दुमका: गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (Godda MP Nishikant Dubey) ने दुमका पेट्रोल कांड की शिकार मारुति को श्रद्धांजलि दी है. सांसद निशिकांत दुबे नोनिहाट पहुंचे, यहां से पेट्रोलकांड पीड़िता के परिजनों के घर पहुंचे. यहां उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया. इस दौरान उन्होंने झारखंड में बहू, बेटियों के साथ हो रही हिंसा के लिए प्रशासन पर नाराजगी जताई. उन्होंने झारखंड में भ्रष्टाचार पर भी सीएम हेमंत सोरेन को घेरा. साथ ही सीएम हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की.
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गोड्डा संसदीय सीट के चुनाव में दुमका के भी कुछ हिस्से शामिल हैं. जरमुंडी का वह इलाका जहां पेट्रोल कांड हुआ, यह भी गोड्डा संसदीय क्षेत्र में शामिल है. इसीलिए गोड्डा सांसद होने के नाते निशिकांत दुबे पेट्रोल कांड में मरने वाली मारुति कुमारी को श्रद्धांजलि देने नोनीहाट पहुंचे. उन्होंने मृतका की मां को दो लाख रुपये की सहायता राशि दी. उन्होंने कहा कि जिस तरह पहले की दो घटनाओं में भाजपा की ओर से 28-28 लाख रुपये दिए गए उनके परिवार को भी यह सहायता राशि प्रदान की जाएगी.
सांसद निशिकांत दुबे का बयान दुमका पेट्रोल कांड पीड़िता के परिजनों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांगा इस्तीफाः सांसद निशिकांत दुबे कहा कि दुमका शिबू सोरेन से लेकर हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन और सीता सोरेन का कार्यक्षेत्र रहा है. यहां की जनता ने उन्हें लगातार जनप्रतिनिधि बनाया लेकिन आज दुमका में ही लगातार बहू बेटियों के साथ इस तरह की घटनाएं हो रहीं हैं. बांग्लादेशी घुसपैठिए हावी हैं. मुख्यमंत्री इस तरह की घटनाओं पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. कारोबारी अमित अग्रवाल गिरफ्तारी के बाद भ्रष्ट अधिकारियों की बारीः सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि 'मैंने 2 वर्ष पूर्व ही अमित अग्रवाल के खिलाफ जांच की मांग की थी और उन्हें सुपर सीएम बताया था. आज जब झारखंड में फैले भ्रष्टाचार की परत खुल रही है तो अमित अग्रवाल किंग पिन के रूप में सामने आया है, वह गिरफ्तार हुआ है. अब ऐसे भ्रष्ट अधिकारी जो अमित अग्रवाल के संपर्क में थे और तमाम गलत काम में साथ दे रहे थे, उनके मोबाइल के व्हाट्सएप , इंस्टाग्राम वगैरह की जांच के बाद कई अधिकारी कानून के शिकंजे में आएंगे.' सड़क जाम कर रहे लोगों को किया समझाने का प्रयास: सांसद निशिकांत दुबे ने मारुति कुमारी के शव के साथ दुमका-भागलपुर सड़क को जाम कर रहे लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन लोग नहीं मानें. लोगों का कहना था कि आरोपी राजेश राउत को हमारे हवाले किया जाए, सांसद ने जब देखा कि लोग कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं तो वे अपने पहले से तय कार्यक्रम के लिए बासुकीनाथ की ओर रवाना हो गए.