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खेतों में पानी के लिए तरस रहे है किसान, सूख रहा बिचड़ा - झारखंड न्यूज

गोड्डा में बारिश नहीं होने से किसान काफी परेशान है. इस वजह से खेतों में अभी तक 10 प्रतिशत धान की फसल की बुआई ही हो सकी है. अगर ऐसी स्थिति रही तो किसानों के आगे बड़ी समस्या उत्पन्न हो जएगी. इस मामले में सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए.

पानी नहीं होने से खेतों में बच्चे खेल रहे क्रिकेट
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Published : Jul 28, 2019, 8:38 AM IST

गोड्डा: जिले में बारिश नहीं होने की वजह से अभी तक खेतों में 10 प्रतिशत बुआई भी नहीं हुई है. बारिश नहीं होने से किसान इतनी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है कि वे खेत की जुताई तक कर सके. अगर किसी तरह जुताई कर भी दिए तो पानी के लिए आसमान की ओर ही देखना पड़ेगा और बिचड़ा बेर्बाद हो जाएगा.

देखें पूरी खबर

आमतौर पर सावन के महीने मे खेत, नदी और तालाब पानी से लबालब भर जाते थे और अभी तक लगभग दो-तिहाई खेत मे धान की फसल की बुआई हो जाती थी, लेकिन इस बार अभी तक नाम मात्र की बुआई हुई है. ऐसे में किसानों की माने तो उसका बड़ा नुकसान हो चुका है. वहीं, बारिश नहीं होने से खेत सूखे पड़े है. इस वजह से बच्चे मजे से खेतो में क्रिकेट खेलते देखें जा रहे है.

गोड्डा: जिले में बारिश नहीं होने की वजह से अभी तक खेतों में 10 प्रतिशत बुआई भी नहीं हुई है. बारिश नहीं होने से किसान इतनी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है कि वे खेत की जुताई तक कर सके. अगर किसी तरह जुताई कर भी दिए तो पानी के लिए आसमान की ओर ही देखना पड़ेगा और बिचड़ा बेर्बाद हो जाएगा.

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आमतौर पर सावन के महीने मे खेत, नदी और तालाब पानी से लबालब भर जाते थे और अभी तक लगभग दो-तिहाई खेत मे धान की फसल की बुआई हो जाती थी, लेकिन इस बार अभी तक नाम मात्र की बुआई हुई है. ऐसे में किसानों की माने तो उसका बड़ा नुकसान हो चुका है. वहीं, बारिश नहीं होने से खेत सूखे पड़े है. इस वजह से बच्चे मजे से खेतो में क्रिकेट खेलते देखें जा रहे है.

Intro:खेतो में पानी के लिए तरस रहे किसान,बच्चे खेल रहे क्रिकेट,सुख रहा बिचड़ा।ये हालात कमोबेश पूरे जिले का है।जहाँ सावन के महीने भी खेतो में पानी नही है।पूरे जिले में बामुश्किल 10 प्रतिशत भी अब तक बुआई नही हुई है।


Body:गोड्डा-कहावत है न का वर्षा जब कृषि सुखाने ..अर्थात आखिर वैसे बारिश का क्या फायदा जब खेती ही सुख जाय।ये हालात गोड्डा के किसानों का है।जहाँ धन के बीज अर्थात बिचड़ा सुख रहा है।वही लोग इतनी हिम्मत नही जुटा पा रहे है कि खेत की जुताई तक करे।क्योंकि अगर जैसे तैसे जुताई कर भी दिया तो अंत मे फिर पानी के लिए आसमान कीओर ही तलाशनी होगी।
आम तौर सावन के महीने मे खेत नदी तालाब सब लबालब भर जाते थे वही दो तिहाई खेत मे धन की फसल की बुआई हो जाती थी।लेकिन इस बार अब तक नाम मात्र की बुआई हुई है।ऐसे में किसानों की माने तो उसे बड़ा नुकसान हो चुका है।
वही खेतो के सूखे के हालात ये है कि बच्चे मजे खेतो में क्रिकेट खेलते देखे जा सकते है।एक तरफ किसान की बुआई नही होने की चिंता सता रही है ,तो बच्चे काफी खुश है की उन्हें लहेलने के लिए सूखे खेत मिल रहे है।
bt-किसान
bt-स्कूली बच्चे


Conclusion:ऐसे में किसानों के खेतों धन की फसल की बुआई नही हुई तो ,उनकी कमर टूट जाएगी और वे फिर ऋण के तले तब जाएंगे।वैसे ही किसान देश भर बर्बाद होती फसल व सुखद के कारण अपनी जान गवां रहे है।ऐसे जरूरत है सरकार जल्द किसानों का जायजा लेकर उनकी मदद को आगे आये।
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