गोड्डा: जिले में करोड़ों की लागत से अलग-अलग प्रखंडों में तीन हॉस्पिटल भवन बना दिए गए हैं. लेकिन वहां न कोई चिकित्सक न कोई स्वास्थ्यकर्मी नियुक्त है. कुछ जगहों पर खानापूर्ति के लिए एएनएम को डिप्युट किया गया है. मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री इस परिस्थिति के लिए पूर्ववर्ती सरकार को दोषी ठहराते हैं.
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सुविधा के नाम पर खानापूर्ति
झारखंड सरकार का बजट आने वाला है. राज्य में बजट के पैसों का इस्तेमाल किस तरह होता है, किस तरह जनता की गाढ़ी कमाई बेकार हो जाती है, इसका एक नमूना गोड्डा में देखा जा सकता है. गोड्डा जिले के तीन प्रखंड गोड्डा, पथरगामा और मेहरमा में तीन सिक्स बेडेड हॉस्पिटल भवन बनाये गए. इनमें प्रत्येक भवन की लागत करोड़ो में है. इन भवनों का ये हाल है कि यहां न कोई चिकित्सक पदस्थापित है और न ही कोई सुविधा. कई भवन में तो झाड़ी झुरमुट उग आए हैं. काफी हो हल्ला के बाद पथरगामा के रुपुचक में कुछ एएनएम को नियुक्त कर दिया गया. यहां ये एएनएम या डीएमएफटी के तहत अनुबंधकर्मी फार्मासिस्ट कुछ दवा छोटे मोटे बीमारी के लिए दे देते हैं. हालांकि बाकी जगहों में तो ऐसे भी हालत नहीं हैं. दिलचस्प तो ये है कि इन भवन में डॉक्टरों और ग्रेड वन नर्स के रहने के क्वार्टर भी बने हैं. जो या तो खाली पड़े है या फिर बाहरी लोगों ने कब्जा जमा रखा है.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पिछली सरकार पर लगाया आरोप
झारखंड के स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता के संज्ञान में जब यहां के हालात को दिया गया तो उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने निर्जन क्षेत्र में अपने चेहते लोगों को फायदा दिलाने के लिए भवन बनवा दिए. जबकि इसे बनाने से पूर्व चिकत्सक का बंदोबस्त होना चाहिए. दिक्कत यह है कि इन अस्पतालों के लिए चिकित्सक के पद भी सृजित नहीं किये गए. साथ ही स्वीकार किया कि ऐसे हालात पूरे राज्य में हैं. इसके लिए राज्य स्तर पर टीम गठित कर सभी 24 जिलों में भेजा जा रहा है. जो इन बेकार भवनों का जायजा लेने के साथ सरकारी स्वास्थ केंद्रों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देंगे. फिर उसी आधार पर आगे की रणनीति तय होगी.