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गोड्डा में 51 हजार मजदूरों को रोजगार देने की कवायद तेज, सर्वे के बाद स्किल के अनुसार मिलेगा काम

गोड्डा जिले के 51,000 मजदूरों को रोजगार देने की कवायद में जिला प्रशासन जुट गई है. बता दें कि केंद्र की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत स्कीम के लिए चयनित है गोड्डा जिला. इसे के तहत मिलेगा रोजगार.

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प्रवासी मजदूर
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Published : Jul 16, 2020, 7:29 PM IST

गोड्डा: झारखंड के उन जिलों में गोड्डा है जहां केंद्र की दो-दो योजनाएं चल रही हैं. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत. इसके तहत झारखंड के तीन जिलों का चयन किया गया है. जिसमें गोड्डा, गिरिडीह और हजारीबाग जिले शामिल हैं.

देखें पूरी खबर

51,000 मजदूर आ चुके हैं गोड्डा
गोड्डा जिले में कुल 51, 000 मजदूर आए हैं. जिनमें 48 हजार प्रवासी मजदूर हैं. इन मजदूरों के स्किल का सर्वे कराकर उनके प्रतिभा के मुताबिक उन्हें रोजगार मुहैया कराने में जिला प्रशासन लगी है. वहीं, जो अकुशल मजदूर हैं, उन्हें भी रोजगार देना प्रशासन की जिम्मेदारी है.

ये भी पढ़ें- बाघ देखने पर पांच हजार रुपए का इनाम, पीटीआर में मार्च के बाद नहीं दिखा एक भी टाइगर

कम मजदूरी के कारण प्रवासी मजदूर असहज

बता दें कि जिले में दोनों योजना के तहत 25 विभाग को चयनित कर योजनाओं की शुरुआत जिला प्रशासन को करना है. इसी के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को काम देना है. जिले में दोनों ही महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत के साथ काम मिलना शुरू हुआ है, लेकिन कम मजदूरी के कारण प्रवासी मजदूर थोड़े असहज महसूस कर रहे हैं.

गोड्डा: झारखंड के उन जिलों में गोड्डा है जहां केंद्र की दो-दो योजनाएं चल रही हैं. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत. इसके तहत झारखंड के तीन जिलों का चयन किया गया है. जिसमें गोड्डा, गिरिडीह और हजारीबाग जिले शामिल हैं.

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51,000 मजदूर आ चुके हैं गोड्डा
गोड्डा जिले में कुल 51, 000 मजदूर आए हैं. जिनमें 48 हजार प्रवासी मजदूर हैं. इन मजदूरों के स्किल का सर्वे कराकर उनके प्रतिभा के मुताबिक उन्हें रोजगार मुहैया कराने में जिला प्रशासन लगी है. वहीं, जो अकुशल मजदूर हैं, उन्हें भी रोजगार देना प्रशासन की जिम्मेदारी है.

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कम मजदूरी के कारण प्रवासी मजदूर असहज

बता दें कि जिले में दोनों योजना के तहत 25 विभाग को चयनित कर योजनाओं की शुरुआत जिला प्रशासन को करना है. इसी के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को काम देना है. जिले में दोनों ही महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत के साथ काम मिलना शुरू हुआ है, लेकिन कम मजदूरी के कारण प्रवासी मजदूर थोड़े असहज महसूस कर रहे हैं.

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