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Comedian Sunil Pal in Godda: गोड्डा में गणतंत्र मेला महोत्सव, सुनील पाल के लतीफों से खूब हंसे लोग

गोड्डा में गणतंत्र मेला महोत्सव का आयोजन किया गया. लेकिन इस राजकीय मेला में प्रशासन और नगर परिषद अध्यक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ. लेकिन सुनील पाल की प्रस्तुति से हंसी के फब्बारों से पूरा महोत्सव सराबोर हो गया.

comedian Sunil Pal performed in Republic Fair Festival in Godda
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Published : Feb 11, 2023, 12:44 PM IST

गोड्डाः राजकीय मेला में प्रशासन और नगर परिषद अध्यक्ष के बीच विवाद को लेकर खूब हंगामा किया गया. नाराज नगर परिषद अध्यक्ष ने कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक रूप से विरोध और बहिष्कार कर दिया. लेकिन इस बहिष्कार के बाद भी स्टैंडअप कॉमेडियन सुनील पाल की प्रस्तुति से सबकी हंसी छूट गयी. शुक्रवार रात को गोड्डा में गणतंत्र मेला महोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

गोड्डा के गांधी मेला को राजकीय मेला इस वर्ष घोषित किया गया है. इसी के मद्देनजर गोड्डा में लगने वाला गणतंत्र दिवस पर साप्ताहिक मेला के उपरांत 10 और 11 फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान गोड्डा जिला प्रशासन के द्वारा देश नामचीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया. जिसमे पहले दिन मुशायरा के साथ स्टैंड अप कमेडियन सुनील पाल के अलावा दिल्ली से आये दिव्यांग कलाकारों का कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम के दौरान देश के नामचीन शायर व डांस आर्टिस्ट के अलावा सुनील पाल ने देर रात तक खूब समा बांधा.

लेकिन इस कार्यक्रम में बैठने की व्यवस्था और प्रोटोकॉल के अनुपालन को देख नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र मंडल उर्फ गुड्डू मंडल नाराज दिखे. उन्होंने सबसे पहले कहा कि वे शहर के पहले नागरिक हैं लेकिन उनका आमंत्रण पत्र में नाम तक अंकित नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने सीधे सीधे आरोप लगाया को प्रशासन के लोगो के लिए फैमिली पास था और वीवीआईपी व्यवस्था थी. लेकिन उन्हें एक सिंगल पास दिया गया, साथ ही उनके वार्ड पार्षदों को अपमानित कर वीवीआईपी दीर्घा से कई बार हटाया गया, ये जिला प्रशासन की मनमानी है.

वहीं प्रोग्राम के उद्घाटन के दौरान मुख्य अतिथि मंत्री आलमगीर आलम को आना था लेकिन वो नहीं आये. वहीं सांसद निशिकांत दुबे भी आमंत्रित थे पर वे भी इस कार्यक्रम में नहीं आये. इससे पहले प्रोटोकॉल को लेकर आमंत्रण कार्ड पर विवाद हुआ था. कार्यक्रम के दौरान गोड्डा जिला के विधायकों की उपस्थिति रही. जिनमें प्रदीप यादव, अमित मंडल व दीपिका पांडेय सिंह उपस्थित रहे. व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे, व्यवस्था के नाम पर वीवीआईपी का विशेष ख्याल रखा गया, जिनमें प्रशासन व राजनीतिक दलों के लोग शामिल थे.

राजकीय मेला गोड्डा के घोषित होने के बाद एक बड़ी रकम राज्य सरकार को आवंटित की गयी. इसी के तहत ये कार्यक्रम आम लोगों के लिए आयोजित है. गोड्डा को राजकीय मेला घोषित करने की मांग लंबे समय से हो रही थी लेकिन पहले ही वर्ष में इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी. कार्यक्रम के दौरान गोड्डा के उपायुक्त जिशान कमर एसपी नाथू सिंह मीणा के अलावा प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे. पूरे कार्यक्रम के दौरान नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा कार्यक्रम बहिष्कार चर्चे में रहा. जिस वक्त जिला परिषद अध्यक्ष नाराजगी दिखा रहे थे उस वक्त एसडीओ गोड्डा मनोज कुमार उन्हे मानते दिखे लेकिन वो नहीं माने.

