गोड्डा: वैसे तो आम तौर पर पुलिस की नकारात्मक छवि मीडिया की सुर्खियां बनती हैं लेकिन, गोड्डा पुलिस का मानवीय चेहरा चर्चा में है (Godda Police set Example of Humanity). जहां दारोगा ने एक शव को खुद अपने कंधे पर लेकर श्मशान तक पहुंचाया. इस दौरान पुलिस जवान भी उनके साथ रहे.
ये भी पढ़ें: रांची पुलिस के तीन सब इंस्पेक्टर सस्पेंड, यौन शोषण और धोखाधड़ी का है आरोप
दरअसल, गोड्डा के पथरगामा थाना क्षेत्र के महेशलिट्टी पंचायत के गंधर्वपुर गांव में श्रवण कुंवर की पत्नी सबीना की प्रसव के दौरान मौत हो गयी. वह सदर अस्पताल में भर्ती थी, जहां जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई. फिर शव को गांव ले गया गया. उसके घर में सिर्फ दो ही सदस्य थे, एक महिला का पति और दूसरा उसका देवर. आपसी रिश्तेदारी में विवाद की वजह से कोई उसे कंधा देने वाला कोई नहीं था. इस वजह से कोई आगे नहीं आया. इसकी सूचना पथरगामा थाना प्रभारी अरुण कुमार को मिली, तब थाना प्रभारी अरुण कुमार अपने दल बल के साथ गांव पहुचे और न केवल खुद शव को कंधा दिया बल्कि, अपने साथी जवान को भी कंधा देने के लिए प्रेरित किया और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट तक ले गए.
अब इस वाकया की तस्वीर काफी चर्चे में है. ऐसी तस्वीर पुलिस की एक बेहतर छवि प्रस्तुत करती है. गोड्डा पुलिस के एक जवान की ऐसी तस्वीर कोरोना काल के दौरान भी वायरल हुई थी. तब आम तौर अवैध वसूली के लिए बदनाम पुलिस लोगों को मास्क और सेनेटाइजर के लिए पैसे बांटते दिखी थी. जिनको बाद में सम्मानित भी पुलिस विभाग द्वारा किया गया था. अब एक बार फिर गोड्डा पुलिस का यह मानवीय चेहरा लोगो की प्रशंसा पा रहा है.
अर्थी को कंधा देने कोई नहीं आया आगे, गोड्डा पुलिस ने पहुंचाया श्मशान
गोड्डा पुलिस का मानवीय चेहरा चर्चा में है (Godda Police set Example of Humanity). जहां दारोगा ने एक शव को कंधा दिया और अपने साथी जवानों को भी इसके लिए प्रेरित किया. जिसके बाद सभी ने मिलकर शव को श्मशान तक पहुंचाया. जिसकी खूब सराहना की जा रही है.
गोड्डा: वैसे तो आम तौर पर पुलिस की नकारात्मक छवि मीडिया की सुर्खियां बनती हैं लेकिन, गोड्डा पुलिस का मानवीय चेहरा चर्चा में है (Godda Police set Example of Humanity). जहां दारोगा ने एक शव को खुद अपने कंधे पर लेकर श्मशान तक पहुंचाया. इस दौरान पुलिस जवान भी उनके साथ रहे.
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दरअसल, गोड्डा के पथरगामा थाना क्षेत्र के महेशलिट्टी पंचायत के गंधर्वपुर गांव में श्रवण कुंवर की पत्नी सबीना की प्रसव के दौरान मौत हो गयी. वह सदर अस्पताल में भर्ती थी, जहां जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई. फिर शव को गांव ले गया गया. उसके घर में सिर्फ दो ही सदस्य थे, एक महिला का पति और दूसरा उसका देवर. आपसी रिश्तेदारी में विवाद की वजह से कोई उसे कंधा देने वाला कोई नहीं था. इस वजह से कोई आगे नहीं आया. इसकी सूचना पथरगामा थाना प्रभारी अरुण कुमार को मिली, तब थाना प्रभारी अरुण कुमार अपने दल बल के साथ गांव पहुचे और न केवल खुद शव को कंधा दिया बल्कि, अपने साथी जवान को भी कंधा देने के लिए प्रेरित किया और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट तक ले गए.
अब इस वाकया की तस्वीर काफी चर्चे में है. ऐसी तस्वीर पुलिस की एक बेहतर छवि प्रस्तुत करती है. गोड्डा पुलिस के एक जवान की ऐसी तस्वीर कोरोना काल के दौरान भी वायरल हुई थी. तब आम तौर अवैध वसूली के लिए बदनाम पुलिस लोगों को मास्क और सेनेटाइजर के लिए पैसे बांटते दिखी थी. जिनको बाद में सम्मानित भी पुलिस विभाग द्वारा किया गया था. अब एक बार फिर गोड्डा पुलिस का यह मानवीय चेहरा लोगो की प्रशंसा पा रहा है.