत्नी की मदद - Help of widow wife of freedom fighter

गोड्डा के गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया. जहां मीडिया कर्मी ने अपनी मानवीयता की मिसाल पेश की. सम्मान समारोह में आई स्वतंत्रता सेनानी की विधवा पत्नी के पास घर लौटने के पैसे नहीं थे. बुजुर्ग महिला की मदद कर उनके गांव भिजवाया गया.

Media workers help freedom fighter's widow wife in godda
मीडिया कर्मियों ने विधवा पत्नी की मदद
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Published : Jan 27, 2020, 3:44 AM IST

गोड्डा: जिले के गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह पूरे उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पूरा शहर गणतंत्र के समारोह के जश्न में डूब हुआ था. इस दौरान जिले भर से आए स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी विधवा को शाल देकर सम्मानित किया गया लेकिन समारोह के खत्म होने के बाद जब सभी लोग अपने अपने घर जा रहे थे तब एक स्वतंत्रता सेनानी की विडंबना ऐसी थी जिसके पास घर जाने के लिए पैसे तक नहीं थे.

देखें पूरी खबर

दरअसल वह बृद्धा ठाकुर गंगटी प्रखंड के भगैय्या के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्व छेदी राम की पत्नी जमुनी देवी थी जिसे वापस घर लौटना था. गोड्डा जिला मुख्यालय से भगैय्या की दूरी 70 किमी के करीब है. ऐसे में मीडिया कर्मियों की नजर उन पर पड़ी तो माहौल भावुक हो उठा. मौके पर मौजूद लोगों ने अपने स्तर से छोटी राशि मुहैय्या कराकर उसे बस स्टैंड पहुंचाने के साथ ही घर भिजवाने का काम किया. इस तरह मीडिया कर्मियी ने खबर के साथ ही मानवीय धर्म भी निभाया.

ये भी देखें- बनैली स्टेट का लोक सेवा केंद्र था 1942 के आंदोलनकारियों का केंद्र, यहां बनती थी भागलपुर प्रमंडल की रणनीति

बता दें कि स्व छेदी राम की पत्नी को कोई पेंशन नहीं मिलता है. इसकी काफी लड़ाई उनके द्वारा लड़ा गया है लेकिन पिछले कई सालों से जिला प्रशासन के कार्यक्रम में ये शरीक होते है. पांच साल पहले तक दोनो पति पत्नी साथ आते थे और अब अकेले प्रशासन के आमंत्रण पर आती है.

गोड्डा: जिले के गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह पूरे उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पूरा शहर गणतंत्र के समारोह के जश्न में डूब हुआ था. इस दौरान जिले भर से आए स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी विधवा को शाल देकर सम्मानित किया गया लेकिन समारोह के खत्म होने के बाद जब सभी लोग अपने अपने घर जा रहे थे तब एक स्वतंत्रता सेनानी की विडंबना ऐसी थी जिसके पास घर जाने के लिए पैसे तक नहीं थे.

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दरअसल वह बृद्धा ठाकुर गंगटी प्रखंड के भगैय्या के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्व छेदी राम की पत्नी जमुनी देवी थी जिसे वापस घर लौटना था. गोड्डा जिला मुख्यालय से भगैय्या की दूरी 70 किमी के करीब है. ऐसे में मीडिया कर्मियों की नजर उन पर पड़ी तो माहौल भावुक हो उठा. मौके पर मौजूद लोगों ने अपने स्तर से छोटी राशि मुहैय्या कराकर उसे बस स्टैंड पहुंचाने के साथ ही घर भिजवाने का काम किया. इस तरह मीडिया कर्मियी ने खबर के साथ ही मानवीय धर्म भी निभाया.

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बता दें कि स्व छेदी राम की पत्नी को कोई पेंशन नहीं मिलता है. इसकी काफी लड़ाई उनके द्वारा लड़ा गया है लेकिन पिछले कई सालों से जिला प्रशासन के कार्यक्रम में ये शरीक होते है. पांच साल पहले तक दोनो पति पत्नी साथ आते थे और अब अकेले प्रशासन के आमंत्रण पर आती है.

Intro:गोड्डा गणतंत्र दिवस समारोह में मीडिया कर्मियी ने पेश की मानवीयता की मिसाल।सम्मान समारोह में आई स्वतंत्रता सेनानी की बेवा के पास नही थे घर लौटने के पैसे,मीडियाकर्मियों बढ़ाया सहयोग का हाथBody:गोड्डा के गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह पूरे उत्साह व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।पूरा मैदान व शहर गणतंत्र के समारोह के जश्न में डूब हुआ था।इस दौरान जिले भर से आये स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी बिधवा को शाल देकर सम्मानित किया गया।लेकिन समारोह के खत्म होने के बाद जब सभी लोग अपने अपने घरों को जा रहे थे।तब एक स्वतंत्रता सेनानी की बिधवा ऐसी भी थी जिसके पास घर जाने को पैसे तक नही थी।दर असल वो बृद्धा ठाकुर गंगटी प्रखंड के भगैय्या के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्व छेदी राम की पत्नी जमुनी देवी थी।जिसे वापस घर लौटना था।गोड्डा जिला मुख्यालय से भगैय्या की दूरी 70 किमी के करीब है।
ऐसे में मेफ़िया कर्मियों की नजर उन पर पड़ी तो माहौल भावुक हो उठा।एक स्वतंत्रता सेनानी के बेवा का ये कैसा सम्मान था।सो मौके पर मौजूद लोगों ने अपने स्तर से छोटी राशि मुहैय्या कराकर उसे बस स्टैंड पहुचाने के साथ ही घर भिजवाने का काम किया।इस तरह मीडिया कर्मियी ने खबर के साथ ही मानवीय धर्म भी निभाया।सम्भव है ये मीडिया की सुर्खियां न बने या फिर जो खबर नबीस दुसरो की खबर बनाते है ऊनी बनाते वक्त उनके कलम झिझके।लेकिन प्रशासन के लिए इसमे संदेश भी छिपा है कि आप जिसे बुलाते है उन बुजुर्ग धरोहरों को ससम्मान उन्हें घर भी भिजवाए।क्योंकि सबकी माली हालत एक जैसी नही होती है।और बता दे स्व छेदी राम व उनकी पत्नी को कोई पेंशन नही मिलता है।इसकी काफी लड़ाई बजी उनके द्वारा लड़ा गया है।लेकिन पिछले कई सालों से जिला प्रशासन के कार्यक्रम में ये शरीक होते है।पांच साल पहले तक दोनो पति पत्नी साथ आते थे और अब अकेले प्रशासन के आमंत्रण पर आती है।
Bt-जमुनी देवी-स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी
Bt- अजीत सिंह-मीडिया कर्मीConclusion:जमुनी देवी सकुशल घर पहुच गयी।लेकिन आगे इन धरोहरों का ख्याल रखना चाहिए।क्योंकि मेरा आज इन्ही रणबांकुरों व उनके हमराहियों की मेहनत त्याग और बलिदान की अमानत है।
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