गोड्डा: बरसात के आते ही मौसमी बीमारियां शुरू हो जाती हैं. बीमार लोग जब अस्पताल जाते हैं तो वहां भी डॉक्टर नहीं होते हैं. इससे लोगों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
जिला मुख्यालय से10 किमी की दूरी पर बना 6 सहिया वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाली का शिकार है. तीन साल पहले करोड़ों की लागत से इसका भव्य भवन तो बना दिया गया लेकिन आज तक यहां कोई डॉक्टर पदस्थापित नहीं हुआ.
लोगों का कहना है कि पहले तो सालों इस अस्पताल का भवन जर्जर रहा लेकिन जब इस नवीनीकरण हुआ तो लोगों में डॉक्टर को लेकर भी आस जगी. लोगों को उम्मीद थी कि यहां डॉक्टर आएंगे, लेकिन हॉस्पिटल में विभागीय स्तर पर सिर्फ एक ANM की पदस्थापना की गई. वहीं, आउट सोर्सिंग के तहत एक फार्मासिस्ट, कुछ सहयोगी और सफाईकर्मी रख दिए गए. जबकि अधिकारीयों को सबसे जरूरी चिकित्सक का ख्याल भी नहीं आया.
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हलांकि, वैकल्पिक व्यवस्था के तहत हफ्ते में दो दिन अडाणी फाउंडेशन के डॉक्टर के आने की बात जरुर कही गई है. यहां के फार्मासिस्ट अमित झा ने बताया कि हर दिन 10 से12 लोग आते हैं जिनको सामान्य बीमारी के लिए ही दवा दी जाती है. वहीं, हॉस्पिटल की प्रभारी नर्स भी मानती है कि चिकित्सकों की कमी के कारण मरीज नहीं आना चाहते हैं.