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गोड्डाः ECL राजमहल परियोजना में कोयला उत्पादन ठप, नहीं हुई कहलगांव और फरक्का NTPC को आपूर्ति - गोड्डा में कोल मजदूरों की तीन दिवसीय हड़ताल

गोड्डा जिले के ललमटिया स्थित ईसीएल राजमहल परियोजना में शुक्रवार को कोयला का उत्पादन और आपूर्ति पूरी तरह से ठप रहा. केंद्र सरकार के कोयला खदानों के निजीकरण के विरोध में मजदूरों की तीन दिवसीय हड़ताल जारी है.

कोल मजदूरों का प्रदर्शन.
कोल मजदूरों का प्रदर्शन.
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Published : Jul 3, 2020, 8:30 PM IST

गोड्डाः शुक्रवार को जिले के ललमटिया स्थित ईसीएल राजमहल परियोजना में कोयला का उत्पादन और आपूर्ति बाधित रही. इस कारण देश के दो बड़े कहलगांव और फरक्का एनटीपीसी को कोयला आपूर्ति नहीं हो सकी. दरअसल केंद्र सरकार के कोयला खदानों के निजीकरण के विरोध में ये आपूर्ति बाधित रही.

कोयला खदान के निजीकरण का विरोध
जिले के ललमटिया स्थित ईसीएल राजमहल परियोजना को केंद्र सरकार द्वारा कोयला खदान के निजीकरण के विरोध में बंद कराया गया. इस कारण कोयला का उत्पादन पूरी तरह से ठप रहा. ललमटिया कोयला खदान से देश के दो बड़े एनटीपीसी कहलगांव और फरक्का को कोयले को आपूर्ति की जाती है.

इसे भी पढ़ें- कोयला खदानों की नीलामी के निर्णय का विरोध कर झारखंड का नुकसान कर रही हेमंत सरकार: अर्जुन मुंडा

कोयला उत्पादन और आपूर्ति दोनों पूरी तरह से बंद
ईसीएल राजमहल परियोजना देश की सबसे बड़ी ओपन कास्ट माइंस प्रोजेक्ट है, जहां कोयला उत्पादन और आपूर्ति दोनों पूरी तरह से बंद है. केंद्र सरकार के खिलाफ कोयला खदान को विभिन्न ट्रेड यूनियन द्वारा तीन दिवसीय बंद कराया गया है, जिसका समर्थन राज्य सरकार के घटक दल भी कर रहे है.

खदान कर्मियों का भी समर्थन
महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया था, लेकिन वर्तमान सरकार चंद उद्योगपतियों के फायदे के लिए इन खदानों का निजीकरण कर रही है. वहीं, पूर्व विधायक और झारखंड कोलियरी मजदूर संघ के केंद्रिय राजेश रंजन ने कहा की वे स्थानीय और राज्य के लोगों के हितों को अनदेखी किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं करेंगे, साथ ही कहा कि उन्हें खदान कर्मियों का भी समर्थन मिल रहा है. प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को भी बाधित किया.

गोड्डाः शुक्रवार को जिले के ललमटिया स्थित ईसीएल राजमहल परियोजना में कोयला का उत्पादन और आपूर्ति बाधित रही. इस कारण देश के दो बड़े कहलगांव और फरक्का एनटीपीसी को कोयला आपूर्ति नहीं हो सकी. दरअसल केंद्र सरकार के कोयला खदानों के निजीकरण के विरोध में ये आपूर्ति बाधित रही.

कोयला खदान के निजीकरण का विरोध
जिले के ललमटिया स्थित ईसीएल राजमहल परियोजना को केंद्र सरकार द्वारा कोयला खदान के निजीकरण के विरोध में बंद कराया गया. इस कारण कोयला का उत्पादन पूरी तरह से ठप रहा. ललमटिया कोयला खदान से देश के दो बड़े एनटीपीसी कहलगांव और फरक्का को कोयले को आपूर्ति की जाती है.

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कोयला उत्पादन और आपूर्ति दोनों पूरी तरह से बंद
ईसीएल राजमहल परियोजना देश की सबसे बड़ी ओपन कास्ट माइंस प्रोजेक्ट है, जहां कोयला उत्पादन और आपूर्ति दोनों पूरी तरह से बंद है. केंद्र सरकार के खिलाफ कोयला खदान को विभिन्न ट्रेड यूनियन द्वारा तीन दिवसीय बंद कराया गया है, जिसका समर्थन राज्य सरकार के घटक दल भी कर रहे है.

खदान कर्मियों का भी समर्थन
महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया था, लेकिन वर्तमान सरकार चंद उद्योगपतियों के फायदे के लिए इन खदानों का निजीकरण कर रही है. वहीं, पूर्व विधायक और झारखंड कोलियरी मजदूर संघ के केंद्रिय राजेश रंजन ने कहा की वे स्थानीय और राज्य के लोगों के हितों को अनदेखी किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं करेंगे, साथ ही कहा कि उन्हें खदान कर्मियों का भी समर्थन मिल रहा है. प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को भी बाधित किया.

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