गोड्डाः रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस के उद्धाटन के दौरान जिले में प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ी. पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस ने सांसद पर आरोप लगाया, वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने विधायक प्रदीप यादव और जिला प्रशास को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया.
गोड्डा रेलवे स्टेशन पर रेल मंत्रालय के सौजन्य से मंच सजा था. गोड्डा-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस का दिल्ली से ऑनलाइन उद्घाटन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया. मंच पर लगे कुर्सी में सबके नाम की जगह सुरक्षित थी. लेकिन भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और विधायक अमित मंडल नहीं बैठे. वो नीचे अपने कार्यकर्ता के साथ बैठ गए. इस पर सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ऐसा उन्होंने इसीलिए किया क्योंकि एक बार फिर गोड्डा शर्मसार हो जाता पिछले साल की तरह. यहां पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ और प्रशासन ने राज्य सरकार के एजेंट की तरह काम किया.
वहीं झारखंड के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि यह झामुमो या कांग्रेस का मंच नही था. पक्ष-विपक्ष साथ बैठते हैं. भले विचार में भिन्नता हो. उन्हें संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठते हुए बड़ा दिल दिखाना चाहिए. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि जिस केंद्रीय मंत्री ने सांसद का नाम सम्मान से लिया. उन्होंने उसी का अपमान किया और उनके विभाग के द्वारा मंच को छोड़ नीचे बैठे.
मंच पर विधायक प्रदीप यादव के आग बबूला होने की वजह को लेकर कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि ये नियम के अनुसार और जो शेड्यूल जारी है उंसके अनुसार पहले विधायक, फिर सांसद फिर राज्य मंत्री और फिर केंद्रीय मंत्री का सम्बोधन होना था. लेकिन सांसद निशिकांत दुबे ने अपने प्रभाव का उपयोग कर विधायक के संबोधन के बाद भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव मेहता का संबोधन कराकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया. इस बाबत वे रेलवे को लिखेंगे. मंत्री चंपई सोरेन ने भी इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन कहा और विधायक प्रदीप यादव के विरोध को सही करार दिया.
वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि जिला प्रशासन ने प्रोटोकॉल की धज्जी उड़ाई. साथ ही कहा कि गोड्डा जैसे पिछड़े जिले पिछड़े समाज से आने वाले नेता राजीव मेहता का अपमान किया. इससे पूर्व पिछले साल मधुपुर के पूर्व नगर अध्यक्ष संजय यादव का अपमान किया गया था. जबकि वे राज्य में पिछड़ा के 27 प्रतिशत आरक्षण का मांग करते हैं.