गोड्डा: कोरोना काल (Corona Period) में देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. देश के लगभग सभी छोटे-बड़े उद्योगों में काम बंद हो गया था. लाखों लोगों का रोजगार भी खत्म हो गया, जिससे अधिकतर लोगों की आर्थिक स्थित कमजोर हो गई है. वहीं इस कोरोना काल में देश में बेरोजगारों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. कुछ लोगों ने नौकरी से निकाले जाने के बाद आत्महत्या भी कर ली. पूर्व मंत्री सह बीजेपी नेता हेमलाल मुर्मू (Hemlal Murmu) के नाती रोहित टुड्डू की भी लॉकडाउन में नौकरी चली गई, जिससे आहत होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.
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गोड्डा के गंगटा में पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू के नाती रोहित टुड्डू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार रोहित लॉकडाउन के दौरान नौकरी चले जाने से डिप्रेसन में रहता था. रोहित शुरू से ही मेघावी छात्र थे. सैनिक स्कूल तिलैया से बोर्ड पास करने के बाद उन्होंने निफ्ट बैंगलोर से फैशन टेक्नोलॉजी में बीटेक किया था. उसके बाद वो एक कंपनी में नौकरी कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान रोहित नौकरी छोड़कर वापस घर आ गया था. उसके बाद से उन्हें नौकरी नहीं मिली.
रोहित पर घर चलाने की थी जिम्मेवारी
रोहित घर का सबसे बड़ा बेटा था. घर चलाने की पूरी जिम्मेवारी रोहित के ही कंधे पर था. उसके पिता का निधन 2012 में ही हो गया था. रोहित अपनी नानी के ज्यादा करीब रहता था. उनकी नानी का निधन भी तीन महीने पहले ही हुआ है. तब से रोहित और भी उदास रहने लगा था. रोहित के परिजनों ने बताया कि रोजगार नहीं रहने के कारण वो काफी परेशान था, रोहित पर पारिवारिक जिम्मेवारी का भी दवाब था. घटना के बाद से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.
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बाबूलाल मरांडी ने घटना पर जताया दुख
वहीं इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी दुख जताया है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू के नाती इंजीनियर रोहित टुड्डू के आत्महत्या की दुःखद सूचना मिली है. लॉकडाउन के चलते नौकरी खोने और नानी के निधन के बाद से रोहित डिप्रेशन में थे. आगे उन्होंने लिखा है कि झारखंड में रोजगार की कमी और नौकरी खोने से लाखों युवा अवसाद में हैं.