गोड्डा: झामुमो के सीनियर विधायक और पूर्व मंत्री बोरियो विधायक एक बार फिर अपनी ही पार्टी की शराब नीति से इतने खफा हो गए कि उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना नेता मानने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन उनके नेता हैं, लेकिन हेमंत सोरेन उनके नेता नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हेमंत सदन के नेता है.
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दरअसल, झारखंड सरकार की शराब नीति पर जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के तर्ज पर झारखंड में घर घर शराब पहुंचना चाहती है. इसके लिए छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कॉरपोरेशन को परामर्शदातृ समिति का सदस्य बनाया है, जिसका उन्होंने विरोध करते हुए अन्य विधयकों को लिखा भी है. उन्होंने कहा कि एक तरफ गुरुजी शिबू सोरेन लोगों को शराब से दूर रहने की सलाह देते हैं और बेटा घर घर शराब पहुंचाने जा रहा है.
राज्य सरकार के पास राजस्व बढ़ाने की जिम्मेवारी होती है. लेकिन झारखंड में जहां खनिज संपदा भरी पड़ी है, वहां और भी कई विकल्प हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 36 प्रतिशत लोग शराबी हैं, लेकिन झारखंड में मात्र 6 प्रतिशत लोग ही शराब पीते हैं. इसलिए छत्तीसगढ़ की नीति झारखंड में नहीं लागू हो सकती है. लोबिन ने विधानसभा में झारखंड के शराब नीति का विरोध किया था.
गौरतलब हो कि इससे पूर्व भी विधायक लोबिन हेम्ब्रम अवैध बालू ढुलाई को लेकर अपने ही सरकार के विरुद्ध आवाज उठाते रहे हैं. जिस पर कर्रवाई नहीं होने पर कहते है कि हेमंत सोरेन थेथर हैं, लेकिन आवाज उठाते रहेंगे.