गोड्डाः राजकीय मेला में प्रशासन और नगर परिषद अध्यक्ष के बीच विवाद को लेकर खूब हंगामा किया गया. नाराज नगर परिषद अध्यक्ष ने कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक रूप से विरोध और बहिष्कार कर दिया. लेकिन इस बहिष्कार के बाद भी स्टैंडअप कॉमेडियन सुनील पाल की प्रस्तुति से सबकी हंसी छूट गयी. शुक्रवार रात को गोड्डा में गणतंत्र मेला महोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

गोड्डा के गांधी मेला को राजकीय मेला इस वर्ष घोषित किया गया है. इसी के मद्देनजर गोड्डा में लगने वाला गणतंत्र दिवस पर साप्ताहिक मेला के उपरांत 10 और 11 फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान गोड्डा जिला प्रशासन के द्वारा देश नामचीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया. जिसमे पहले दिन मुशायरा के साथ स्टैंड अप कमेडियन सुनील पाल के अलावा दिल्ली से आये दिव्यांग कलाकारों का कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम के दौरान देश के नामचीन शायर व डांस आर्टिस्ट के अलावा सुनील पाल ने देर रात तक खूब समा बांधा.

लेकिन इस कार्यक्रम में बैठने की व्यवस्था और प्रोटोकॉल के अनुपालन को देख नगर परिषद अध्यक्ष जितेंद्र मंडल उर्फ गुड्डू मंडल नाराज दिखे. उन्होंने सबसे पहले कहा कि वे शहर के पहले नागरिक हैं लेकिन उनका आमंत्रण पत्र में नाम तक अंकित नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने सीधे सीधे आरोप लगाया को प्रशासन के लोगो के लिए फैमिली पास था और वीवीआईपी व्यवस्था थी. लेकिन उन्हें एक सिंगल पास दिया गया, साथ ही उनके वार्ड पार्षदों को अपमानित कर वीवीआईपी दीर्घा से कई बार हटाया गया, ये जिला प्रशासन की मनमानी है.

वहीं प्रोग्राम के उद्घाटन के दौरान मुख्य अतिथि मंत्री आलमगीर आलम को आना था लेकिन वो नहीं आये. वहीं सांसद निशिकांत दुबे भी आमंत्रित थे पर वे भी इस कार्यक्रम में नहीं आये. इससे पहले प्रोटोकॉल को लेकर आमंत्रण कार्ड पर विवाद हुआ था. कार्यक्रम के दौरान गोड्डा जिला के विधायकों की उपस्थिति रही. जिनमें प्रदीप यादव, अमित मंडल व दीपिका पांडेय सिंह उपस्थित रहे. व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे, व्यवस्था के नाम पर वीवीआईपी का विशेष ख्याल रखा गया, जिनमें प्रशासन व राजनीतिक दलों के लोग शामिल थे.

राजकीय मेला गोड्डा के घोषित होने के बाद एक बड़ी रकम राज्य सरकार को आवंटित की गयी. इसी के तहत ये कार्यक्रम आम लोगों के लिए आयोजित है. गोड्डा को राजकीय मेला घोषित करने की मांग लंबे समय से हो रही थी लेकिन पहले ही वर्ष में इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी. कार्यक्रम के दौरान गोड्डा के उपायुक्त जिशान कमर एसपी नाथू सिंह मीणा के अलावा प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे. पूरे कार्यक्रम के दौरान नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा कार्यक्रम बहिष्कार चर्चे में रहा. जिस वक्त जिला परिषद अध्यक्ष नाराजगी दिखा रहे थे उस वक्त एसडीओ गोड्डा मनोज कुमार उन्हे मानते दिखे लेकिन वो नहीं माने.

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