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प्रवासी मजदूरों को सता रहा है डर, सब दिन काम मिलेगा इसकी क्या गारंटी

गोड्डा में आये अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूरों को काम देना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनोती है. प्रशासन इसे लेकर सर्वे कर उनके स्किल के हिसाब से रोजगार देने का प्रयास कर रही है. मजदूरों को डर सता रहा है कि सब दिन काम मिलेगा इसकी गारंटी कौन लेगा.

Fear of work for migrant workers in Godda
प्रवासी मजदूरों को सता रहा है डर
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Published : Jul 22, 2020, 10:58 PM IST

गोड्डा: जिले से रोजगार के लिए सर्वाधिक मजदूरों का पलायन होता है. इस कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान गोड्डा जिले में 51,000 से ज्यादा प्रवासी मजदूर आए. ऐसे में इन सबको रोजगार उपलब्ध कराना जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. हालांकि लोगों को उनके घर पर रोजगार मिले, इसके लिए प्रत्येक पंचायत में 200 मजदूरों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया.

देखें पूरी खबर

प्रत्येक पंचायत में रोजगार के लिए मनरेगा, वृक्षारोपण समेत कई योजना संचालित की जा रही हैं. जिससे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सके और फिर दोबारा पलायन का रुख नहीं करें. गोड्डा जिले को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अभियान के तहत भी चयनित किया गया है. इसके लिए वापसी करने वाले मजदूरों की संख्या को मापदंड बनाया गया है. वापस लौटने वाले मजदूरों में ज्यादा गोड्डा जिले से भी हैं. प्रवासी मजदूरों को रोजगार के बेहतर अवसर मिले इसके लिए जिला प्रशासन अलग से योजना का कार्यन्वयन करेगा.

जिले के 25 विभाग अपनी-अपनी योजनाओं को अलग से शामिल करेंगे

इसे लेकर प्रवासी मजदूरों को एक उम्मीद जगी है, कि ये पहल उनके लिए उम्मीद के किरण बन सकती है, लेकिन प्रवासी मजदूर इस बात को लेकर सशंकित भी हैं. उनका कहना है कि हर योजना गरीबों के लिए बनती है, लेकिन हर बार उनके हिस्से बिचौलिए मार ले जाते हैं. कम से कम इस बार ऐसा नहीं हो क्योंकि लोग इस मुश्किल घड़ी में सब कुछ छोड़ कर इस आस से घर लौटे हैं कि वे कम ही कमाएंगे लेकिन परदेस नहीं जाएंगे.

ये भी पढ़ें- असम : बागजान तेल के कुएं में धमाका, लगी भीषण आग

झारखंड ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रभारी सुशील दास कहते है कि खासकर प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र की योजना काफी हितकारी होने वाली है. जिसमे इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि मजदूरों को उनके डिमांड के आधार पर काम मिले, लेकिन प्रवासी मजदूरों का विश्वास प्रशासन तब जीत पायेगी जब उन्हें सब दिन काम आसानी से मिल पायेगा.

गोड्डा: जिले से रोजगार के लिए सर्वाधिक मजदूरों का पलायन होता है. इस कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान गोड्डा जिले में 51,000 से ज्यादा प्रवासी मजदूर आए. ऐसे में इन सबको रोजगार उपलब्ध कराना जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. हालांकि लोगों को उनके घर पर रोजगार मिले, इसके लिए प्रत्येक पंचायत में 200 मजदूरों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया.

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प्रत्येक पंचायत में रोजगार के लिए मनरेगा, वृक्षारोपण समेत कई योजना संचालित की जा रही हैं. जिससे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सके और फिर दोबारा पलायन का रुख नहीं करें. गोड्डा जिले को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अभियान के तहत भी चयनित किया गया है. इसके लिए वापसी करने वाले मजदूरों की संख्या को मापदंड बनाया गया है. वापस लौटने वाले मजदूरों में ज्यादा गोड्डा जिले से भी हैं. प्रवासी मजदूरों को रोजगार के बेहतर अवसर मिले इसके लिए जिला प्रशासन अलग से योजना का कार्यन्वयन करेगा.

जिले के 25 विभाग अपनी-अपनी योजनाओं को अलग से शामिल करेंगे

इसे लेकर प्रवासी मजदूरों को एक उम्मीद जगी है, कि ये पहल उनके लिए उम्मीद के किरण बन सकती है, लेकिन प्रवासी मजदूर इस बात को लेकर सशंकित भी हैं. उनका कहना है कि हर योजना गरीबों के लिए बनती है, लेकिन हर बार उनके हिस्से बिचौलिए मार ले जाते हैं. कम से कम इस बार ऐसा नहीं हो क्योंकि लोग इस मुश्किल घड़ी में सब कुछ छोड़ कर इस आस से घर लौटे हैं कि वे कम ही कमाएंगे लेकिन परदेस नहीं जाएंगे.

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झारखंड ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रभारी सुशील दास कहते है कि खासकर प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र की योजना काफी हितकारी होने वाली है. जिसमे इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि मजदूरों को उनके डिमांड के आधार पर काम मिले, लेकिन प्रवासी मजदूरों का विश्वास प्रशासन तब जीत पायेगी जब उन्हें सब दिन काम आसानी से मिल पायेगा.

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