गिरिडीह: सऊदी अरब में फंसे झारखंड के 45 मजदूरों की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब हो रही है. खाने-पीने की समस्या मजदूर झेल रहे हैं. वहां से मजदूर लगातार वीडियो मैसेज भेजकर मदद की गुहार लगा रहे हैं. इन मजदूरों की समस्या को देखते हुए झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो मंगलवार को गिरिडीह पहुंचे. यहां जयराम के साथ मोतीलाल महतो, महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव, रॉकी नवल समेत कई लोग थे. इनके द्वारा जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया और फंसे हुए मजदूर को सकुशल वापस वतन लाने की मांग रखी.
जयराम ने कहा कि हजारीबाग बिष्णुगढ़, गिरिडीह के बगोदर व बोकारो के नावाडीह प्रखंड के मजदूर फंसे हुए हैं. कहा कि मजदूरों को सभी सुविधा देने का वादा किया गया लेकिन सऊदी ले जाने में उनके साथ धोखा हुआ है. बताया कि वे आज इस विषय को लेकर डीसी से मिलने आए थे. डीसी नहीं थे तो डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार से वार्ता हुई. सऊदी में फंसे मजदूरों ने वीडियो कॉलिंग कर निदेशक से बात की. प्रशासन ने त्वरित कार्यवाई का भरोसा दिया है. कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द से जल्द मजदूर वतन लौटेंगे.
यहां बता दें कि 11 मई 2023 को सभी मजदूर कॉमर्शियल टेक्नोलॉजी के ट्रांसमिशन लाइन में काम करने कॉन्ट्रैक्ट पर सऊदी अरब गये थे. इसके एवज में बतौर कमीशन 55 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ा. काम के बदले लाइनमैन को 1500 रियाल, हेल्पर को 1100 रियाल के अलावा ओवरटाइम के लिए 750 रियाल और खाने-पीने के लिए अलग से 300 रियाल देने का आश्वासन मिला था. लेकिन सात महीना काम करवाकर कंपनी ने मात्र दो महीने की मजदूरी का भुगतान किया. शेष भुगतान के लिए टालमटोल रवैया अपना रही है. इसके बाद मजदूरों ने हड़ताल किया तो कंपनी ने उन्हें खाना-पीना देना बंद कर दिया है.
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