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जिले के एक मात्र पीजी कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी, कई विषयों में एक भी शिक्षक नहीं - SRT College Dhamri

गोड्डा जिले का एक मात्र पीजी तक पढ़ाई वाला गोड्डा कॉलेज शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है. इस कारण छात्रों का पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. कई विषयों के लिए शिक्षक नहीं हैं, तो कहीं छात्र.

less number of teachers in Godda College
गोड्डा कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी
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Published : Mar 16, 2020, 8:13 PM IST

गोड्डाः जिले का सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान गोड्डा कॉलेज शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों की भारी कमी झेल रहा है. इस कारण यहां पठन पाठन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. गोड्डा कॉलेज जिले का एक मात्र ऐसा शिक्षण संस्थान है, जहां इंटरमीडिएट से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई होती है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-कोरोना का खौफ: राज्य में स्कूल-कॉलेज बंद करने की उठ रही है मांग, सरकार जल्द ले फैसला

इसके अलावा इस महाविद्यालय में बीएड का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इतने सारे संकाय होने के बावजूद शिक्षकों की स्थिति की बात करे तो वो काफी कम है. इस कॉलेज में कुल शिक्षकों की क्षमता 58 है, लेकिन वर्तमान में जो संख्या है वो महज 20 के आस-पास है. वहीं, कई ऐसे महत्वपूर्ण विषय हैं, जिनमें छात्रों की संख्या तो काफी है लेकिन उनमें शिक्षक एक भी नहीं है. जहां इतिहास जैसे विषय में कोई शिक्षक नहीं है. वहीं, दर्शनशास्त्र जैसे विषय में सिर्फ शिक्षक हैं. यही स्थिति शिक्षकेत्तर कर्मियों की भी है.

इतना ही नहीं एक दो साल में स्थिति और भी बुरी होने वाली है. कारण स्पष्ट है कि कई पुराने शिक्षक रिटायर्ड होने वाले हैं. महाविद्यालय के प्राचार्य बड़े ही सफाई से कहते हैं कि परीक्षा के वक्त पठन-पाठन बंद करने होते हैं. वे बताते हैं कि साल में कुल 32-33 परीक्षाएं होती हैं. गोड्डा कॉलेज के अलावा जिले में और दो डिग्री स्तरीय सरकारी कॉलेज हैं जैसे एसआरटी कॉलेज धमड़ी और मिल्लत कॉलेज परसा लेकिन इन संस्थानों में भी शिक्षकों की भारी कमी है. जिसका असर पठन-पाठन पर पड़ रहा है. ऐसे में भला अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लक्ष्य पाना कैसे संभव होगा.

गोड्डाः जिले का सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान गोड्डा कॉलेज शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों की भारी कमी झेल रहा है. इस कारण यहां पठन पाठन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. गोड्डा कॉलेज जिले का एक मात्र ऐसा शिक्षण संस्थान है, जहां इंटरमीडिएट से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई होती है.

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इसके अलावा इस महाविद्यालय में बीएड का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इतने सारे संकाय होने के बावजूद शिक्षकों की स्थिति की बात करे तो वो काफी कम है. इस कॉलेज में कुल शिक्षकों की क्षमता 58 है, लेकिन वर्तमान में जो संख्या है वो महज 20 के आस-पास है. वहीं, कई ऐसे महत्वपूर्ण विषय हैं, जिनमें छात्रों की संख्या तो काफी है लेकिन उनमें शिक्षक एक भी नहीं है. जहां इतिहास जैसे विषय में कोई शिक्षक नहीं है. वहीं, दर्शनशास्त्र जैसे विषय में सिर्फ शिक्षक हैं. यही स्थिति शिक्षकेत्तर कर्मियों की भी है.

इतना ही नहीं एक दो साल में स्थिति और भी बुरी होने वाली है. कारण स्पष्ट है कि कई पुराने शिक्षक रिटायर्ड होने वाले हैं. महाविद्यालय के प्राचार्य बड़े ही सफाई से कहते हैं कि परीक्षा के वक्त पठन-पाठन बंद करने होते हैं. वे बताते हैं कि साल में कुल 32-33 परीक्षाएं होती हैं. गोड्डा कॉलेज के अलावा जिले में और दो डिग्री स्तरीय सरकारी कॉलेज हैं जैसे एसआरटी कॉलेज धमड़ी और मिल्लत कॉलेज परसा लेकिन इन संस्थानों में भी शिक्षकों की भारी कमी है. जिसका असर पठन-पाठन पर पड़ रहा है. ऐसे में भला अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लक्ष्य पाना कैसे संभव होगा.

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