गोड्डाः 1932 का खतियान लागू करना, देश को बांटने वाला है, OBC आरक्षण लागू हुआ तो आदिवासी के आरक्षण का हिस्सा घटेगा. ये कहना है गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey Statement over 1932 Khatiyan) का. रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 1932 के खतियान की बात करने वाला देश को बांटना चाहती है. उन्होंने गोड्डा में कहा कि 1932 का खतियान लागू करने की हिम्मत झारखंड सरकार में नहीं है.
इसे भी पढ़ें- अगर जेएमएम मेरी हत्या न करवाए तो मैं सोरेन परिवार का वजूद खत्म कर दूंगा: सांसद निशिकांत दुबे
गोड्डा में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के 1932 के खतियान पर दिये गए बयान की खूब चर्चा हो रही है. सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि 1932 का खतियान राज्य सरकार को लागू करने हिम्मत ही नहीं है. यही वजह कि उन्होंने विधानसभा में ये विधेयक पारित कर केंद्र को भेज दिया है, साथ ही इसे 9वीं अनुसूची में डालने को कह दिया है. सांसद ने सीधे तौर पर कह दिया कि वो इसे 9वीं सूची में क्यों डालेगी. इसे डालेगी तो अन्य राज्यों से ऐसी मांग उठेगी और कहा कि 1932 को खतियान की बात करने वाले लोग देश को बांटने वाली सोच के लोग है. वो यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने कहा कि झारखंड की सरकार आईएसआई और बांग्लादेशी घुसपैठिये चला रहे हैं.
वहीं सांसद ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि 27 प्रतिशत आरक्षण लागू ही नहीं होगा. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का गाइड लाइन है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं होगा. उन्होंने कहा कि EWS के 10 आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने शर्तें डाल दी हैं, अगर ऐसा होता तो आदिवासी का आरक्षण घटाना पड़ जाएगा. वहीं गठबंधन के नेताओं द्वारा सांसद की ओर जान खतरा जैसे सवाल पर उन्होंने शिबू सोरेन के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि उनके मंत्री रहते उन्हें जेल जाना पड़ा था, सबको पता है कि उनपर अपने पीए की हत्या का ही आरोप था. हालांकि शिबू सोरेन को इस मामले में उच्चतम न्यायालय में बरी कर दिया है. वहीं सोशल मीडिया में ये बात भी खूब चर्चे में है कि सांसद निशिकांत दुबे बिहार के भागलपुर से हैं और वर्तमान में वहीं के वोटर भी हैं, इसीलिए 1932 की खतियान की मुखालफत कर रहे हैं.