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जुनून हो तो धनंजय जैसा, स्कूटी से 1176 किमी सफर तय कर पत्नी को दिलवाई परीक्षा

गोड्डा जिले के धनंजय मांझी ने अपनी गर्भवती पत्नी को स्कूटी से ग्वालियर ले जाकर डीएलएड की परीक्षा दिलवाई. जिसके बाद उन्होंने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी. ईटीवी भारत पर खबर दिखाए जाने के बाद कई लोग उनकी मदद को आगे आए. अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन स्वीटी अडानी ने धनंजय-सोनी की लगन से प्रभावित होकर उन्हें फ्लाइट का टिकट भेज दिया, जिसके बाद अब वो घर पहुंच गए हैं.

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धनंजय और सोनी पहुंचे झारखंड
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Published : Sep 17, 2020, 7:20 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 10:37 PM IST

गोड्डा: जिले के रहने वाले धनंजय मांझी अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेम्ब्रम को डीएलएड की परीक्षा दिलवाने के लिए 1176 किलोमीटर स्कूटी चलाकर ही ग्वालियर पहुंच गए थे. कोरोना काल में न तो ट्रेन चल रही थी और न ही उसकी माली हालत उतनी अच्छी थी कि वो अपनी पत्नी को फ्लाइट से ग्वालियर ले जा सके, जिसके कारण धनंजय ने स्कूटी से ही ग्वालियर पहुंचने का मन बना लिया और पहुंच गया.

देखें पूरी खबर

धनंजय और सोनी के इस जज्बे को जब ईटीवी भारत और दूसरे मीडिया में दिखाया गया तो कई लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया. अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन स्वीटी अडानी भी धनंजय-सोनी की लगन से प्रभावित हुईं और मदद के लिए आगे आई. उन्होंने दंपति को ग्वालियर से झारखंड वापस जाने के लिए फ्लाइट की टिकट भेज दी. 16 सितंबर को दोनों फ्लाइट से झारखंड पहुंच गए. उनकी स्कूटी भी झारखंड पहुंच गई है.

इसे भी पढे़ं:- पढ़ाई को लेकर सीरियस हैं शिक्षा मंत्री, रोजाना घंटों किताबों के साथ बिताते हैं समय

धनंजय एक प्राइवेट कंपनी में खाना बनाने का काम करते थे, लेकिन कोरोना काल में उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया है. जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है, लेकिन वह अब भी पढ़ाई करना चाहता है और सरकार से उम्मीद की आस लगाए बैठा है. वहीं उसकी पत्नी एक शिक्षक बनकर लोगों की मदद करना चाहती है. सोनी हेम्ब्रम के पिता बचपन में ही गुजर गए हैं. वो अपने मौसी के घर में रहकर पढ़ाई करती है. सोनी का तीन बहन और एक भाई है, जो कस्तूरबा में पढ़ई कर रहा है. सोनी फिलहाल मौसी के घर में रह रही हैं जो अनुकंपा पर रांची सचिवालय में काम करती हैं. धनंजय और सोनी के जज्बे को ईटीवी भारत भी सलाम करता है.

गोड्डा: जिले के रहने वाले धनंजय मांझी अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेम्ब्रम को डीएलएड की परीक्षा दिलवाने के लिए 1176 किलोमीटर स्कूटी चलाकर ही ग्वालियर पहुंच गए थे. कोरोना काल में न तो ट्रेन चल रही थी और न ही उसकी माली हालत उतनी अच्छी थी कि वो अपनी पत्नी को फ्लाइट से ग्वालियर ले जा सके, जिसके कारण धनंजय ने स्कूटी से ही ग्वालियर पहुंचने का मन बना लिया और पहुंच गया.

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धनंजय और सोनी के इस जज्बे को जब ईटीवी भारत और दूसरे मीडिया में दिखाया गया तो कई लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया. अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन स्वीटी अडानी भी धनंजय-सोनी की लगन से प्रभावित हुईं और मदद के लिए आगे आई. उन्होंने दंपति को ग्वालियर से झारखंड वापस जाने के लिए फ्लाइट की टिकट भेज दी. 16 सितंबर को दोनों फ्लाइट से झारखंड पहुंच गए. उनकी स्कूटी भी झारखंड पहुंच गई है.

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धनंजय एक प्राइवेट कंपनी में खाना बनाने का काम करते थे, लेकिन कोरोना काल में उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया है. जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है, लेकिन वह अब भी पढ़ाई करना चाहता है और सरकार से उम्मीद की आस लगाए बैठा है. वहीं उसकी पत्नी एक शिक्षक बनकर लोगों की मदद करना चाहती है. सोनी हेम्ब्रम के पिता बचपन में ही गुजर गए हैं. वो अपने मौसी के घर में रहकर पढ़ाई करती है. सोनी का तीन बहन और एक भाई है, जो कस्तूरबा में पढ़ई कर रहा है. सोनी फिलहाल मौसी के घर में रह रही हैं जो अनुकंपा पर रांची सचिवालय में काम करती हैं. धनंजय और सोनी के जज्बे को ईटीवी भारत भी सलाम करता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 10:37 PM IST
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